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मोहन यादव का मध्य प्रदेश कर्जे में है डूबा, कर्जदार राज्यों की लिस्ट में क्या है रैंकिंग - TOP 10 LOAN STATES MP 9TH POSITION

देश में सबसे कर्जदार राज्यों की सूची में मध्य प्रदेश की रैंकिंग बदली है. लेटेस्ट लिस्ट और जानें 4 लाख 80 हजार 976 करोड़ का कर्ज कैसे हुआ.

TOP 10 LOAN STATES MP 9TH POSITION
कर्जदार राज्यों की सूची में 9वें नंबर पर मध्य प्रदेश (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 27, 2024, 7:45 PM IST

Updated : Dec 28, 2024, 11:24 AM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता रहा है. देश पर जितना कर्ज है, उसका 5 फीसदी कर्ज मध्यप्रदेश पर हो गया है. इसका खुलासा बजट अनुमान 2025 से हुआ है. मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लगातार लिए जा रहे कर्ज के चलते मध्यप्रदेश टॉप 10 कर्ज लेने वाले राज्यों की सूची में 9 वें स्थान पर पहुंच गया है. बजट अनुमान के मुताबिक मध्यप्रदेश पर कुल कर्ज बढ़कर 4 लाख 80 हजार 976 करोड़ हो गया है. राज्य सरकार ने इस माह ही करीबन 10 हजार करोड़ का कर्ज लिया है. उधर देश पर कुल कर्ज 93 लाख 93 हजार 317 करोड़ रुपए का है. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लगातार लिए जा रहे कर्ज को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.

कर्जदार राज्यों की सूची में 9वें स्थान पर मध्य प्रदेश

देश में सबसे कर्जदार राज्यों की सूची में मध्य प्रदेश 9वें स्थान पर पहुंच गया है. आरबीआई के आंकड़ों के हिसाब से देखें तो मध्य प्रदेश पर कुल 4 लाख 80 हजार 976 करोड़ का कर्ज हो गया है. कर्जदार राज्यों की सूची में तमिलनाडु टॉप पर पहुंच गया है.

MADHYA PRADESH DEBT BURDEN
कर्जदार राज्यों की सूची में तमिलनाडु टॉप पर,मध्य प्रदेश 9वें स्थान पर (ETV Bharat)
  • कर्जदार राज्यों में तमिलनाडु टॉप पर है. तमिलनाडु पर 9 लाख 55 हजार 690 करोड़ का कर्ज है.
  • कर्जदार राज्यों की सूची में उत्तरप्रदेश दूसरे स्थान पर है. उत्तर प्रदेश पर 8 लाख 57 हजार 844 करोड़ का कर्ज है.
  • कर्जदार राज्यों में महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर है. महाराष्ट्र पर 8 लाख 12 हजार 68 करोड़ का कर्ज है.
  • कर्जदार राज्यों की सूची में कर्नाटक चौथे नंबर पर है. कर्नाटक पर कुल कर्ज 7 लाख 25 हजार 455 करोड़ का कर्ज है.
  • कर्जदार राज्यों की सूची में पश्चिम बंगाल 5वें स्थान पर है. पश्चिम बंगाल पर 7 लाख 14 हजार 195 करोड़ का कर्ज है.
  • कर्जदार राज्यों की सूची में राजस्थान 6वें स्थान पर है. राजस्थान पर 6 लाख 37 हजार 35 करोड़ का कर्ज है.
  • कर्जदार राज्यों की सूची में आंध्र प्रदेश 7वें स्थान पर है. आंध्र प्रदेश पर 5 लाख 62 हजार 557 करोड़ का कर्ज है.
  • कर्जदार राज्यों की सूची में गुजरात 8वें स्थान पर है. गुजरात पर 4 लाख 94 हजार 435 करोड़ का कर्ज है.
  • कर्जदार राज्यों की सूची में मध्य प्रदेश 9वें स्थान पर है. मध्य प्रदेश पर कुल 4 लाख 80 हजार 976 करोड़ का कर्ज है.

मध्य प्रदेश सरकार लगातार ले रही कर्ज

तमाम कोशिशों के बाद भी प्रदेश सरकार पर्याप्त वित्तीय साधन नहीं जुटा पा रही है. इसकी वजह से सरकार को लगातार कर्ज लेना पड़ रहा है. साल 2007 तक प्रदेश सरकार पर 52 हजार 731 करोड़ का कर्ज था, जो अब बढ़कर 4 लाख 80 हजार करोड़ को पार कर गया है. कर्ज का सिलसिला लगातार जारी है. इस वित्तीय वर्ष में ही राज्य सरकार करीबन 35 हजार करोड़ का कर्ज बाजार से ले चुकी है. दिसंबर माह में ही सरकार 10 हजार करोड़ का कर्ज ले रही है. जबकि इसी माह राज्य सरकार ने विधानसभा से 20 हजार करोड़ से ज्यादा का अनुपूरक बजट पेश कराया है.

कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल

सरकार द्वारा लगातार लिए जा रहे कर्ज को लेकर कांग्रेस प्रदेश सरकार पर लगातार निशाना साध रही है. हाल ही में हुए विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस ने सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन के आरोप लगाए थे और अनुपूरक बजट के दौरान सरकार से लिए जा रहे कर्ज का हिसाब मांगा था. विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे आरोप लगाते हैं कि "सरकार सिर्फ कर्ज लेकर योजनाओं के नाम भ्रष्टाचार कर रही है. कर्ज कैसे कम हो इसको लेकर दूरदृष्टि सरकार के काम काज में दिखाई नहीं देती. यही वजह है कि अब प्रदेश में पैदा होने वाले हर बच्चे पर 50 हजार रुपए का कर्ज हो जाता है."

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि "सरकार जो भी कर्ज लेती है, वह सीमा के अंदर और प्रदेश की जरूरतों के लिए ले रही है. जो कर्ज लिया जा रहा है, उसे समय पर चुकाया जाएगा."

भोपाल: मध्य प्रदेश पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता रहा है. देश पर जितना कर्ज है, उसका 5 फीसदी कर्ज मध्यप्रदेश पर हो गया है. इसका खुलासा बजट अनुमान 2025 से हुआ है. मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लगातार लिए जा रहे कर्ज के चलते मध्यप्रदेश टॉप 10 कर्ज लेने वाले राज्यों की सूची में 9 वें स्थान पर पहुंच गया है. बजट अनुमान के मुताबिक मध्यप्रदेश पर कुल कर्ज बढ़कर 4 लाख 80 हजार 976 करोड़ हो गया है. राज्य सरकार ने इस माह ही करीबन 10 हजार करोड़ का कर्ज लिया है. उधर देश पर कुल कर्ज 93 लाख 93 हजार 317 करोड़ रुपए का है. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लगातार लिए जा रहे कर्ज को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.

कर्जदार राज्यों की सूची में 9वें स्थान पर मध्य प्रदेश

देश में सबसे कर्जदार राज्यों की सूची में मध्य प्रदेश 9वें स्थान पर पहुंच गया है. आरबीआई के आंकड़ों के हिसाब से देखें तो मध्य प्रदेश पर कुल 4 लाख 80 हजार 976 करोड़ का कर्ज हो गया है. कर्जदार राज्यों की सूची में तमिलनाडु टॉप पर पहुंच गया है.

MADHYA PRADESH DEBT BURDEN
कर्जदार राज्यों की सूची में तमिलनाडु टॉप पर,मध्य प्रदेश 9वें स्थान पर (ETV Bharat)
  • कर्जदार राज्यों में तमिलनाडु टॉप पर है. तमिलनाडु पर 9 लाख 55 हजार 690 करोड़ का कर्ज है.
  • कर्जदार राज्यों की सूची में उत्तरप्रदेश दूसरे स्थान पर है. उत्तर प्रदेश पर 8 लाख 57 हजार 844 करोड़ का कर्ज है.
  • कर्जदार राज्यों में महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर है. महाराष्ट्र पर 8 लाख 12 हजार 68 करोड़ का कर्ज है.
  • कर्जदार राज्यों की सूची में कर्नाटक चौथे नंबर पर है. कर्नाटक पर कुल कर्ज 7 लाख 25 हजार 455 करोड़ का कर्ज है.
  • कर्जदार राज्यों की सूची में पश्चिम बंगाल 5वें स्थान पर है. पश्चिम बंगाल पर 7 लाख 14 हजार 195 करोड़ का कर्ज है.
  • कर्जदार राज्यों की सूची में राजस्थान 6वें स्थान पर है. राजस्थान पर 6 लाख 37 हजार 35 करोड़ का कर्ज है.
  • कर्जदार राज्यों की सूची में आंध्र प्रदेश 7वें स्थान पर है. आंध्र प्रदेश पर 5 लाख 62 हजार 557 करोड़ का कर्ज है.
  • कर्जदार राज्यों की सूची में गुजरात 8वें स्थान पर है. गुजरात पर 4 लाख 94 हजार 435 करोड़ का कर्ज है.
  • कर्जदार राज्यों की सूची में मध्य प्रदेश 9वें स्थान पर है. मध्य प्रदेश पर कुल 4 लाख 80 हजार 976 करोड़ का कर्ज है.

मध्य प्रदेश सरकार लगातार ले रही कर्ज

तमाम कोशिशों के बाद भी प्रदेश सरकार पर्याप्त वित्तीय साधन नहीं जुटा पा रही है. इसकी वजह से सरकार को लगातार कर्ज लेना पड़ रहा है. साल 2007 तक प्रदेश सरकार पर 52 हजार 731 करोड़ का कर्ज था, जो अब बढ़कर 4 लाख 80 हजार करोड़ को पार कर गया है. कर्ज का सिलसिला लगातार जारी है. इस वित्तीय वर्ष में ही राज्य सरकार करीबन 35 हजार करोड़ का कर्ज बाजार से ले चुकी है. दिसंबर माह में ही सरकार 10 हजार करोड़ का कर्ज ले रही है. जबकि इसी माह राज्य सरकार ने विधानसभा से 20 हजार करोड़ से ज्यादा का अनुपूरक बजट पेश कराया है.

कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल

सरकार द्वारा लगातार लिए जा रहे कर्ज को लेकर कांग्रेस प्रदेश सरकार पर लगातार निशाना साध रही है. हाल ही में हुए विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस ने सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन के आरोप लगाए थे और अनुपूरक बजट के दौरान सरकार से लिए जा रहे कर्ज का हिसाब मांगा था. विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे आरोप लगाते हैं कि "सरकार सिर्फ कर्ज लेकर योजनाओं के नाम भ्रष्टाचार कर रही है. कर्ज कैसे कम हो इसको लेकर दूरदृष्टि सरकार के काम काज में दिखाई नहीं देती. यही वजह है कि अब प्रदेश में पैदा होने वाले हर बच्चे पर 50 हजार रुपए का कर्ज हो जाता है."

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि "सरकार जो भी कर्ज लेती है, वह सीमा के अंदर और प्रदेश की जरूरतों के लिए ले रही है. जो कर्ज लिया जा रहा है, उसे समय पर चुकाया जाएगा."

Last Updated : Dec 28, 2024, 11:24 AM IST
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