रीवा। जिले की चोरहटा थाना पुलिस ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए मेडिकल पीजी परीक्षा में एडमिशन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. जिसमें गिरोह के एक सदस्य को पुलिस द्वारा दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों द्वारा लोगों से एडमिशन दिलाने के नाम पर 10-10 लाख रुपए की मांग की जाती थी. बाद में उन्हें परेशान किया जाता था, जिसकी शिकायत रीवा के चोरहटा थाने में फरियादी राघवेंद्र कुमार तिवारी के द्वारा की गई थी.
- PG परीक्षा में एडमिशन दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी
दरअसल रीवा जिले के चोरहटा थाने में फरियादी राघवेंद्र कुमार तिवारी के द्वारा बीते दिनों शिकायत दर्ज कराई गई की मेडिकल पीजी परीक्षा में एडमिशन दिलाने के नाम पर उन से ठगी की गई है. जिसके बाद रीवा जिला पुलिस प्रशासन ने आरोपियों के धरपकड़ की शुरू की. रीवा जिला पुलिस की एक टीम दिल्ली पहुंची. जहां से गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस की टीम ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद इसकी जानकारी मीडिया से साझा की गई.
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- फर्जी मार्कशीट व कई दस्तावेज हुए बरामद
बताया जा रहा है की गैंग एमबीएस परीक्षा पास डॉक्टरों को काउंसिलिंग के जरिये कम पैसे में देश के व नेपाल के कई कॉलेजों डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (मेडिकल पी.जी. परीक्षा) कराने के नाम पर अच्छी मोटी रकम आपने खातों में ट्रांसफर कराकर गायब हो जाते थे. इसके लिए बकायदा उत्तरी दिल्ली के बाली नगर में आफिस खोल रखे थे. पुलिस ने छापामारी के दौरान कई मार्कशीट व करीब बारह राज्यों के अलग-अलग जिलों के छात्रों के दस्तावेज मिले हैं. जिनमें उक्त द्वारा पूरे देश में फर्जीवाड़ा किये जाने की संभावना है.
- अंतरराज्जीय गिरोह का रीवा पुलिस ने किया पर्दाफाश
आरोपी अपने दो आधार कार्ड अलग-अलग पते के अलग- अलग आधार नंबर बना रखा था. गिरोह के पन्द्रह बैंक खाते फ्रीज कराये गये हैं. पाये गये दस्तावेजों के आधार पर विवेचना के दौरान अलग-अलग राज्यों से अन्य पीडितों से संपर्क किया जायेगा. जिसमें एक मेडीकल के क्षेत्र में एक बहुत बड़े देश व्यापी नेटवर्क का खुलासा होने की संभावना है. गैंग में कुछ प्राइवेट मेडीकल कॉलेजों के संचालकों की मिलीभगत की भी संभावना है.
- 10-10 लाख की अरोपी करते थे वसूली
पुलिस का कहना है कि आरोपियों द्वारा मेडिकल पीजी परीक्षा में एडमिशन दिलाने के नाम पर लोगों से दस दस लाख रुपए की वसूली की जाती थी. जिसके बाद पैसे लेकर देश और विदेश के अलग-अलग हिस्सों में उन्हें पेपर के लिए भेजा जाता था. जिसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को मिली तो उन्होंने आरोपियों की धरपकड़ की कोशिश शुरू कर दी. अंत में रीवा पुलिस को सफलता मिली और दिल्ली जाकर पुलिस की टीम ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया.
- फरियादी की आपबीती
फरियादी ने बताया की उसके द्वारा MBBS वर्ष 2013 में मेडिकल कालेज रीवा से किया था और PG की डिग्री प्राप्त करने के लिए सबसे पहले जनवरी 2020 में रायल इमीग्रेशन एण्ड स्टूडेन्टस कनसलटेन्सी नई दिल्ली द्वारा मोबाइल फोन में मैसेज प्राप्त होने पर वह दिल्ली गया था, जहां संस्था के कार्यालय में संचालक ललित गुप्ता से संपर्क कर जानकारी लेने पर उनके द्वारा कसलटेन्सी के राजिस्ट्रेशन का कागज वगैरह दिखाया गया. जिससे उसे विश्वास हो गया कि यह संस्था सही है.
इसके बाद फरियादी वापस आकर दिनांक 24/02/2020 को संस्था के संचालक विशाल कुमार के खाता क्रमांक 1213713978 बैंक शाखा कोटक महेन्द्रा में 20,000 रुपये आनलाइन अपने खाते से ट्रान्सफर किया.
फरियादी द्वारा खाते में रकम ट्रांसफर करने के बाद संस्था के संचालक ललित गुप्ता से संपर्क कर जानकारी प्राप्त की. ललित गुप्ता के बुलाने पर फरियादी राघवेंद्र तिवारी दिल्ली जाकर उससे मिला. जिसमें उसके द्वारा कहा गया कि आपको मेडिकल कालेज में PG सीट एडवांस बुक करने के लिए दस लाख रुपये देने होंगे.
फरियादी की संतुष्टी के लिए दस लाख का चेक भरकर विशाल कुमार ने दिनांक 19/03/2020 को एक एग्रीमेन्ट मेमोरण्डम कागजात सहित दिया. उस समय उसका दोस्त अभ्योदय सिंह भी मौजूद था. इसके बाद फरियादी राघवेंद्र तिवारी ने संस्था पर विश्वास करके विशाल कुमार के ऊपर लिखित खाता में दिनांक 07/3/20 99,000/, 17/03/20 को 99000/ और 19/3/20 को 6,50,000 कुल रकम 8,68,000 रुपये अपने खाते से ट्रान्सफर किया.
कोरोना के कारण लॉकडाउन होने से प्रवेश परीक्षा नहीं हो पायी और परीक्षा की तिथी बढ़ती गई.
नेपाल मेडिकल की परीक्षा की तिथी बढ़कर 02/01/2021 हो गई. फरियादी राघवेंद्र तिवारी ने दिनांक 02/01/2021 नेपाल के काठमाण्डू शहर में जाकर परीक्षा दी.
परीक्षा के बाद संचालक ललित गुप्ता ने उसे फोन किया और यह कहा कि आपको यदि मैं दिल्ली के ही किसी मेडिकल कालेज में एडमीशन दिलवा दूं तो क्या आप तैयार हैं. जिसके बाद फरियादी ने कहा की वह दिल्ली आकर उससे मिलता है. फरियादी 04/01/2021 को ललित गुप्ता से रमेश नगर स्थित कंसलटेन्सी के आफिस में जाकर मिला. तब उन्होंने ये बताया कि वह उसका गवर्नमेन्ट नामिनी सीट के लिए आवेदन करवा देता है. अगर उसका आवेदन मंत्रालय से स्वीकार हो जाता है तो उसे ये सीट प्राइवेट कालेज में लगने वाली फीस में ही हो जायेगा. फरियादी द्वारा उसे अपना आवेदन लिखित रूप में उनके द्वारा गये फार्मेट अनुसार भरकर दे दिया.
दिनांक 12/01/21 को ललित गुप्ता ने पीड़ित राघवेंद्र को फोन पर बताया कि उसका आवेदन स्वीकार हो गया है. अब आप यहां आकर एडमिशन ले लिजिए, जिसके लिए शर्त बताई की एडमीशन होने के तुरन्त बाद पैसा देना होगा.
जिसके बाद पैसे की व्यवस्था कर दिनांक 27/01/21 को दिल्ली गया और 28/01/2021 को अपने खाते से 950000/- रूपए नगद निकाले और 29/01/21 को रायल इमीग्रेशन एण्ड कसंलटेन्सी के दो अलग-अलग एकाउण्ट में RTGS का चेक जमा करवा दिया. बैंक मैनेजर से ये बात फरियादी कही गई की जब वह फोन में कन्फरमेशन दे तो आप RTGS करवा देना 29/01/21 को फरियादी को ललित गुप्ता और विशाल कुमार के द्वारा मौलाना आजाद मेडिकल कालेज नई दिल्ली अपनी कार में ले जाया गया. कालेज के कैम्पस के अंदर एक व्यक्ति से मिलवाया जिसने फरियादी राघवेंद्र के द्वारा जो आवेदन किया था. आवेदन के स्वीकार होने की पूरी प्रक्रिया में जिनके जिनके व्दारा नोट सीट चलाई गई. उसके कागजात सबूत के तौर पर दिखाए गए.