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सैकड़ों प्रवासी मजदूरों का पेट भरने आगे आईं किन्नर आंचल, जंगल से पत्ते तोड़कर पत्तल में कराती हैं भोजन

रीवा के त्योथर क्षेत्र अंतर्गत सोहागी पहाड़ में पिछले दो महीने से लगातार किन्नरों द्वारा प्रवासी मजदूरों को खाना खिलाने का काम जारी है. समाज से वंचित किन्नर समाज ने प्रवासी मजदूरों को खाना खिलाने का यह जिम्मा उठाते हुए मानव समाज को अपना एक अलग ही संदेश दिया है.

eunuch providing food  to migrant labors
प्रवासी मजदूरों को भोजन कराने आगे आए किन्नर
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Published : May 14, 2020, 10:23 PM IST

रीवा। किन्नरों को भले ही समाज एक अलग नजरिए से देखते हुए दरकिनार करे, लेकिन आज जब समाज पर संकट आया तो उन्होंने लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं. ऐसे ही एक किन्नर है जो रोजाना कोरोना काल में पलायन कर रहे मजदूरों का पेट भरती हैं. वे खुद खाना बनाकर भोजन बंटवाती हैं. वहीं उनके इस काम में स्थानीय लोग भी बढ़चढ़ कर मदद करते हैं.

प्रवासी मजदूरों को भोजन कराने आगे आए किन्नर

ये भी पढे़ं- कोरोना से निपटने किन्नरों ने भी किया दान, गरीबों और मजदूरों को बांट रहे राशन

त्योंथर स्थित सोहागी में रहने वाली किन्नर आंचल प्रतिदिन प्रवासी मजदूरों को भोजन करवाती हैं. वे सुबह उठकर जंगल से पत्ते तोड़ती हैं और उसके बाद भोजन बनाने की तैयारियों में लग जाती हैं. उनके साथ तीन और किन्नर हैं जो उनकी मदद करते हैं. इसके अलावा कुछ स्थानीय लोग भी इस नेक कार्य में मदद करते हैं. आंचल ने बताया कि सुबह से ही भोजन बनाने की तैयारी शुरू हो जाती हैं. कभी पूड़ी-सब्जी तो कभी खिचड़ी सहित अलग-अलग भोजन लोगों को दिए जाते हैं.

ये भी पढ़ें- इंदौर पुलिस की नई पहल, घरों को टूटने से बचा रहे किन्नर

उन्होंने बताया कि यूपी सहित अलग-अलग राज्यों के लिए सैकड़ों लोग प्रतिदिन भूखे-प्यासे सफर करते हैं. सोहागी पहाड़ में वे रुककर सभी लोग पेट भर भोजन करते हैं. आंचल प्रतिदिन सैकड़ों लोगों को भोजन करवाती हैं. उनके इस काम की चर्चा अब पूरे क्षेत्र में हो रही है. आंचल इस काम में दूसरों की मदद भी लेती हैं और भोजन की सामग्री एकत्र कर उसको बंटवाती हैं. दिनभर उनके घर के सामने प्रवासी मजदूर एकत्र होते हैं, जो सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए भोजन लेते हैं. भोजन करने के बाद प्रवासी मजदूरों के चेहरे भी खिल जाते हैं.

किन्नर आंचल ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन घोषित है और कई दिन के भूखे लोग उनके पास पहुंच रहे हैं. यह संकट की घड़ी है और इससे सबको मिलकर लड़ना होगा. रोजाना ज्यादा से ज्यादा लोगों को भोजन करवाने का प्रयास करती हैं, ताकि कोई भी भूखा न रहे. आंचल के इस जज्बे को सलाम है.

रीवा। किन्नरों को भले ही समाज एक अलग नजरिए से देखते हुए दरकिनार करे, लेकिन आज जब समाज पर संकट आया तो उन्होंने लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं. ऐसे ही एक किन्नर है जो रोजाना कोरोना काल में पलायन कर रहे मजदूरों का पेट भरती हैं. वे खुद खाना बनाकर भोजन बंटवाती हैं. वहीं उनके इस काम में स्थानीय लोग भी बढ़चढ़ कर मदद करते हैं.

प्रवासी मजदूरों को भोजन कराने आगे आए किन्नर

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त्योंथर स्थित सोहागी में रहने वाली किन्नर आंचल प्रतिदिन प्रवासी मजदूरों को भोजन करवाती हैं. वे सुबह उठकर जंगल से पत्ते तोड़ती हैं और उसके बाद भोजन बनाने की तैयारियों में लग जाती हैं. उनके साथ तीन और किन्नर हैं जो उनकी मदद करते हैं. इसके अलावा कुछ स्थानीय लोग भी इस नेक कार्य में मदद करते हैं. आंचल ने बताया कि सुबह से ही भोजन बनाने की तैयारी शुरू हो जाती हैं. कभी पूड़ी-सब्जी तो कभी खिचड़ी सहित अलग-अलग भोजन लोगों को दिए जाते हैं.

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उन्होंने बताया कि यूपी सहित अलग-अलग राज्यों के लिए सैकड़ों लोग प्रतिदिन भूखे-प्यासे सफर करते हैं. सोहागी पहाड़ में वे रुककर सभी लोग पेट भर भोजन करते हैं. आंचल प्रतिदिन सैकड़ों लोगों को भोजन करवाती हैं. उनके इस काम की चर्चा अब पूरे क्षेत्र में हो रही है. आंचल इस काम में दूसरों की मदद भी लेती हैं और भोजन की सामग्री एकत्र कर उसको बंटवाती हैं. दिनभर उनके घर के सामने प्रवासी मजदूर एकत्र होते हैं, जो सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए भोजन लेते हैं. भोजन करने के बाद प्रवासी मजदूरों के चेहरे भी खिल जाते हैं.

किन्नर आंचल ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन घोषित है और कई दिन के भूखे लोग उनके पास पहुंच रहे हैं. यह संकट की घड़ी है और इससे सबको मिलकर लड़ना होगा. रोजाना ज्यादा से ज्यादा लोगों को भोजन करवाने का प्रयास करती हैं, ताकि कोई भी भूखा न रहे. आंचल के इस जज्बे को सलाम है.

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