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संजय गांधी अस्पताल में मरीजों की गंदा पानी पीने की मजबूरी

विंध्य क्षेत्र का सबसे बड़ा संजय गांधी अस्पताल हमेशा ही सुर्खियों में रहता है. हाल ही में अस्पताल प्रबंधन का एक और कारनामा सामने आया है. जहां लापरवाही के चलते मरीज दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.

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Published : Sep 14, 2019, 7:04 PM IST

संजय गांधी अस्पताल में नहीं मिल रहा पीने का पानी

रीवा। संजय गांधी अस्पताल में इन दिनों मरीज पीने के पानी को लेकर परेशान हैं. बावजूद इसके प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है. अस्पताल परिसर में मरीजों को दूषित पानी पिलाया जा रहा है. अस्पताल प्रबंधन आए दिन लापरवाहियों के चलते सुर्खियों में रहता है. फिर चाहे वह डॉक्टरों की लापरवाही हो या सुरक्षा व्यवस्था की.

संजय गांधी अस्पताल में नहीं मिल रहा पीने का पानी

रीवा, शहडोल व छतरपुर जैसे संभागों के दूर-दराज इलाके से मरीज संजय गांधी अस्पताल में अपना इलाज कराने आते हैं, लेकिन लापरवाह प्रबंधन इलाज करने की बजाय दूषित पानी पिलाकर बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है. बताया जा रहा है कि अस्पताल में फिल्टर प्लांट का ठेका तेजप्रताप नाम की एक निजी कंपनी को दिया गया है, जिसे पानी की टंकी की सफाई सहित अन्य सफाई व्यवस्था के लिए 40 लाख रूपए का भुगतान किया जाता है, लेकिन टंकी की सफाई केवल कागजों पर ही सीमित है. यहां का फिल्टर प्लांट सालों से बंद पड़ा है और ठेकेदार को भुगतान बराबर किया जा रहा है.

फिल्टर प्लांट के कर्मचारी का कहना है कि चार साल हो गए यहां काम करते हुए, जब से यहां काम कर रहा हूं, न तो कभी फिल्टर प्लांट चला और न ही कोई मोटर. इस मामले में जब हमारे सहयोगी ने सीएमओ अतुल सिंह से बात की तो उन्होंने भी पल्ला झाड़ते हुए कार्रवाई की बात कह दी.

रीवा। संजय गांधी अस्पताल में इन दिनों मरीज पीने के पानी को लेकर परेशान हैं. बावजूद इसके प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है. अस्पताल परिसर में मरीजों को दूषित पानी पिलाया जा रहा है. अस्पताल प्रबंधन आए दिन लापरवाहियों के चलते सुर्खियों में रहता है. फिर चाहे वह डॉक्टरों की लापरवाही हो या सुरक्षा व्यवस्था की.

संजय गांधी अस्पताल में नहीं मिल रहा पीने का पानी

रीवा, शहडोल व छतरपुर जैसे संभागों के दूर-दराज इलाके से मरीज संजय गांधी अस्पताल में अपना इलाज कराने आते हैं, लेकिन लापरवाह प्रबंधन इलाज करने की बजाय दूषित पानी पिलाकर बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है. बताया जा रहा है कि अस्पताल में फिल्टर प्लांट का ठेका तेजप्रताप नाम की एक निजी कंपनी को दिया गया है, जिसे पानी की टंकी की सफाई सहित अन्य सफाई व्यवस्था के लिए 40 लाख रूपए का भुगतान किया जाता है, लेकिन टंकी की सफाई केवल कागजों पर ही सीमित है. यहां का फिल्टर प्लांट सालों से बंद पड़ा है और ठेकेदार को भुगतान बराबर किया जा रहा है.

फिल्टर प्लांट के कर्मचारी का कहना है कि चार साल हो गए यहां काम करते हुए, जब से यहां काम कर रहा हूं, न तो कभी फिल्टर प्लांट चला और न ही कोई मोटर. इस मामले में जब हमारे सहयोगी ने सीएमओ अतुल सिंह से बात की तो उन्होंने भी पल्ला झाड़ते हुए कार्रवाई की बात कह दी.

Intro:एंकर- संजय गांधी अस्पताल में इन दिनों मरीज पानी पानी के मोहताज हो रहे हैं... और मौन प्रशासन बेखबर बना बैठा है... दरअसल अस्पताल परिसर में मरीजों को दूषित पानी पिलाया जाता है इसके कारण बीमारियां और तेजी के साथ बढ़ती जा रही है...

Body:वी, ओ - विंध्य क्षेत्र का सबसे बड़ा संजय गांधी अस्पताल आए दिन अपनी लापरवाही के चलते सुर्खियों पर रहता है फिर चाहे वह डॉक्टरों की लापरवाही हो या सुरक्षा व्यवस्था की... इस बार भी संजय गांधी अस्पताल अपनी चूक के कारण एक बार फिर सुर्खियों में आया है....

कहने को तो रीवा, शहडोल तथा छतरपुर जैसे संभागों के दूर-दूर इलाके से मरीज संजय गांधी अस्पताल में अपना इलाज कराने आते हैं मगर अस्पताल परिसर की लापरवाही इस कदर सामने आती है कि उस पर कोई कुछ कह भी नहीं पाता....

दरअसल अस्पताल परिसर से ताजा मामला सामने आया है पीने के पानी का... दूरदराज से आए मरीजों को अस्पताल परिसर में गंदा पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ता है... मगर उसकी स्वच्छता को लेकर किसी की कोई जिम्मेदारी ही नहीं बनती... तथा दूषित पानी पीकर लोग और बीमार हो जाते हैं...

बताया जा रहा है कि संजय गांधी अस्पताल मे फिल्टर प्लांट का ठेका तेजप्रताप नाम की एक निजी कंपनी को दिया गया है जिसके द्वारा हमेशा से ही पानी की टंकी की सफाई कराए जाने की बात की जाती है... तथा अस्पताल परिसर से 40 लाख रूपय का भुगतान भी किया जाता है ... परंतु टंकी की सफाई केवल कागजों पर ही सीमित है जबकि फिल्टर प्लांट सालों से बंद पड़ा है और ठेकेदार का भुगतान बराबर किया जा रहा है....
इसके अलावा पानी मे ब्लीचिंग पाउडर तक नहीं मिलाया जाता है और सीधे पानी नदी से होकर अस्पतालों में पहुंच रहा है और उसी दूषित पानी को पीने के लिए मरीज भी मजबूर है...

बता दें जो मरीज दूरदराज से इलाज के लिए आते हैं वह इस पानी को पीकर और भी बीमार हो रहे हैं... लेकिन अस्पताल प्रबंधन की मिली-भगत से यह खेल निरंतर खेला जा रहा है... वही फिल्टर प्लांट में लगे कर्मचारी का कहना है कि हमें 4 साल हो गया इस फिल्टर प्लांट में काम करते हुए जब से मैं यहां काम कर रहा हूं मगर न तो कभी फिल्टर प्लांट चला और ना ही कोई मोटर.... मामले पर जब हमने सीएमओ अतुल सिंह से बात की तो उन्होंने भी अपना पल्ला झाड़ते हुए कार्यवाही की बात कर दी

byte 1 भास्कर पांडे
मरीज के परिजन
byte 2 किशन पांडे
सुरक्षा गार्ड फिल्टर प्लांट
byte 3 अतुल सिंह
सीएमओ संजय गांधी अस्पतालConclusion:.....
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