रीवा। संजय गांधी अस्पताल में इन दिनों मरीज पीने के पानी को लेकर परेशान हैं. बावजूद इसके प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है. अस्पताल परिसर में मरीजों को दूषित पानी पिलाया जा रहा है. अस्पताल प्रबंधन आए दिन लापरवाहियों के चलते सुर्खियों में रहता है. फिर चाहे वह डॉक्टरों की लापरवाही हो या सुरक्षा व्यवस्था की.
रीवा, शहडोल व छतरपुर जैसे संभागों के दूर-दराज इलाके से मरीज संजय गांधी अस्पताल में अपना इलाज कराने आते हैं, लेकिन लापरवाह प्रबंधन इलाज करने की बजाय दूषित पानी पिलाकर बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है. बताया जा रहा है कि अस्पताल में फिल्टर प्लांट का ठेका तेजप्रताप नाम की एक निजी कंपनी को दिया गया है, जिसे पानी की टंकी की सफाई सहित अन्य सफाई व्यवस्था के लिए 40 लाख रूपए का भुगतान किया जाता है, लेकिन टंकी की सफाई केवल कागजों पर ही सीमित है. यहां का फिल्टर प्लांट सालों से बंद पड़ा है और ठेकेदार को भुगतान बराबर किया जा रहा है.
फिल्टर प्लांट के कर्मचारी का कहना है कि चार साल हो गए यहां काम करते हुए, जब से यहां काम कर रहा हूं, न तो कभी फिल्टर प्लांट चला और न ही कोई मोटर. इस मामले में जब हमारे सहयोगी ने सीएमओ अतुल सिंह से बात की तो उन्होंने भी पल्ला झाड़ते हुए कार्रवाई की बात कह दी.