रीवा। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में 28 साल बाद बुधवार को लखनऊ की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया है, जिसमें सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है. इसी खुशी को जाहिर करते हुए बीजेपी कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने जमकर आतिशबाजी की और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर अदालत के फैसले का स्वागत किया गया.
बाबरी केस में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, जयभान सिंह पवैया सहित अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था. जिसके बाद अदालत के ऐतिहासिक फैसले से बीजेपी में खुशी की लहर है. इस दौरान पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि अदालत का निर्णय बहुत ही महत्वपूर्ण है और सबके लिए खुशी का है. यह एक ऐतिहासिक फैसला है. इसमें सबको 28 साल बाद न्याय मिला है. उन्होंने कहा कि लखनऊ हाईकोर्ट के फैसले ने आज यह साबित कर दिया सत्य की हमेशा जीत होती है.
राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोशी, उमा भारती, जयभान पवैया, संत रामविलाश वैदांति सहित अन्य लोगों ने रामजन्मभूमि में मंदिर बनाये जाने को लेकर आंदोलन किया था. जिसमें बड़े ही सुनियोजित तरीके से उन्हें आरोपी बनाने का षडयंत्र रचा गया था. लेकिन अंत में जीत सत्य की हुई.