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आपातकाल के विरोध में रीवा में भाजपाइयों ने मनाया काला दिवस

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Published : Jun 25, 2020, 8:15 PM IST

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 25 जून 1975 को इमरजेंसी लगाई थी, तब लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया था. जिसके विरोध में रीवा के भाजपा कार्यालय अटल कुंज में आज के दिन को काला दिवस के रूप में मनाया.

rewa BJP
रीवा बीजेपी

रीवा। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 25 जून 1975 को इमरजेंसी लगाई थी, तब लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया था. जिसके विरोध में रीवा के भाजपा कार्यालय अटल कुंज में आज के दिन को काला दिवस के रूप में मनाया गया और कहा गया कि इंदिरा गांधी को हाईकोर्ट ने धक्के मार कर बाहर कर दिया था, इसके बावजूद उन्होंने आपातकाल लगा दिया था. आपातकाल में सभी नागरिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया था. ये ऐसा कानून था जिसके तहत गिरफ्तार व्यक्ति को कोर्ट में पेश करने और जमानत मांगने का भी अधिकार नहीं था.

rewa BJP
रीवा बीजेपी

25 जून को भारतीय जनता पार्टी काला दिवस के तौर पर मना रही है. सांसद जनार्दन मिश्रा जो खुद भी उस दौरान जेल गए थे. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जैसे व्यक्ति के नेतृत्त्व में चलने वाले लोगों को सत्ता मिली तो उन्होंने राज्य का बुरा हस्र कर दिया, जो सबके सामने है. उनके नेताओं का चरित्र समाज के सामने है.

इंदिरा गांधी जो लोकतंत्र के माध्यम से जीत कर आई थीं और जिन्हें हाईकोर्ट ने धक्के मार कर बाहर कर दिया था, उसके बाद भी उन्होंने 25 मई 1975 को आपातकाल लगा दिया था. केवल अपनी सत्ता व कुर्सी बचाने के लिए डेढ़ वर्ष में भारत में कोइ भी काम नहीं हुआ, कोइ परिवर्तन नहीं हुआ, इन डेढ़ वर्षों में केवल अपने बच्चों को स्थापित किया.

रीवा। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 25 जून 1975 को इमरजेंसी लगाई थी, तब लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया था. जिसके विरोध में रीवा के भाजपा कार्यालय अटल कुंज में आज के दिन को काला दिवस के रूप में मनाया गया और कहा गया कि इंदिरा गांधी को हाईकोर्ट ने धक्के मार कर बाहर कर दिया था, इसके बावजूद उन्होंने आपातकाल लगा दिया था. आपातकाल में सभी नागरिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया था. ये ऐसा कानून था जिसके तहत गिरफ्तार व्यक्ति को कोर्ट में पेश करने और जमानत मांगने का भी अधिकार नहीं था.

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रीवा बीजेपी

25 जून को भारतीय जनता पार्टी काला दिवस के तौर पर मना रही है. सांसद जनार्दन मिश्रा जो खुद भी उस दौरान जेल गए थे. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जैसे व्यक्ति के नेतृत्त्व में चलने वाले लोगों को सत्ता मिली तो उन्होंने राज्य का बुरा हस्र कर दिया, जो सबके सामने है. उनके नेताओं का चरित्र समाज के सामने है.

इंदिरा गांधी जो लोकतंत्र के माध्यम से जीत कर आई थीं और जिन्हें हाईकोर्ट ने धक्के मार कर बाहर कर दिया था, उसके बाद भी उन्होंने 25 मई 1975 को आपातकाल लगा दिया था. केवल अपनी सत्ता व कुर्सी बचाने के लिए डेढ़ वर्ष में भारत में कोइ भी काम नहीं हुआ, कोइ परिवर्तन नहीं हुआ, इन डेढ़ वर्षों में केवल अपने बच्चों को स्थापित किया.

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