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हितग्राहियों को धोखे में रख बुक कराए पीएम आवास, अब एडवांस दिया जा रहा वापस

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Published : Dec 7, 2019, 12:04 AM IST

रीवा में 70 फीसदी ऐसे हितग्राही हैं जिन्हें अभी तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. हितग्राहियों का आरोप है कि नगर निगम के अधिकारियों ने इनसे आवास की कीमत 2 लाख बताकर बुक करा लिया लेकिन अब 4 लाख 75 हजार रुपए बताकर एडवांस में जमा कराए पैसे वापस दे रहे हैं.

पीएम आवास
पीएम आवास

रीवा। प्रधानमंत्री मोदी ने भले ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब को छत देने का वादा किया हो, लेकिन ये वादा हकीकत में बदलता नजर नहीं आ रहा है. कुछ ऐसी ही स्थिति रीवा में प्रधानमंत्री आवास योजना की है. यहां योजना के तहत बने आवासों में सामने आई गड़बड़ियों के कारण अब हितग्राहियों को रजिस्ट्रेशन कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही हितग्राही जमा कराया हुआ अपना पैसा, सरकारी खजाने से वापस लेने को मजबूर हो गए हैं.

हितग्राहियों को नहीं मिल रहा पीएम आवास

रीवा में शासन प्रशासन की लापरवाही के कारण अभी भी 70 फीसदी ऐसे हितग्राही हैं, जो दर-दर भटकने को मजबूर हो गए हैं. हितग्राहियों को अधिकारियों ने गुमराह किया जिसके कारण लोगों को ये पता नहीं चला कि नगर निगम के तत्कालीन अधिकारी जिस एक आवास की कीमत 2 लाख रुपए बताकर उनका पंजीयन किए थे वो वास्तव में 4 लाख 75 हजार रुपए का है.

कई लोगों ने ब्याज में पैसे लेकर नगर निगम में जमा किए थे. उम्मीदों को झटका तब लगा, जब आवास की सही कीमत का पता लगा. पीएम आवास की असली कीमत सामने आने के बाद सैकड़ों हितग्राहियों के सपने टूट गए. बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने एडवांस राशि जमा करने के लिए कर्ज लिया था.

फिलहाल हितग्राही मायूस होकर अपने जमा किए हुए बीस हजार रुपए लेने के लिए नगर निगम पहुंच रहे हैं. हालांकि अब नगर निगम आयुक्त ने लोगों की शिकायतों को सुनते हुए उनके निराकरण की बात की है.

रीवा। प्रधानमंत्री मोदी ने भले ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब को छत देने का वादा किया हो, लेकिन ये वादा हकीकत में बदलता नजर नहीं आ रहा है. कुछ ऐसी ही स्थिति रीवा में प्रधानमंत्री आवास योजना की है. यहां योजना के तहत बने आवासों में सामने आई गड़बड़ियों के कारण अब हितग्राहियों को रजिस्ट्रेशन कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही हितग्राही जमा कराया हुआ अपना पैसा, सरकारी खजाने से वापस लेने को मजबूर हो गए हैं.

हितग्राहियों को नहीं मिल रहा पीएम आवास

रीवा में शासन प्रशासन की लापरवाही के कारण अभी भी 70 फीसदी ऐसे हितग्राही हैं, जो दर-दर भटकने को मजबूर हो गए हैं. हितग्राहियों को अधिकारियों ने गुमराह किया जिसके कारण लोगों को ये पता नहीं चला कि नगर निगम के तत्कालीन अधिकारी जिस एक आवास की कीमत 2 लाख रुपए बताकर उनका पंजीयन किए थे वो वास्तव में 4 लाख 75 हजार रुपए का है.

कई लोगों ने ब्याज में पैसे लेकर नगर निगम में जमा किए थे. उम्मीदों को झटका तब लगा, जब आवास की सही कीमत का पता लगा. पीएम आवास की असली कीमत सामने आने के बाद सैकड़ों हितग्राहियों के सपने टूट गए. बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने एडवांस राशि जमा करने के लिए कर्ज लिया था.

फिलहाल हितग्राही मायूस होकर अपने जमा किए हुए बीस हजार रुपए लेने के लिए नगर निगम पहुंच रहे हैं. हालांकि अब नगर निगम आयुक्त ने लोगों की शिकायतों को सुनते हुए उनके निराकरण की बात की है.

Intro:रीवा शहर में बने प्रधानमंत्री आवास को लेकर बीते दिनों सामने आई गड़बड़ी के कारण अब अपना रजिस्ट्रेशन कराएं बैठे हितग्राहियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तथा अब हितग्राही जमा कराया हुआ अपना पैसा सरकारी खजाने से वापस लेने को मजबूर हो गए हैं वहीं निगम प्रशासन लगातार लोगों को आवाज देने की वजह है उनके पैसे वापस कर रहा है....


Body:देशभर में भले ही केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना कारगर साबित हुई हो और गरीबों को पक्का मकान दिए जाने का वादा सफल से दुआ हो मगर रीवा शहर अभी भी पीएम आवास योजना से अछूता ही है तथा आज भी तकरीबन 20 से 30 फ़ीसदी लोग ही इसका लाभ ले पाए हैं यानी अब तक 70 फ़ीसदी ऐसे हितग्राही दर-दर भटकने को मजबूर हो गए हैं जिनका पंजीयन प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए कराया गया था...



हालांकि इन 70 फ़ीसदी लोगों को लाभ न मिल पाने का मुख्य कारण ही शासन प्रशासन की लापरवाही माना जाता है दरअसल प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों से सच्चाई छुपाकर उन्हें गुमराह किया गया है जिसके कारण लोगों को यह पता नहीं चला कि नगर निगम के तत्कालीन अधिकारी जिस एक आवास की कीमत 2 लाख रुपए बताकर उनका पंजीयन किए थे वह वास्तव में 4 लाख 75 हजार रुपए का है यह जानकारी सामने आने के बाद बड़ी संख्या में हितग्राहियों ने आवाज उठाना शुरू कर दिया इस पर नगर निगम ने उस पर 20000 रुपए एडवांस राशि वापस करने की व्यवस्था बनाई जो हितग्राहियों से पहले ली गई थी...



अब तक तकरीबन 300 हितग्राहियों ने एडवांस जमा की हुई राशि वापस ले चुके हैं यह प्रक्रिया भी भी निरंतर चलेगी भाइयों ने कहा कि हमें 2 लाख रुपये में एक आवास मिलने के बारे में बताया गया था इसलिए इधर-उधर से प्रयास करते हुए 20000 रुपए की राशि एडवांस देने के लिए व्यवस्था की गई थी कई लोगों ने ब्याज में पैसे लेकर नगर निगम में जमा किए थे उम्मीदों को तब झटका लगा जब आवास की सही कीमत 4 लाख 75 हजार के बारे में जानकारी सार्वजनिक की गई...


पीएम आवास की असली कीमत सामने आने के बाद सैकड़ों हितग्राहियों के सपने टूट गए बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने एडवांस राशि जमा करने के लिए कर्ज लिया था ब्याज देखकर कर्ज लेने के बाद भी जब गरीब हितग्राहियों को आवास मिलने की उम्मीद नजर नहीं आई तो मायूस होकर सभी ने अपने जमा किए हुए 20000 रुपए लेने के लिए नगर निगम पहुंचने लगे हालांकि अब नगर निगम आयुक्त ने लोगों की शिकायतों को सुनते हुए उनके निराकरण की बात की तथा सब का पैसा वापस कराया..



byte- हितग्राही.
byte- हितग्राही.
byte- सभाजीत यादव, नगर निगम आयुक्त..


Conclusion:.....
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