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गणतंत्र दिवस लेकर आया आजादी का पैगाम, केंद्रीय जेल रीवा से 23 कैदियों को किया गया रिहा

केंद्रीय जेल रीवा में हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर रिहा किया गया.

23 prisoners released from Central Jail rewa
केंद्रीय जेल रीवा से 23 बंदियों को किया गया रिहा
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Published : Jan 26, 2020, 6:52 PM IST

Updated : Jan 26, 2020, 7:52 PM IST

रीवा। गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर केंद्रीय जेल में बंद करीब 23 कैदियों के लिए आजादी का पैगाम लेकर आया. हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर रिहा किया गया.

केंद्रीय जेल रीवा से 23 बंदियों को किया गया रिहा

जेल अधीक्षक अनिल सिंह परिहार सहित तमाम पुलिसकर्मियों और बंधुओं ने इनको नारियल भेंट कर जेल से विदा किया. रिहाई के दौरान कैदियों के परिजन भी जेल परिसर में आए हुए थे. जेल की चार दीवारी से बाहर निकलते ही बंदियों की आंखों से आंसू छलक आए. अपने जीवन के इतने साल जेल में गुजारने के बाद अपनों से मिलते ही बंदियों की खुशी का ठिकाना न रहा.

रिहा हुए बंदियों का कहना था कि जेल से बाहर आने के बाद वो अपने परिवार के बीच रहेंगे. जेल में जो कुछ सीखने को मिला है वो उनके जीवन को एक नई दिशा देगा. जेल अधीक्षक अनिल सिंह परिहार ने रिहा होने वाले सभी बंधुओं को शुभकामनाएं दीं और समाज में एक सभ्य नागरिक बनकर रहने के लिए प्रेरित किया.

रीवा। गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर केंद्रीय जेल में बंद करीब 23 कैदियों के लिए आजादी का पैगाम लेकर आया. हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर रिहा किया गया.

केंद्रीय जेल रीवा से 23 बंदियों को किया गया रिहा

जेल अधीक्षक अनिल सिंह परिहार सहित तमाम पुलिसकर्मियों और बंधुओं ने इनको नारियल भेंट कर जेल से विदा किया. रिहाई के दौरान कैदियों के परिजन भी जेल परिसर में आए हुए थे. जेल की चार दीवारी से बाहर निकलते ही बंदियों की आंखों से आंसू छलक आए. अपने जीवन के इतने साल जेल में गुजारने के बाद अपनों से मिलते ही बंदियों की खुशी का ठिकाना न रहा.

रिहा हुए बंदियों का कहना था कि जेल से बाहर आने के बाद वो अपने परिवार के बीच रहेंगे. जेल में जो कुछ सीखने को मिला है वो उनके जीवन को एक नई दिशा देगा. जेल अधीक्षक अनिल सिंह परिहार ने रिहा होने वाले सभी बंधुओं को शुभकामनाएं दीं और समाज में एक सभ्य नागरिक बनकर रहने के लिए प्रेरित किया.

Intro:गणतंत्र दिवस के पावन पर्व केंद्रीय जेल में बंद केंद्रीय जेल रीवा में बंद दो दर्जन बंदियों के लिए आजादी का पैगाम लेकर आया। हत्या की मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे इन बंदियों की सजा शासन द्वारा केंद्रीय जेल रीवा में गणतंत्र दिवस के अवसर पर इन बंदियों को रिहा किया गया। Body:जेल अधीक्षक अनिल सिंह परिहार सहित तमाम पुलिसकर्मियों व बंधुओं ने इनको नारियल भेंट कर जेल से विदा किया। रिहाई के दौरान बंदियों के परिजन भी जेल परिसर में आए हुए थे। जेल की चार दीवारी से बाहर निकलते ही बंदियों की आंखों से आंसू छलक आए। अपने जीवन के इतने वर्ष जेल में गुजारने के बाद अपनों से मिलते ही बंदियों की खुशी का ठिकाना न रहा। रिहा बंदियों का कहना था कि जेल से रिहा होने के बाद हम अपने परिवार के बीच रहेंगे। जेल में जो कुछ सीखने को मिला है वह हमारे जीवन को एक नई दिशा देगा Conclusion:जेल अधीक्षक अनिल सिंह परिहार ने रिहा होने वाले सभी बंधुओं को शुभकामनाएं दी और समाज में एक सभ्य नागरिक बनकर रहने के लिए प्रेरित किया।
बाईट- कैदी
बाइट- अनिल सिंह परिहार, जेल अधीक्षक रीवा
Last Updated : Jan 26, 2020, 7:52 PM IST
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