रीवा : रीवा जिले के हुजूर एसडीएम कार्यालय में तैनात रीडर ने अपने साहब के साथ ही खेल कर दिया. दरअसल, एसडीएम के रीडर ने शासकिय भूमि को निजी भूमि में तब्दील करने के लिए फर्जीवाड़ा किया. रीडर ने एसडीएम के फर्जी सिग्नेचर करके आदेश पारित कर दिया. मामले का खुलासा होने के बाद तत्कालीन एसडीएम अनुराग तिवारी ने रीडर के विरुद्ध सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने रीडर सहित 3 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
तहसीलदार को हस्ताक्षर देखकर हुआ संदेह
ममला हुजूर एसडीएम कार्यालय रीवा का है. एसडीएम कार्यालय में विचाराधीन प्रकरण में रमाशंकर तिवारी बनाम मध्यप्रदेश शासन में 29 जुलाई 2022 को आदेश पारित किया गया. आदेश की कॉपी देखकर अधिकारियों को शक हुआ. आदेश की कॉपी में किए गए हस्ताक्षर तहसीलदार हुजूर को संदेहास्पद लगे, जिस पर आदेश की जांच कराई गई. इसमें हस्ताक्षर फर्जी पाए गए. यह कारनामा रीडर द्वारा किया गया. उस समय एसडीएम अनुराग तिवारी थे. जांच में पता चला कि ये आदेश फर्जी हस्ताक्षर से पारित किया गया. जांच में ये भी सामने आया कि तत्कालीन रीडर बृजमोहन पटेल ने फर्जी हस्ताक्षर से शासकीय सीलिंग भूमि को निजी स्वामित्व दर्ज करवाने का प्रयास किया. वर्तमान रीडर मनीष अवस्थी ने एसडीएम के डिजिटल हस्ताक्षर करवाकर फर्जीवाड़े में साथ दिया.
तहसीलदार ने बताया- कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
तहसीलदार शिवशंकर शुक्ला ने बताया "29 जुलाई 2022 के एक आदेश की फाइल देखी. फाइल जब पटवारी के पास पहुंची तो तब इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. फाइल में शासकीय भूमि को प्राइवेट व्यक्ति के नाम पर दर्ज किए जाने का आदेश था. दस्तावेजों पर किए गए हस्ताक्षर की जांच कराई गई, तब आशंका हुई. इसमें साफ हुआ कि हस्ताक्षर फर्जी हैं." वहीं, एसडीएम अनुराग तिवारी ने उल्लेख किया "इन दस्तेवजो में उनके हस्ताक्षर नहीं हैं. तत्कालीन रीडर बृजमोहन पटेल और पीठासीन आधिकारी मनीष अवस्थी सहित आवेदक रमाशंकर तिवारी के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई गई है."
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पुलिस एफआईआर दर्ज कर सबूत जुटाने में लगी
एडिशनल एसपी विवेक लाल का कहना है "एसडीएम अनुराग तिवारी की ओर से आवेदन प्राप्त हुआ था. इसमें पट्टे की जमीन शासकीय मद में आना बताया गया. रिटायर्ड और वर्तमान रीडर ने डिजिटल सिग्नेचर करके शासकीय भूमि को प्राइवेट व्यक्ति के नाम कर दिया. एफआईआर दर्ज कर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं. इस मामले में 3 लोगों के विरुद्ध धारा 420 सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है."