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रतलाम के महालक्ष्मी मंदिर में सजा कुबेर का खजाना, जिसे देखने के लिए उमड़ी लोगों की भीड़

रतलाम के माणक चौक में स्थित महालक्ष्मी मंदिर में कुबेर का खजाना सज गया है, जिसके लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां धनराशि और ज्वेलरी सजावट के लिए जमा करते हैं. वही इस मंदिर कि मान्यता है कि यहां महालक्ष्मी के श्रृंगार के लिए दिए जाने वाली धनराशि और संपत्ति में वृद्धि होती है.

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Published : Oct 25, 2019, 10:59 PM IST

Updated : Oct 25, 2019, 11:43 PM IST

रतलाम के महालक्ष्मी मंदिर में सजा कुबेर का खजाना, जिसे देखने के लिए उमड़ी लोगो कि भीड़

रतलाम। माणक चौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी बड़ी कुबेर का खजाना सज गया है. लोगों ने लाखों रुपए कि नोटों की गड्डियां और सोने चांदी की ज्वैलरी महालक्ष्मी के श्रृंगार के लिए जमा करवाई है. मान्यता है कि महालक्ष्मी के श्रृंगार के लिए धनराशि जमा कराने से संपत्ति में इजाफा होता है.

रतलाम के महालक्ष्मी मंदिर में सजा कुबेर का खजाना

महालक्ष्मी मंदिर में लंबे समये से गहने और राशि चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है. मंदिर की प्रसिद्धि से प्रभावित होकर गुजरात और मुंबई से भी श्रद्धालु यहां चढ़ावा चढ़ाने के लिए पहुंचते है. जो राशि दी जाती है उसे दीपावली के पांचवे दिन वापस श्रद्धालुओं को लौटा दिया जाता है. धनतेरस के दिन से शुरू हुआ धन जमा करने का ये सिलसिला दिवाली तक यूं ही जारी रहेगा.

दिवाली के दिन तक करोड़ों रुपए माता लक्ष्मी के मंदिर में चढाए जाते हैं. करोड़ों रुपए की संपत्ति की सुरक्षा के लिए पुलिस और प्रशासन के भी पुख्ता इंतजाम होते हैं. सीसीटीवी कैमरे की मदद से निगरानी भी की जाती है.

रतलाम। माणक चौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी बड़ी कुबेर का खजाना सज गया है. लोगों ने लाखों रुपए कि नोटों की गड्डियां और सोने चांदी की ज्वैलरी महालक्ष्मी के श्रृंगार के लिए जमा करवाई है. मान्यता है कि महालक्ष्मी के श्रृंगार के लिए धनराशि जमा कराने से संपत्ति में इजाफा होता है.

रतलाम के महालक्ष्मी मंदिर में सजा कुबेर का खजाना

महालक्ष्मी मंदिर में लंबे समये से गहने और राशि चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है. मंदिर की प्रसिद्धि से प्रभावित होकर गुजरात और मुंबई से भी श्रद्धालु यहां चढ़ावा चढ़ाने के लिए पहुंचते है. जो राशि दी जाती है उसे दीपावली के पांचवे दिन वापस श्रद्धालुओं को लौटा दिया जाता है. धनतेरस के दिन से शुरू हुआ धन जमा करने का ये सिलसिला दिवाली तक यूं ही जारी रहेगा.

दिवाली के दिन तक करोड़ों रुपए माता लक्ष्मी के मंदिर में चढाए जाते हैं. करोड़ों रुपए की संपत्ति की सुरक्षा के लिए पुलिस और प्रशासन के भी पुख्ता इंतजाम होते हैं. सीसीटीवी कैमरे की मदद से निगरानी भी की जाती है.

Intro:रतलाम के माणक चौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर में एक बार फिर कुबेर का खजाना सज गया है। जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। रतलाम के इस मंदिर में इस बार भी लोगों ने लाखों रुपए कि नोटों की गड्डियां और सोने चांदी की ज्वेलरी महालक्ष्मी के श्रृंगार के लिए जमा करवाई है। धनतेरस के दिन से शुरू हुआ यह सिलसिला दीपावली के दिन तक जारी रहेगा ।रतलाम के इस खास महालक्ष्मी मंदिर में सालों से गहने और राशि चढ़ाने की परंपरा रही है ।इस भेंट को बकायदा रजिस्टर में नाम के साथ नोट भी किया जाता है जिसे दीपावली के पांचवे दिन वापस श्रद्धालुओं को लौटा दिया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से श्रद्धालुओं की संपत्ति में माता लक्ष्मी वृद्धि करती है।


Body:दरअसल रतलाम के इस प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर मान्यता है कि यहां महालक्ष्मी के श्रृंगार के लिए दिए जाने वाली धनराशि और संपत्ति में वृद्धि होती है। जिसके लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां धनराशि और ज्वेलरी सजावट के लिए जमा करवाते हैं। और देखते ही देखते माता लक्ष्मी के दरबार में कुबेर का खजाना सज जाता है। रतलाम के इस मंदिर की प्रसिद्धि से प्रभावित होकर गुजरात और मुंबई से भी श्रद्धालु यहां चढ़ावा चढ़ाने के लिए पहुंचे हैं।रतलाम के इस खास महालक्ष्मी मंदिर में सालों से गहने और राशि चढ़ाने की परंपरा रही है ।इस भेंट को बकायदा रजिस्टर में नाम के साथ नोट भी किया जाता है जिसे दीपावली के पांचवे दिन वापस श्रद्धालुओं को लौटा दिया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से श्रद्धालुओं की संपत्ति में माता लक्ष्मी वृद्धि करती है।


Conclusion:बहराल श्रद्धालुओं के चढ़ावे का आने का सिलसिला अब भी जारी है और दीपावली के दिन तक यह करोड़ों रुपए की संपत्ति माता लक्ष्मी के श्रंगार में सज जाती है। करोड़ों रुपए की संपत्ति की सुरक्षा के लिए पुलिस और प्रशासन के भी पुख्ता इंतजाम आज यहां किए हुए हैं वह सीसीटीवी कैमरे से भी इस मंदिर की 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है।

बाइट 01- संजय पुजारी( पुजारी महालक्ष्मी मंदिर)
बाइट 02 दिव्या( सूरत से आए श्रद्धालु)
बाइट 03 सुनीता मेहता( श्रद्धालु)
बाइट 04 अशोक टांक (गुजरात से आए श्रद्धालु)
Last Updated : Oct 25, 2019, 11:43 PM IST
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