रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम की एक फार्मा कंपनी इप्का (IPCA) इन दिनों देश ही नहीं विदेशों में भी काफी चर्चा में है. जानकारी के मुताबिक कंपनी में बनने वाला एंटी मलेरियल ड्रग कोरोना वायरस की एक स्टेज तक के लिए कारगर दवा मानी जा रही है. कोरोना वायरस के वैश्विक संकट के बीच अमेरिका और कई यूरोपियन देशों द्वारा कोरोना वायरस के उपचार में कारगर साबित हो रही दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन की मांग भारत से की थी.
वहीं अमेरिका ने इस दवा को संजीवनी करार देते हुए भारत से इस दवाई के एक्सपोर्ट पर लगी रोक को हटाने की अपील की थी, यहां तक की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप धमकी देने पर भी उतारू हो गए थे.इसके बाद विदेश मंत्रालय ने कोरोना पीड़ित देशों की मदद के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा के एक्सपोर्ट पर लगी रोक को हटाने की जानकारी दे दी है. वहीं अमेरिका ने भारत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि भारत की मदद को अमेरिका कभी नहीं भूलेगा, जिसके बाद इप्का लेबोरेटरीज के प्लांट में प्रतिदिन 32 लाख से ज्यादा एंटीमलेरियल टेबलेट का निर्माण किया जा रहा है.
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दरअसल रतलाम की फार्मास्यूटिकल कंपनी इप्का लेबोरेटरी एंटीमलेरियल ड्रग हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन सल्फेट और क्लोरोक्वाइन फॉस्फेट नाम की दवाई बनाती है. हाल ही में किए गए कुछ मेडिकल रिसर्च में कोरोना की बीमारी के उपचार में ये कारगर साबित हो रही है, ये दवाई फेफड़ों के इंफेक्शन और सूजन को कम करती है.
बहरहाल कोरोना के वैश्विक संकट के बीच रतलाम की ये फार्मा कंपनी अपनी पूरी क्षमता से हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवाई के निर्माण में जुटी हुई है.