रायसेन। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक कलेक्टर उमाशंकर भार्गव की अध्यक्षता में आयोजित की गई. बैठक में कलेक्टर ने कहा कि बेटियों के समग्र विकास के लिए बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ ही समाज में अनुकूल वातावरण बनाना होगा, ताकि वे उन्मुक्त होकर अपना भविष्य गढ़ सकें.
कलेक्टर ने कहा कि बालिकाओं का लिंगानुपात बढ़ाने एवं उन्हें सशक्त करने के लिए चलाई जा रही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना का क्रियान्वयन पूरी गंभीरता और निष्ठा के साथ किया जाए. उन्होंने महिला एवं बाल विकास अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि बालिकाओं को पर्याप्त पोषण मिल सके. इसके लिए जरूरी है कि आंगनबाड़ी में उपस्थिति शत-प्रतिशत हो और आंगनबाड़ी में दिया जाने वाला नाश्ता, भोजन मीनू के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण हो.
भार्गव ने कहा कि बालिकाओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण हो, ताकि रक्त अल्पता का पता चल सके और उन्हें पर्याप्त पोषण दिया जा सके. उन्होंने संबंधित विभागों, संस्थाओं तथा लोगों के साथ समन्वय बनाकर लिंगानुपात, बालिकाओं के महत्व एवं उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए काम करने के निर्देश दिए. वहीं बालिकाओं के बीच जागरूकता अभियान चलाने तथा उन्हें प्रशिक्षण देने के संबंध में भी बात की गई.
इस योजना का मुख्य उद्देश्य भ्रूण हत्या रोकना, बालिकाओं का सर्वांगीण विकास करना तथा शिक्षा सुनिश्चित करना है. कलेक्टर ने सामाजिक जागरूकता के लिए निरंतर अभियान चलाकर बालिकाओं के समान महत्व की भावना विकसित करने तथा बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के निर्देश दिए और बेटियों के जन्म पर हर्ष, उल्लास व उत्साह के साथ उत्सव मानने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए.
बैठक में महिला बाल विकास अधिकारी ज्ञानेश खरे ने बताया कि जिले में वर्ष 2018 में लिंगानुपात 931 था, जोकि जून 2020 में बढ़कर 943 हो गया है. जिले में संस्थागत प्रसव 92 प्रतिशत है. इसी प्रकार जून 2020 में जिले में हायर सेकेण्ड्री स्कूल में 21414 बालिकाएं पंजीकृत हैं.