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नल से पानी गायब और अस्पताल से डॉक्टर, कुछ ऐसे बनाया थावरचंद गहलोत ने गोद लिए गांव को आदर्श

पांच साल पहले आलोट तहसील के बरखेड़ा कलां गांव को गोद लिया था. ये गांव पांच साल गुजरने के बाद भी विकास से महरूम है.

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Published : Apr 3, 2019, 2:55 PM IST

बरखेड़ा कलां गांव की तस्वीर

रतलाम। कीचड़ युक्त सड़क, चारों तरफ फैली गंदगी, टूटे-फूटे कच्चे मकान, पानी के लिए परेशान ग्रामीण. ये हालात उस गांव के हैं जिसे प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी, 'सांसद आदर्श ग्राम योजना' के तहत केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने पांच साल पहले गोद लिया था. उस वक्त यहां के बाशिदों ने सपने संजोय थे कि अब गांव की सूरत बदलेगी, लेकिन गांव के हालात में जरा भी फर्क नहीं दिखता. विकास से महरूम रतलाम जिले की आलोट तहसील के आदर्श गांव बरखेड़ा के बाशिंदों को सांसद थावरचंद गहलोत से कई गिले- शिकवे हैं. गांव में नज-जल योजना के तहत पाइप लाइन तो बिछाई गयी, लेकिन लोगों को पानी नसीब नहीं होता. साथ ही शौचालय की निकासी के लिए नाली नहीं होने से लोग परेशान हैं.

बरखेड़ा कलां गांव विकास से महरूम है


गांव में गंदगी का अंबार लगा है, ग्रामीण बताते हैं कि गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया गया, लेकिन गांव में अब भी कुछ घर ऐसे हैं, जिनमें शौचालय नहीं है. गांव में 393 प्रधानमंत्री आवासों का निर्माण तो हुआ, लेकिन अब भी कुछ लोगों को पक्की छतों का इंतजार है. विकास के नाम पर आदर्श गांव को जिस सीसी रोड के जरिये जिला मख्यालय से जोड़ा गया है, वह उखड़ने लगी है. कहने को तो गांव में स्कूल और अस्पताल बनाए गए हैं, लेकिन स्टाफ के बिना वे सफेद हाथी ही साबित हो रहे हैं.

आदर्श ग्राम होने के बावजूद बरखेड़ा गांव के बाशिंदे मूलभूत सुविधाओं के लिये तरस रहे हैं. विकास से कोसों दूर ये गांव सरकार के झूठे दावों की पोल तो खोलता ही है, साथ ही सांसद थावरचंद गहलोत के काम की हकीकत भी उजागर करता है.

रतलाम। कीचड़ युक्त सड़क, चारों तरफ फैली गंदगी, टूटे-फूटे कच्चे मकान, पानी के लिए परेशान ग्रामीण. ये हालात उस गांव के हैं जिसे प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी, 'सांसद आदर्श ग्राम योजना' के तहत केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने पांच साल पहले गोद लिया था. उस वक्त यहां के बाशिदों ने सपने संजोय थे कि अब गांव की सूरत बदलेगी, लेकिन गांव के हालात में जरा भी फर्क नहीं दिखता. विकास से महरूम रतलाम जिले की आलोट तहसील के आदर्श गांव बरखेड़ा के बाशिंदों को सांसद थावरचंद गहलोत से कई गिले- शिकवे हैं. गांव में नज-जल योजना के तहत पाइप लाइन तो बिछाई गयी, लेकिन लोगों को पानी नसीब नहीं होता. साथ ही शौचालय की निकासी के लिए नाली नहीं होने से लोग परेशान हैं.

बरखेड़ा कलां गांव विकास से महरूम है


गांव में गंदगी का अंबार लगा है, ग्रामीण बताते हैं कि गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया गया, लेकिन गांव में अब भी कुछ घर ऐसे हैं, जिनमें शौचालय नहीं है. गांव में 393 प्रधानमंत्री आवासों का निर्माण तो हुआ, लेकिन अब भी कुछ लोगों को पक्की छतों का इंतजार है. विकास के नाम पर आदर्श गांव को जिस सीसी रोड के जरिये जिला मख्यालय से जोड़ा गया है, वह उखड़ने लगी है. कहने को तो गांव में स्कूल और अस्पताल बनाए गए हैं, लेकिन स्टाफ के बिना वे सफेद हाथी ही साबित हो रहे हैं.

आदर्श ग्राम होने के बावजूद बरखेड़ा गांव के बाशिंदे मूलभूत सुविधाओं के लिये तरस रहे हैं. विकास से कोसों दूर ये गांव सरकार के झूठे दावों की पोल तो खोलता ही है, साथ ही सांसद थावरचंद गहलोत के काम की हकीकत भी उजागर करता है.
Intro:***NOTE--केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत के विसुअल मेल द्वारा भेज रहा हूँ.कृपया ADD करे.रिएलिटी चेक की बाइट और WT भी मोजो द्वारा भेज रहा हूँ.***


केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत द्वारा गोद लिए सांसद आदर्श ग्राम बरखेड़ा कला में हुए विकास कार्यों का रियलिटी चेक करने लिए ईटीवी भारत टीम बरखेड़ा कला पहुँची .जहाँ की हमने विकास के दावों की पड़ताल की है.राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री ने थावरचंद गेहलोत ने सांसद आदर्श ग्राम बनाने के लिए रतलाम जिले की आलोट तहसील के बरखेड़ा गाँव को चुना था.करीब 5 वर्ष पूर्ण होने पर मंत्रीजी इस गाँव को कितना आदर्श बना पाये और कौनसे विकास कार्य बाकी रह गये है इसकी जमीनी पड़ताल ईटीवी भारत ने की है.


Body:ईटीवी भारत की पड़ताल की शुरुआत हमने ग्राम पंचायत से की जो करीब 2 वर्ष पूर्व ही बनकर तैयार हुआ है.वहाँ के सचिव ने बताया कि ग्राम पंचायत इंटरनेट के माध्यम से जिला मुख्यालय से जुड़ी हुई है.गाँव मे नलजन योजना से सभी घरों में नल कनेक्शन दिये गये है.गाँव मे आंतरिक मार्ग सीमेंट कंक्रीट के बनाये गये है.साथ ही बरखेड़ा 65 करोड़ की लागत से बने सीसी टू-लेन सड़क से आलोट और मंदसौर से सीधे जुड़ गया है. गांव में स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग बनकर तैयार है जिसमें एक डॉक्टर हफ्ते में 3 दिन सेवाएं दे रहे हैं .गांव में कृषि उपज मंडी ताल की एक उपमंडी भी शुरू हो चुकी है.बरखेड़ा कला में आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र नंदगृह भी बनाया गया है.सांसद आदर्श ग्राम बरखेड़ा में हमने आम लोगों से बातचीत की जिसमें सड़क निर्माण को लेकर आम जनता संतुष्ट नजर आये,शिक्षा और स्वास्थ्य के लिये बिल्डिंग का निर्माण जरूर हुआ है लेकिन अस्पताल में डॉक्टर और स्कूल में शिक्षकों की कमी आम जनता ने बताई है.इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर केंद्रीय मंत्री द्वारा करवाये गये कार्य धरातल पर नजर आ रहे है लेकिन गाँव सरकारी आंकड़ों में ओडीएफ घोषित हो चुका यह आदर्श ग्राम हकीकत कुछ और ही बयां कर रहा है.गाँव की स्वच्छता और सफाई व्यवस्था शून्य दिखाई देती है .पूरे गाँव मे सीसी रोड़ तो बने है लेकिन नालियां नहीं बनाई गई जिससे चारों और गंदा पानी फैला हुआ है.गाँव के आंतरिक मार्गो का निर्माण दोयम दर्जे का हुआ है.जो 1 -2 सालों में ही उखड़ गये है.हाई स्कूल की बिल्डिंग बनकर तैयार हो चुकी है जिसमें हायर सेकंडरी स्कूल भी चल रहा है.शिक्षकों की कमी भी यहाँ के लोगों ने बताई है.स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग यहाँ बनकर तैयार है लेकिन डॉक्टर और स्टाफ की कमी है.एक डॉक्टर हफ़्ते में 3 दिन यहाँ सेवाएं दे रहे है.393 पीएम आवास का निर्माण भी आदर्श ग्राम में हुआ है लेकिन जरूरतमंदों को अब भी यहाँ पक्की छतों का इंतजार है.


Conclusion:केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत द्वारा सांसद आदर्श ग्राम चुने गये बरखेड़ा कला गांव अब जिला मुख्यालय से जुड़ गया है और स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए बिल्डिंग का निर्माण भी यहां करवाया गया है बावजूद इसके गाँव के आंतरिक मार्ग के हालात ,चारो तरफ फैली गंदगी और ओडीएफ का झूठा दावा हकीकत कुछ और ही बयां करते है.प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी सांसद आदर्श ग्राम योजना का आदर्श ग्राम बनने में अभी बरखेड़ा कला को और वक्त लग सकता है.

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