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शासकीय गोचर भूमि पर हो रहे अतिक्रमण से ग्रामीण परेशान, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन - Memorandum to Aallot SDM

रतलाम जिले आलोट में मलिया गांव के ग्रामीणों ने शासकीय गोचर भूमि से अतिक्रमण हटवाने की मांग को लेकर आलोट एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है.

रतलाम न्यूज
Ratlam News
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Published : Aug 12, 2020, 10:28 AM IST

रतलाम। आलोट में ग्राम मालिया निवासी कुछ लोगों ने आलोट के अनुविभागीय अधिकारी को एक ज्ञापन पत्र देते हुए गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की है. ज्ञापन देते समय भाजपा पूर्व मंडल अध्यक्ष दिनेश कोठारी, भगवान सिंह आंजना, शंकर लाल पंचाल, सुरेश सिंह आंजना ओंकार सिंह शंभू सिंह बगदीराम प्रजापति आदि ग्रामीण जन मौजूद थे.

एसडीएम को दिए ज्ञापन पत्र में ग्रामीणों ने बताया कि गांव की शासकीय गोचर भूमि मगरे पर स्थित है पर जहां बाद के कुछ लोगों ने अतिक्रमण करके उस पर खेती करना भी शुरू कर दिया है, कुछ लोगों ने मकान भी बना लिए हैं, जिससे गांव में पशुओं को चराने की समस्या खड़ी हो रही है. वहीं बची हुई थोड़ी बहुत जमीन पर भी लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है, जिससे पशुओं को पानी पिलाने के लिए तालाब तक ले जाना भी मुश्किल हो रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि अतिक्रमण कर्ताओं द्वारा तालाब तक आने-जाने के रास्ते पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है, ऐसे में पशुओं को चराने के लिए जंगल में भी नहीं ले जाया जा सकता है क्योंकि वहां किसान अपने खेत की नुकसानी देख विवाद करते हैं. ग्राम वासियों का कहना है कि गोचर की कुछ भूमि सड़क मार्ग में निर्माण में चली गई है इसलिए गोचर भूमि पर हुए अतिक्रमण को शीघ्र हटाया जाए.

रतलाम। आलोट में ग्राम मालिया निवासी कुछ लोगों ने आलोट के अनुविभागीय अधिकारी को एक ज्ञापन पत्र देते हुए गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की है. ज्ञापन देते समय भाजपा पूर्व मंडल अध्यक्ष दिनेश कोठारी, भगवान सिंह आंजना, शंकर लाल पंचाल, सुरेश सिंह आंजना ओंकार सिंह शंभू सिंह बगदीराम प्रजापति आदि ग्रामीण जन मौजूद थे.

एसडीएम को दिए ज्ञापन पत्र में ग्रामीणों ने बताया कि गांव की शासकीय गोचर भूमि मगरे पर स्थित है पर जहां बाद के कुछ लोगों ने अतिक्रमण करके उस पर खेती करना भी शुरू कर दिया है, कुछ लोगों ने मकान भी बना लिए हैं, जिससे गांव में पशुओं को चराने की समस्या खड़ी हो रही है. वहीं बची हुई थोड़ी बहुत जमीन पर भी लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है, जिससे पशुओं को पानी पिलाने के लिए तालाब तक ले जाना भी मुश्किल हो रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि अतिक्रमण कर्ताओं द्वारा तालाब तक आने-जाने के रास्ते पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है, ऐसे में पशुओं को चराने के लिए जंगल में भी नहीं ले जाया जा सकता है क्योंकि वहां किसान अपने खेत की नुकसानी देख विवाद करते हैं. ग्राम वासियों का कहना है कि गोचर की कुछ भूमि सड़क मार्ग में निर्माण में चली गई है इसलिए गोचर भूमि पर हुए अतिक्रमण को शीघ्र हटाया जाए.

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