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महालक्ष्मी मंदिर में सजने लगा है कुबेर का खजाना, श्रद्धालुओं ने जमा किए गए बेशकीमती जेवरात

रतलाम के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में धनतेरस के पहले कुबेर का बेशकीमती खजाना सजाने के लिये श्रद्धालुओं ने यहां अपने रुपए और जेवरात धनतेरस और दीपावली के लिए मां लक्ष्मी के दरबार में जमा करवाना शुरु कर दिया है.

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Published : Oct 22, 2019, 4:48 PM IST

Updated : Oct 22, 2019, 5:29 PM IST

बेशकीमती जेवरात और नोटों से सजाया जाता है महालक्ष्मी मंदिर

रतलाम। शहर के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में धनतेरस के पहले कुबेर का बेशकीमती खजाना सजने लगा है. मंदिर की परंपरा के अनुसार श्रद्धालु यहां अपने रुपए और जेवरात धनतेरस और दीपावली के लिए मां लक्ष्मी के दरबार में जमा करवाते हैं. जिससे मां लक्ष्मी के मंदिर को सजाया जाता है. यहां की मान्यता है कि मंदिर में रूपये और सोने चांदी के आभूषण रखने से धन दौलत में वृद्धि मिलती है.

बेशकीमती जेवरात और नोटों से सजाया जाता है महालक्ष्मी मंदिर

दरअसल रतलाम के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में कुबेर का खजाना सजाया जाता है. जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते है. इस मंदिर की परंपरा है कि यहां श्रद्धालु अपने रुपए पैसों के साथ सोने चांदी और आभूषण मां लक्ष्मी के दरबार में सजाने के लिए 5 दिनों के लिए जमा करवाते है. जिससे माता लक्ष्मी के इस मंदिर को सजाया जाता है. जिससे देखने वालों को कुबेर के खजाने जैसी अनुभूति होती है. मंदिर में चढ़ाया जाने वाले करोड़ों रुपए की संपत्ति रिकॉर्ड रजिस्टर में दर्ज किया जाता है. जिसे दीपावली के बाद भक्तों को दे दिया जाता है.

मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीसीटीवी और पुलिस प्रशासन ने पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई है. धनतेरस के दिन से सजने वाले मां लक्ष्मी के दरबार के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग यहां लाइन लगाकर पहुंचते हैं. मंदिर की लगातार बढ़ रही प्रसिद्धि को देखते हुए दूर-दूर से व्यापारी और श्रद्धालु अपने रुपए यहां जमा करवाने के लिए पहुंच रहे हैं. इस साल भी बेंगलुरु और मुंबई से श्रद्धालु यहां रुपए जमा करवाने और मंदिर में सेवा देने के लिए पहुंचे हैं.

रतलाम। शहर के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में धनतेरस के पहले कुबेर का बेशकीमती खजाना सजने लगा है. मंदिर की परंपरा के अनुसार श्रद्धालु यहां अपने रुपए और जेवरात धनतेरस और दीपावली के लिए मां लक्ष्मी के दरबार में जमा करवाते हैं. जिससे मां लक्ष्मी के मंदिर को सजाया जाता है. यहां की मान्यता है कि मंदिर में रूपये और सोने चांदी के आभूषण रखने से धन दौलत में वृद्धि मिलती है.

बेशकीमती जेवरात और नोटों से सजाया जाता है महालक्ष्मी मंदिर

दरअसल रतलाम के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में कुबेर का खजाना सजाया जाता है. जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते है. इस मंदिर की परंपरा है कि यहां श्रद्धालु अपने रुपए पैसों के साथ सोने चांदी और आभूषण मां लक्ष्मी के दरबार में सजाने के लिए 5 दिनों के लिए जमा करवाते है. जिससे माता लक्ष्मी के इस मंदिर को सजाया जाता है. जिससे देखने वालों को कुबेर के खजाने जैसी अनुभूति होती है. मंदिर में चढ़ाया जाने वाले करोड़ों रुपए की संपत्ति रिकॉर्ड रजिस्टर में दर्ज किया जाता है. जिसे दीपावली के बाद भक्तों को दे दिया जाता है.

मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीसीटीवी और पुलिस प्रशासन ने पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई है. धनतेरस के दिन से सजने वाले मां लक्ष्मी के दरबार के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग यहां लाइन लगाकर पहुंचते हैं. मंदिर की लगातार बढ़ रही प्रसिद्धि को देखते हुए दूर-दूर से व्यापारी और श्रद्धालु अपने रुपए यहां जमा करवाने के लिए पहुंच रहे हैं. इस साल भी बेंगलुरु और मुंबई से श्रद्धालु यहां रुपए जमा करवाने और मंदिर में सेवा देने के लिए पहुंचे हैं.

Intro:रतलाम के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में एक बार फिर धनतेरस के पहले कुबेर का बेशकीमती खजाना सजने लगा है। मंदिर की परंपरा के अनुसार श्रद्धालु यहां अपने रुपए और जेवरात धनतेरस और दीपावली के लिए मां लक्ष्मी के दरबार में जमा करवाते हैं। जिससे मां लक्ष्मी के मंदिर को सजाया जाता है। यहां की मान्यता है कि मंदिर में रूपये और सोने चांदी के आभूषण रखने से धन दौलत में वृद्धि मिलती है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी धनतेरस के लिए मां लक्ष्मी के मंदिर में तैयारियां जारी है। मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीसीटीवी और पुलिस प्रशासन द्वारा पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई है। धनतेरस के दिन से सजने वाले मां लक्ष्मी के दरबार के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग यहां लाइन लगाकर पहुंचते हैं।


Body:दरअसल रतलाम के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में कुबेर का खजाना सजाया जाता है जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। इस मंदिर की परंपरा है कि यहां श्रद्धालु अपने रुपए पैसों के साथ सोने चांदी और हीरे जवाहरात मां लक्ष्मी के दरबार में सजाने के लिए 5 दिनों के लिए जमा करवाते हैं। जिससे माता लक्ष्मी के इस मंदिर को सजाया जाता है जिससे देखने वालों को कुबेर के खजाने जैसी अनुभूति होती है। मंदिर में चढ़ाया जाने वाले करोड़ों रुपए की संपत्ति रिकॉर्ड रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। जिसे दीपावली के बाद पुनः भक्तों को दे दिया जाता है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी के यहां रुपए पैसे जमा करवाने से धन दौलत में वृद्धि होती है।


Conclusion:गौरतलब है कि मंदिर की लगातार बढ़ रही प्रसिद्धि को देखते हुए दूर-दूर से व्यापारी और श्रद्धालु अपने रुपए यहां जमा करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। इस वर्ष भी बेंगलुरु और मुंबई से श्रद्धालु यहां रुपए जमा करवाने और मंदिर में सेवा देने के लिए पहुंचे हैं।


Wt-01_ दिव्यराज सिंह ( संवाददाता, रतलाम)
Last Updated : Oct 22, 2019, 5:29 PM IST
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