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शहीद धर्मेंद्र सिंह पंचतत्व में विलीन, पत्नी ने कहा- 'हो सके तो मत जाओ मुझे छोड़कर'

रतलाम के वीर लाल लेफ्टिनेंट कमांडर धर्मेंद्र सिंह चौहान आज पंचतत्व में विलीन हो गए.  उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई. पत्नी करूणा ने श्रद्धांजलि देते हुए  कहा कि 'हो सके तो मत जाओ मुझे छोड़कर'.

शहीद धर्मेंद्र पंचत्तव में विलीन
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Published : Apr 28, 2019, 1:37 PM IST

रतलाम। देश के वीर सपूत लेफ्टिनेंट कमांडर धर्मेंद्र सिंह चौहान आज पंचतत्व में विलीन हो गए. पूरे राजकीय सम्मान के साथ त्रिवेणी स्थित मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया. सेना के जवानों और नेवी ऑफिसर्स ने गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी. पत्नी करूणा श्रद्धांजलि देते हुए भावुक हो गईं उन्होंने कहा कि 'हो सके तो मत जाओ मुझे छोड़कर'.

शुक्रवार को आईएनएस विक्रमादित्य में आग लगने से लेफ्टिनेंट कमांडर धर्मेंद्र शहीद हो गये थे. देर रात उनका पार्थिव शरीर रतलाम लाया गया था, जहां आज उन्हें अंतिम विदाई दी गई. धर्मेंद्र को उनके चचेरे भाई और दोस्तों ने मुखाग्नि दी. रतलाम के इस लाल को अंतिम विदाई देने के लिए उनकी मां टमा कुंवर, बहन ज्योति सिंह और पत्नी करुणा सिंह मुक्तिधाम पहुंची थीं. मुक्तिधाम का माहौल गमगीन था, लोगों का हुजूम इस वीर के आखिरी दर्शन करने के लिए वहां इकट्ठा हो गया था.

शहीद धर्मेंद्र की मां ने बहु करुणा को शेरनी संबोधित करते हुए अकेले ही श्रद्धांजलि देने को कहा तो वहां मौजूद लोग भावुक हो गये. करुणा ने साहस के साथ श्रद्वांजलि दी लेकिन अंत में वह भई भावुक हो गईं. रोते-बिलखते उन्होंने कहा- 'हो सके तो मत जाओ मुझे छोड़कर'. बता दें 11 मार्च 2019 को ही शहीद धर्मेन्द्र और करुणा सिंह की शादी हुई थी.

देश के इस लाल की अंतिम विदाई में साथी नेवी कमांडर और सेना के ऑफिसर के साथ कई मंत्री, सांसद और अधिकारी शामिल हुए थे.

रतलाम। देश के वीर सपूत लेफ्टिनेंट कमांडर धर्मेंद्र सिंह चौहान आज पंचतत्व में विलीन हो गए. पूरे राजकीय सम्मान के साथ त्रिवेणी स्थित मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया. सेना के जवानों और नेवी ऑफिसर्स ने गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी. पत्नी करूणा श्रद्धांजलि देते हुए भावुक हो गईं उन्होंने कहा कि 'हो सके तो मत जाओ मुझे छोड़कर'.

शुक्रवार को आईएनएस विक्रमादित्य में आग लगने से लेफ्टिनेंट कमांडर धर्मेंद्र शहीद हो गये थे. देर रात उनका पार्थिव शरीर रतलाम लाया गया था, जहां आज उन्हें अंतिम विदाई दी गई. धर्मेंद्र को उनके चचेरे भाई और दोस्तों ने मुखाग्नि दी. रतलाम के इस लाल को अंतिम विदाई देने के लिए उनकी मां टमा कुंवर, बहन ज्योति सिंह और पत्नी करुणा सिंह मुक्तिधाम पहुंची थीं. मुक्तिधाम का माहौल गमगीन था, लोगों का हुजूम इस वीर के आखिरी दर्शन करने के लिए वहां इकट्ठा हो गया था.

शहीद धर्मेंद्र की मां ने बहु करुणा को शेरनी संबोधित करते हुए अकेले ही श्रद्धांजलि देने को कहा तो वहां मौजूद लोग भावुक हो गये. करुणा ने साहस के साथ श्रद्वांजलि दी लेकिन अंत में वह भई भावुक हो गईं. रोते-बिलखते उन्होंने कहा- 'हो सके तो मत जाओ मुझे छोड़कर'. बता दें 11 मार्च 2019 को ही शहीद धर्मेन्द्र और करुणा सिंह की शादी हुई थी.

देश के इस लाल की अंतिम विदाई में साथी नेवी कमांडर और सेना के ऑफिसर के साथ कई मंत्री, सांसद और अधिकारी शामिल हुए थे.

Intro:NOTE-** प्रभारी मंत्री ,सांसद और भाजपा नेता की बाइट part 2 में भेज रहा हूँ.कृपया add करें.

रतलाम के वीर सपूत लेफ्टिनेंट कमाण्डर धर्मेंद्र सिंह चौहान आज पंचतत्व में विलीन हो गये. रतलाम के त्रिवेणी स्थित मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया.सेना के जवानों और नेवी ऑफिसर ने गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी.शहीद धर्मेंद्र को अंतिम विदाई देने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी,महिलाएं ,पुरुष और छोटे बच्चे तक शहीद की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखाई दिये. शुक्रवार को युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य पर हुए अग्नि हादसे में लेफ्टिनेंट कमाण्डर धर्मेंद्र शहीद हो गये थे.देर रात उनका पार्थिव देह रतलाम लाया गया था जहाँ आज उन्हें अंतिम विदाई दी गई है.


Body:रतलाम के इस लाल को अंतिम विदाई देने के माँ टमा कुँवर,बहन ज्योति सिंह और पत्नी करुणा सिंह मुक्तिधाम पहुँचे. तो माहौल ग़मगीन हो गया .लेकिन माँ टमा कुंवर ने बहु करुणा को शेरनी संबोधित कर अकेले ही श्रद्धांजली देने को कहा तो उपस्थित लोग भावुक हो गये.पत्नी करुणा सिंह ने साहस के साथ शहीद धर्मेन्द्र को श्रद्वांजली दी और कहा कि "हो सके तो मत जाओ मुझे छोड़कर" . गौरतलब है कि पिछले महीने की 11 मार्च को ही शहीद धर्मेन्द्र और करुणा सिंह की शादी हुई थी.दुखों का पहाड़ टूटने के बावजूद माँ टमा कुंवर और पत्नी करुणा सिंह ने राजपुताना साहस का परिचय देकर शहादत पर गर्व कर रख मिसाल पेश की है.


Conclusion:शहीद धर्मेन्द्र को अंतिम विदाई देने साथी नेवी कमाण्डर और सेना के ऑफिसर पहुँचे .स्थानीय प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ कलेक्टर और एसप भी शामिल हुए. मप्र सरकार के कृषिमंत्री और रतलाम के प्रभारीमंत्री सचिन यादव ,सांसद कांतिलाल भूरिया,भाजपा के जीएस डामोर , विधायक चेतन काश्यप,दिलीप मकवाना,हर्ष गहलोत भी शहीद को अंतिम विदाई देने पहुँचे..
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