रतलाम। देश के वीर सपूत लेफ्टिनेंट कमांडर धर्मेंद्र सिंह चौहान आज पंचतत्व में विलीन हो गए. पूरे राजकीय सम्मान के साथ त्रिवेणी स्थित मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया. सेना के जवानों और नेवी ऑफिसर्स ने गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी. पत्नी करूणा श्रद्धांजलि देते हुए भावुक हो गईं उन्होंने कहा कि 'हो सके तो मत जाओ मुझे छोड़कर'.
शुक्रवार को आईएनएस विक्रमादित्य में आग लगने से लेफ्टिनेंट कमांडर धर्मेंद्र शहीद हो गये थे. देर रात उनका पार्थिव शरीर रतलाम लाया गया था, जहां आज उन्हें अंतिम विदाई दी गई. धर्मेंद्र को उनके चचेरे भाई और दोस्तों ने मुखाग्नि दी. रतलाम के इस लाल को अंतिम विदाई देने के लिए उनकी मां टमा कुंवर, बहन ज्योति सिंह और पत्नी करुणा सिंह मुक्तिधाम पहुंची थीं. मुक्तिधाम का माहौल गमगीन था, लोगों का हुजूम इस वीर के आखिरी दर्शन करने के लिए वहां इकट्ठा हो गया था.
शहीद धर्मेंद्र की मां ने बहु करुणा को शेरनी संबोधित करते हुए अकेले ही श्रद्धांजलि देने को कहा तो वहां मौजूद लोग भावुक हो गये. करुणा ने साहस के साथ श्रद्वांजलि दी लेकिन अंत में वह भई भावुक हो गईं. रोते-बिलखते उन्होंने कहा- 'हो सके तो मत जाओ मुझे छोड़कर'. बता दें 11 मार्च 2019 को ही शहीद धर्मेन्द्र और करुणा सिंह की शादी हुई थी.
देश के इस लाल की अंतिम विदाई में साथी नेवी कमांडर और सेना के ऑफिसर के साथ कई मंत्री, सांसद और अधिकारी शामिल हुए थे.