रतलाम। प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाले को उजगार करने वाली ममता श्रीवास्तव ने प्रेसवार्ता कर जिला प्रशासन पर घोटाले के मुख्य आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है. गौरतलब है कि जून 2018 में प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में 13 फर्जी नाम जोड़ कर आवास की राशि निकाल ली गई थी. ममता श्रीवास्तव के बैंक खाते में भी फर्जी तरीके से आवास के रुपये जमा हुए और ट्रांसफर किये गये थे. उन्होंने इसकी शिकायत कर यह मामला उजागर किया था. इसके बाद स्टेशन रोड़ थाने पर मामला दर्ज किया गया था.
मामले को उजागर करने वाली ममता का आरोप है कि घोटाले में कंप्यूटर ऑपरेटर और 2 अन्य लोगों को मुख्य आरोपी बनाकर मामले के असली गुनहगारों को बचाया जा रहा है, जिसमें जिला प्रशासन भी शामिल है. दरअसल, जून 2018 में प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों की सूची में फर्जीवाड़ा कर 13 फर्जी हितग्राहियों के नाम पर पैसा निकाल लिया गया था. ममता श्रीवास्तव के बैंक अकाउंट में भी योजना की किस्त जमा हुई थी, जिस पर उन्होंने तत्कालीन कलेक्टर और एसपी से गड़बड़ी की शिकायत की थी.
मामले की जांच होने पर प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाला उजागर हुआ था, जिसमें सेडमैप कंपनी के कंप्यूटर ऑपरेटर दीपक प्रजापति सहित तीन लोगों पर मामला दर्ज कर अलग-अलग समय पर गिरफ्तारियां भी की गई थी. लेकिन, इस मामले को उजागर करने वाली ममता श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि मामले में नगर निगम के बड़े अधिकारी शामिल थे और जिला प्रशासन उन्हें बचाने का प्रयास कर रहा है. ममता श्रीवास्तव ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की है और मांग की है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच भी करवाई जाए.
रतलाम नगर निगम के इस बहुचर्चित प्रधानमंत्री आवास घोटाले में शिकायत होने के बाद स्टेशन रोड थाने पर प्रकरण दर्ज किया गया था, जिसमें पुलिस की जांच जारी है. स्टेशन रोड पुलिस इस मामले में पूछताछ और जानकारी जुटाने के लिए नगर निगम पहुंची और निगम के अधिकारियों से मामले में जानकारी भी जुटाई. बहरहाल पुलिस की जांच के घेरे में निगम के अधिकारी भी आ गये हैं. लेकिन, मामले का खुलासा करने वाली ममता श्रीवास्तव द्वारा पुलिस और प्रशासन पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाना पुलिस और प्रशासन पर सवाल खड़े कर रहा है.