रतलाम। अपने खास स्वाद और गुणवत्ता के लिए मशहूर रतलामी सेव और नमकीन का व्यापार भी लॉकडाउन के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुआ है. लॉकडाउन 4.0 के दौरान रतलाम में नमकीन की दुकानें तो खुल गई हैं, लेकिन एक्सपोर्ट शुरू नहीं होने से रतलाम के नमकीन का व्यवसाय रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है. व्यवसाय आधा रह जाने से नमकीन के व्यापार से जुड़े व्यापारी और कारीगरों के सामने अब रोजगार का भी संकट खड़ा हो गया है.
व्यापार नहीं होने से भट्टियां बंद
कभी रतलाम शहर की नमकीन दुकानों के बाहर चलने वाली भट्टिया, लॉकडाउन के दौरान बंद हो गई थीं. लॉकडाउन 4.0 में अब दुकानें खुल जाने के बाद भी व्यापार नहीं होने से ये भट्टियां बंद पड़ी हुई हैं. सेव और नमकीन के लिए देश और दुनिया में मशहूर रतलाम में नमकीन व्यवसाय से जुड़े करीब दो हजार व्यापारी और कारीगर हैं, जो अब दुकानें खुल जाने के बाद भी व्यापार नहीं मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.
देश-विदेशों में मशहूर है रतलामी सेव
मालवा का प्रसिद्द शहर रतलाम तीन एस (S, S, S) सेव, साड़ी और सोने के लिए जाना जाता है, लेकिन उनमें सबसे खास है रतलामी सेव और रतलामी नमकीन, जो कि देश ही नहीं विदेशों में भी मशहूर है. यहां रिश्तेदारों और बाहर के दोस्तों को गिफ्ट के बतौर सेव ही भेजी जाती है, लेकिन बीते 22 मार्च से जारी लॉकडाउन की वजह से रतलामी सेव का जायका थोड़ा बिगड़ा हुआ है.
देश और प्रदेश के कई हिस्सों में नमकीन का एक्सपोर्ट बंद
अकेले रतलाम में नमकीन और सेव की छोटी-बड़ी सब मिलाकर पांच सौ से ज्यादा दुकानें हैं. जिससे दो हजार से ज्यादा कर्मचारियों और व्यापारियों के परिवार जुड़े हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते हर कोई दिक्कत में हैं.
हर दिन यहां 8 से 10 टन सेव बनाईं जाती हैं. जिसमें से अधिकांश सेव बाहर प्रदेशों में भेजी जाती है. खासतौर पर राजस्थान और गुजरात के साथ ही देश और प्रदेश के कई हिस्सों में नमकीन का एक्सपोर्ट पूरी तरह से बंद है और सिर्फ रतलाम शहर में नमकीन की होम डिलेवरी जारी है.
आर्थिक तंगी से जूझ रहे व्यापारी
लॉक डाउन 4.0 के दौरान नमकीन का व्यापार तो शुरु हुआ है, लेकिन एक्सपोर्ट शुरू नहीं होने से ये केवल रतलाम शहर और आस पास के कुछ इलाकों में ही सीमित है. वहीं आर्थिक तंगी से जूझ रहे इन व्यापारियों को अब केंद्र सरकार के स्पेशल पैकेज से उम्मीद बंधी है कि अब सरकार उन्हें राहत जरूर देगी.