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वन विभाग की बड़ी लापरवाही, 3 घंटे तक सड़क पर पड़ा रहा घायल लकड़बग्घा

रतलाम के सेमलिया गांव में ग्रामीणों ने वन विभाग को सड़क पर घायल पड़े लकड़बग्घे की सूचना दी. लेकिन विभाग का अमला 3 घंटे बाद बिना संसाधनों के गांव पहुंचा.

Injured hyena
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Published : Dec 18, 2019, 5:26 AM IST

Updated : Dec 18, 2019, 7:34 AM IST

रतलाम। सेमलिया गांव में ग्रामीणों ने वन विभाग को सड़क पर घायल पड़े लकड़बग्घे की सूचना दी. जिसके 3 घंटे बाद वन विभाग का अमला बिना संसाधनों के गांव पहुंचा. फिर ग्रामीणों की मदद से घायल लकड़बग्घे को वन विभाग के वाहन से रतलाम ले जाया जा सका.

वन विभाग की लापरवाही से सड़क पर पड़ा रहा घायल लकड़बग्घा

इसी तरह पिछले दिनों भी जिले के ही बड़ायला माताजी गांव में तेंदुआ घुस आया था. जिसे पकड़ने के लिए भी वन विभाग के पास कोई संसाधन उपलब्ध नहीं थे.

वन विभाग की टीम घायल हुए लकड़बग्घे को जिला मुख्यालय लेकर जरूर गई है. लेकिन वन विभाग की लापरवाही और संसाधनों की कमी को देखते हुए घायल हुए वन्य प्राणी की देखरेख कैसी की जा रही होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

रतलाम। सेमलिया गांव में ग्रामीणों ने वन विभाग को सड़क पर घायल पड़े लकड़बग्घे की सूचना दी. जिसके 3 घंटे बाद वन विभाग का अमला बिना संसाधनों के गांव पहुंचा. फिर ग्रामीणों की मदद से घायल लकड़बग्घे को वन विभाग के वाहन से रतलाम ले जाया जा सका.

वन विभाग की लापरवाही से सड़क पर पड़ा रहा घायल लकड़बग्घा

इसी तरह पिछले दिनों भी जिले के ही बड़ायला माताजी गांव में तेंदुआ घुस आया था. जिसे पकड़ने के लिए भी वन विभाग के पास कोई संसाधन उपलब्ध नहीं थे.

वन विभाग की टीम घायल हुए लकड़बग्घे को जिला मुख्यालय लेकर जरूर गई है. लेकिन वन विभाग की लापरवाही और संसाधनों की कमी को देखते हुए घायल हुए वन्य प्राणी की देखरेख कैसी की जा रही होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

Intro:वन्य प्राणियों की रक्षा के लिए वन विभाग कितना तत्पर है इसका उदाहरण आज रतलाम के सेमलिया गांव में देखने को मिला जहां ग्रामीणों ने सड़क पर घायल पड़े लकड़बग्घे की सूचना दिए जाने के 3 घंटे बाद वन विभाग का अमला बिना संसाधनों के पहुंचा। जिसके बाद ग्रामीणों की मदद से ही घायल लकड़बग्घे को वन विभाग के वाहन से रतलाम ले जाया जा सका । गौरतलब है कि पिछले दिनों रतलाम के ही बड़ायला माताजी गांव में तेंदुआ घुस आया था। जिसे पकड़ने के लिए भी वन विभाग के पास कोई संसाधन उपलब्ध नहीं थे। इस बार भी ग्रामीणों द्वारा सूचना दिए जाने के बाद वन विभाग का अमला 3 घंटे बात पहुंचा है।


Body:दरअसल रतलाम के सेमलिया गांव के ग्रामीणों ने सड़क पर घायल पड़े लकड़बग्घे की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी थी। लेकिन सूचना दिए जाने के 3 घंटे बाद वन विभाग का अमला अधूरे संसाधनों के साथ मौके पहुंचा। जिसके बाद ग्रामीणों की मदद से ही घायल लकड़बग्घे को रतलाम ले जाया जा सका है। गौरतलब है कि पिछले दिनों रतलाम के ही बड़ायला माताजी गांव में तेंदुआ घुस आया था। जिसे पकड़ने के लिए भी वन विभाग के पास कोई संसाधन उपलब्ध नहीं थे। इस बार भी ग्रामीणों द्वारा सूचना दिए जाने के बाद वन विभाग का अमला 3 घंटे बात पहुंचा है।


Conclusion:बहरहाल वन विभाग की टीम घायल हुए लकड़बग्घे को जिला मुख्यालय लेकर जरूर गई है। लेकिन वन विभाग की लापरवाही और संसाधनों की कमी को देखते हुए घायल हुए वन्य प्राणी की देखरेख कैसी की जा रही होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
Last Updated : Dec 18, 2019, 7:34 AM IST
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