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जर्र-जर्र हालत में रतलाम जिला अस्पताल, बड़ा हादसा होने की आशंका - जर जर हालत में जिला अस्पताल

रतलाम जिला अस्पताल की हालत जर्र-जर्र होती दिख रही है. जिससे किसी भी वक्त अस्पताल में हादसे की आशंका बनी रहती है. अस्पताल की इस हालत पर प्रशासन भी सतर्कता नहीं दिखा रहा है.

जर्र-जर्र हालत में रतलाम जिला अस्पताल
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Published : Aug 10, 2019, 11:47 PM IST

रतलाम। पिछले दिनों भारी बारिश के चलते कई जगहों पर इमारतें धराशाई होने की खबरें आई हैं. इन दिनों रतलाम के जिला अस्पताल का भी हाल कुछ ऐसा ही नजर आता है. जिला अस्पताल की छत से रिसता पानी, दीवारों के उखड़े प्लास्टर यही बयां करतें हैं. ऐसे हालात में कभी भी कोई बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रहती है. लेकिन लगता है अस्पताल प्रशासन को इसकी सुध लेने तक की फुर्सत नहीं है.

जर्र-जर्र हालत में रतलाम जिला अस्पताल

अस्पताल की बिल्डिंग कि मरम्मत लगभग पिछले 50 साल से नहीं करवाई गई है, जिसके नतीजे कुछ दिन पहले भी देखने को मिला था. जब अस्पताल कर्मचारी के उपर छत का छज्जा गिर गया था. इस घटना में अस्पताल का कर्मचारी बाल-बाल बचा था. अस्पताल के इमरजेंसी, ओपीडी और मेल फीमेल वार्ड में भी कमो बेश ऐसे ही हाल हैं.

छत से पानी टपकता रहता है जिससे मरीज और उसके परिजनों को खासी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है.अस्पताल में ऐसी ही लापरवाही के चलते पहले भी कई हादसे हो चुके हैं. तो क्या जिला अस्पताल प्रशासन कोई बड़ा हादसा होने का इंतजार कर रहा है? फिलहाल अस्पताल प्रशासन की लापरवाही यही दर्शा रही है.

रतलाम। पिछले दिनों भारी बारिश के चलते कई जगहों पर इमारतें धराशाई होने की खबरें आई हैं. इन दिनों रतलाम के जिला अस्पताल का भी हाल कुछ ऐसा ही नजर आता है. जिला अस्पताल की छत से रिसता पानी, दीवारों के उखड़े प्लास्टर यही बयां करतें हैं. ऐसे हालात में कभी भी कोई बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रहती है. लेकिन लगता है अस्पताल प्रशासन को इसकी सुध लेने तक की फुर्सत नहीं है.

जर्र-जर्र हालत में रतलाम जिला अस्पताल

अस्पताल की बिल्डिंग कि मरम्मत लगभग पिछले 50 साल से नहीं करवाई गई है, जिसके नतीजे कुछ दिन पहले भी देखने को मिला था. जब अस्पताल कर्मचारी के उपर छत का छज्जा गिर गया था. इस घटना में अस्पताल का कर्मचारी बाल-बाल बचा था. अस्पताल के इमरजेंसी, ओपीडी और मेल फीमेल वार्ड में भी कमो बेश ऐसे ही हाल हैं.

छत से पानी टपकता रहता है जिससे मरीज और उसके परिजनों को खासी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है.अस्पताल में ऐसी ही लापरवाही के चलते पहले भी कई हादसे हो चुके हैं. तो क्या जिला अस्पताल प्रशासन कोई बड़ा हादसा होने का इंतजार कर रहा है? फिलहाल अस्पताल प्रशासन की लापरवाही यही दर्शा रही है.

Intro:जर्जर हो चुकी जिला अस्पताल में बारिश के दौरान हालात और बदतर हो गये है।अस्पताल की बिल्डिंग में जगह-जगह बारिश का पानी टपक रहा है। जिला अस्पताल के आकस्मिक चिकित्सा कक्ष के बाहर छत में पानी रिसने से प्लास्टर गिरने लगा है। आज सुबह भी अस्पताल की एक सफाई कर्मी के ऊपर प्लास्टर गिरा है। लागातार जारी बारिश से जिला अस्पताल में हादसा होने की संभावना बनी हुई है।लेकिन अस्पताल प्रबंधन का इस और कोई ध्यान नहीं है। जबकी जिला अस्पताल की ओपीडी ,एमरजेंसी वार्ड और मेल फीमेल वार्ड में पानी टपकने से मरीजों और उनके परिजनों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


Body:दरअसल रतलाम जिला अस्पताल की बिल्डिंग 50 वर्ष से अधिक समय पुरानी होकर जर्जर हो चुकी है । हर वर्ष बरसात के मौसम में जिला अस्पताल में ऐसे ही हालात बनते हैं। 2016 में इसी जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड की छत गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन और जिला प्रशासन का इस और कोई ध्यान नहीं है। पिछले 2 दिनों से जारी बारिश में जिला अस्पताल के आकस्मिक चिकित्सा कक्ष के बाहर छत से प्लास्टर गिरने लगा है।आज सुबह भी महिला सफाई कर्मी के ऊपर प्लास्टर गिर चुका है। जिससे हादसा होने की संभावना बनी हुई है।वही जिला अस्पताल की ओपीडी ,एमरजेंसी वार्ड और मेल फीमेल वार्ड में पानी टपकने से मरीजों और उनके परिजनों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


Conclusion:जिला अस्पताल की जर्जर इमारत में पूर्व में हुए हादसे के बावजूद ना तो अस्पताल प्रबंधन और ना ही जिला प्रशासन कोई सबक लेने को तैयार है। रिसते- टपकते जिला अस्पताल के हालात देखकर लगता है कि प्रशासन को यहां किसी बड़े हादसे का इंतजार है।

बाइट 01 मदन चारण मरीज के परिजन
बाइट 02 सुनीता सफाई कर्मी जिला अस्पताल
बाइट 03 भरत लाल मरीज के परिजन
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