ETV Bharat / state

नल जल योजना का हाल बेहाल, 13 साल पहले बनी पानी की टंकी हो गई जर्जर - PHE Department Ratlam

रतलाम जिले के सेमलिया गांव में पिछले 13 सालों से लोगों को नल जल योजना का लाभ नहीं मिल पाया है, जहां 13 लाख रुपए की लागत से बनी पानी की टंकी जर्जर हो गई है.

13 years ago built Water tank dilapidated in ratlam
पानी की टंकी
author img

By

Published : Jun 28, 2020, 10:28 AM IST

Updated : Jun 28, 2020, 12:33 PM IST

रतलाम। शासकीय योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन किस तरह होता है, इसका ताजा उदाहरण रतलाम जिले के सेमलिया गांव में देखने को मिला है. जहां 13 साल पहले गांव के लोगों को नल-जल योजना का लाभ देने के लिए बनी पानी की टंकी जर्जर होकर बेकार हो गई है. पाइप लाइन का काम पूरा नहीं होने के चलते अब तक इस पानी टंकी का उद्घाटन नहीं किया गया है.

पानी की टंकी हो गई जर्जर

सेमलिया गांव में 2007 में नल जल योजना के अंतर्गत करीब 13 लाख रुपए की लागत से बनाई गई पानी की टंकी का उपयोग पिछले 13 सालों से नहीं हो सका है. पीएचई विभाग के माध्यम से गांव को नल जल योजना के अंतर्गत घर-घर नल कनेक्शन देकर पानी पहुंचाने की इस योजना का मखोल खुद पीएचई विभाग के अधिकारी उड़ा रहे हैं. जिन्होंने नल जल योजना के लिए गांव में टंकी तो बना दी है, लेकिन गांव में अधूरी पाइप लाइन बिछाकर योजना का लाभ किसी को नहीं मिल पा रहा है. जिसकी वजह से 13 साल पहले बनी पानी की टंकी में अब दरारें पड़ गई हैं. वहीं गांव के लोगों को भी नल जल योजना से अपने घरों तक पानी पहुंचने का इंतजार है.

पानी की टंकी मेंटेनेंस के अभाव में उपयोग करने योग्य भी नहीं बची है. योजना के लिए जिम्मेदार विभाग के अधिकारी फिलहाल इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं, ऐसे में कागजों और फाइलों में दौड़ रही नल जल योजना का वास्तविक लाभ ग्रामीण क्षेत्र की जनता को मिलने की उम्मीद ना के बराबर है. नल जल योजना की इस बदहाली से प्रदेश में चल रही योजनाओं के मौजूदा हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है.

रतलाम। शासकीय योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन किस तरह होता है, इसका ताजा उदाहरण रतलाम जिले के सेमलिया गांव में देखने को मिला है. जहां 13 साल पहले गांव के लोगों को नल-जल योजना का लाभ देने के लिए बनी पानी की टंकी जर्जर होकर बेकार हो गई है. पाइप लाइन का काम पूरा नहीं होने के चलते अब तक इस पानी टंकी का उद्घाटन नहीं किया गया है.

पानी की टंकी हो गई जर्जर

सेमलिया गांव में 2007 में नल जल योजना के अंतर्गत करीब 13 लाख रुपए की लागत से बनाई गई पानी की टंकी का उपयोग पिछले 13 सालों से नहीं हो सका है. पीएचई विभाग के माध्यम से गांव को नल जल योजना के अंतर्गत घर-घर नल कनेक्शन देकर पानी पहुंचाने की इस योजना का मखोल खुद पीएचई विभाग के अधिकारी उड़ा रहे हैं. जिन्होंने नल जल योजना के लिए गांव में टंकी तो बना दी है, लेकिन गांव में अधूरी पाइप लाइन बिछाकर योजना का लाभ किसी को नहीं मिल पा रहा है. जिसकी वजह से 13 साल पहले बनी पानी की टंकी में अब दरारें पड़ गई हैं. वहीं गांव के लोगों को भी नल जल योजना से अपने घरों तक पानी पहुंचने का इंतजार है.

पानी की टंकी मेंटेनेंस के अभाव में उपयोग करने योग्य भी नहीं बची है. योजना के लिए जिम्मेदार विभाग के अधिकारी फिलहाल इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं, ऐसे में कागजों और फाइलों में दौड़ रही नल जल योजना का वास्तविक लाभ ग्रामीण क्षेत्र की जनता को मिलने की उम्मीद ना के बराबर है. नल जल योजना की इस बदहाली से प्रदेश में चल रही योजनाओं के मौजूदा हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है.

Last Updated : Jun 28, 2020, 12:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.