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अधिकारियों की लापरवाही से खराब हुआ गेहूं,गरीबों की थाली में परोसने की तैयारी

राजगढ़ के जैतपुरा कैप में खुले आसमान के नीचे रखा गेहूं पूरी तरह से सड़ चुका है. गेहूं जानवरों के भी खाने लायक नहीं बचा है, लेकिन इसके बाद भी इस सड़े हुए गेहूं को साफ करवा कर नए बार दान में भरकर गरीबों की थाली में भेजने की तैयारी की जा रही है.

Broken wheat
खराब हुआ गेहूं
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Published : Jan 23, 2021, 1:27 PM IST

राजगढ़। जिले में पिछले वर्ष के समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं का परिवहन अभी तक नहीं हो पाया है. परिवहन के अभाव में जैतपुरा कैप में खुले आसमान के नीचे रखा गेहूं पूरी तरह से सड़ चुका है. गेहूं जानवरों के भी खाने लायक नहीं बचा है, लेकिन इसके बाद भी इस सड़े हुए गेहूं को साफ करवा कर नए बार दान में भरकर गरीबों की थाली में भेजने की तैयारी की जा रही है. जब ईटीवी भारत की टीम जैतपुरा कैप में रखे सरकारी गेंहू की हकीकत जानने पहुंची तो गेहूं साफ कर रहे मजदूर कैमरा देख इधर उधर बैठकर मुंह छिपाने लगे.

अधिकारियों की लापरवाही

वेयर हाउस में खराब हुई गेहूं

पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी 31 मई को बंद हो गई थी. राजगढ़ जिले के खिलचीपुर वेयर हाउस के द्वारा जैतपुर कैप पर खुले आसमान के नीचे बने इस कैप में सवा दो लाख क्विंटल गेंहू को रखा गया था. जिसमें से कुछ गेंहू का परिवाहन तो कर दिया गया है, लेकिन अभी भी जैतपुरा कैप में हजारो क्विंटल गेंहू खुले में रखा हुआ है. इस दौरान बारिश के समय पानी में भीगने से बड़ी मात्रा में सरकारी गेहूं खराब हो गया है. समय पर परिवाहन न होने से गेंहू सड़ कर काला पड़ चुका है.

Wheat lying in the open
खुले में पड़ा है गेहूं

अधिकारियों की लापरवाही

आठ महीने से खुले में रखा यह गेहूं पूरी तरह से खराब हो गया. इस सड़े हुए गेहूं को ही जिम्मेदार अधिकारी मजदूरों से छनवा रहे हैं. तस्वीरें सरकारी सिस्टम की पोल खोलती नजर आ रही है. अब इस सड़े हुए गेहूं को साफ कराया जा रहा है और खराब बारदान को हटाकर नये बारदान में भरा जा रहा है. जिससे इस सड़े हुए गेहूं को नये बारदान में भरकर पीडीएस के माध्यम से गरीबों की थाली में पहुंचाने की तैयारी की जा रही है. पूरा गेहूं खराब हो चुका है, लेकिन फिर भी इस गेहूं को छनवाकर नये बारदान में भरकर गरीबों को खिलाने की तैयारी की जा रही है.

राजगढ़। जिले में पिछले वर्ष के समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं का परिवहन अभी तक नहीं हो पाया है. परिवहन के अभाव में जैतपुरा कैप में खुले आसमान के नीचे रखा गेहूं पूरी तरह से सड़ चुका है. गेहूं जानवरों के भी खाने लायक नहीं बचा है, लेकिन इसके बाद भी इस सड़े हुए गेहूं को साफ करवा कर नए बार दान में भरकर गरीबों की थाली में भेजने की तैयारी की जा रही है. जब ईटीवी भारत की टीम जैतपुरा कैप में रखे सरकारी गेंहू की हकीकत जानने पहुंची तो गेहूं साफ कर रहे मजदूर कैमरा देख इधर उधर बैठकर मुंह छिपाने लगे.

अधिकारियों की लापरवाही

वेयर हाउस में खराब हुई गेहूं

पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी 31 मई को बंद हो गई थी. राजगढ़ जिले के खिलचीपुर वेयर हाउस के द्वारा जैतपुर कैप पर खुले आसमान के नीचे बने इस कैप में सवा दो लाख क्विंटल गेंहू को रखा गया था. जिसमें से कुछ गेंहू का परिवाहन तो कर दिया गया है, लेकिन अभी भी जैतपुरा कैप में हजारो क्विंटल गेंहू खुले में रखा हुआ है. इस दौरान बारिश के समय पानी में भीगने से बड़ी मात्रा में सरकारी गेहूं खराब हो गया है. समय पर परिवाहन न होने से गेंहू सड़ कर काला पड़ चुका है.

Wheat lying in the open
खुले में पड़ा है गेहूं

अधिकारियों की लापरवाही

आठ महीने से खुले में रखा यह गेहूं पूरी तरह से खराब हो गया. इस सड़े हुए गेहूं को ही जिम्मेदार अधिकारी मजदूरों से छनवा रहे हैं. तस्वीरें सरकारी सिस्टम की पोल खोलती नजर आ रही है. अब इस सड़े हुए गेहूं को साफ कराया जा रहा है और खराब बारदान को हटाकर नये बारदान में भरा जा रहा है. जिससे इस सड़े हुए गेहूं को नये बारदान में भरकर पीडीएस के माध्यम से गरीबों की थाली में पहुंचाने की तैयारी की जा रही है. पूरा गेहूं खराब हो चुका है, लेकिन फिर भी इस गेहूं को छनवाकर नये बारदान में भरकर गरीबों को खिलाने की तैयारी की जा रही है.

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