राजगढ़। शाजापुर के एक निजी अस्पताल में पैसे ना देने के बाद बुजुर्ग के हाथ-पैर बांधकर बंधक बनाने के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है. जिसके बाद शाजापुर में एसडीएम लाल सोलंकी और उनकी टीम ने निजी अस्पताल में पहुंचकर जांच की. वहीं अब खिलचीपुर तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान ने रनारा गांव पहुंचकर बुजुर्ग और उनकी बेटी का बयान दर्ज किया है.
टीम को बुजुर्ग लक्ष्मीनारायण दांगी और उनकी बेटी सीमा दांगी ने बताया कि बुजुर्ग की पेट में तकलीफ के कारण शनिवार को वह शाजापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए थे. जहां 5 हजार में ही पूरा इलाज करने की बात हुई थी. बुजुर्ग की बेटी का कहना है कि पांच हजार शुरू में ही जमा कर दिए थे, लेकिन बाद में अस्पताल प्रबंधन ने 6 हजार रुपए की और मांग की थी. ऐसे में पीड़ित पक्ष ने बताया कि उनके पास और पैसे नहीं हैं. पैसे नहीं देने पर अस्पताल प्रबंधन ने बुजुर्ग को बंधक बना लिया था. मामला सामने आने के बाद मौके पर पहुंची प्रशासनिक टीम ने बुजुर्ग का बकाया राशि जमा करवाया, जिसके बाद वे और उनकी बेटी अपने गांव पहुंचीं.
रनारा गांव जांच के लिए पहुंचे तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान का कहना है कि निर्देश के मुताबिक बुजुर्ग को 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की है. वहीं उन्होंने बताया कि बुजुर्ग से बात करने पर पता चला की उन्हें और उनके परिवार को शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. जिसके बाद प्रशासन अधिकारी ने सरपंच और सचिव से बात कर लक्ष्मीनारायण दांगी को शासन की योजनाओं से जोड़ने के लिए कहा है.
सीएम ने ट्वीट कर दिए थे जांच के निर्देश
मामले सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया था. सीएम ने इस घटना को वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार बताया था. उन्होंने लिखा था कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.