राजगढ़। देशभर में शनिवार को गणेशोत्सव की शुरूआत होगी, लेकिन इस साल कहीं भी वो धूम देखने को नहीं मिलेगी, जो हर साल हुआ करती थी. कोरोना संक्रमण के कारण शासन-प्रशासन ने पंडालों के आयोजन पर रोक लगा दी है. वहीं पंडालों का आयोजन नहीं होने से एक ओर जहां आम नागरिक मायूस हैं, वहीं मूर्तिकारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. गणेशोत्सव में मूर्तियों की बिक्री नहीं होने से अब उन्हें नवरात्रि में भी घाटे का डर सता रहा है.
दूसरे जिलों में भी जाती थी मूर्तियां
राजगढ़ में बनने वाली मूर्तियां न सिर्फ जिले में बिकती थी, बल्कि झालावाड़, शाजापुर आदि जिले में भी इन मूर्तियों की सप्लाई होती थी. कई बड़ी-बड़ी आकर्षक मूर्तियां राजगढ़ जिले से बनाकर भेजी जाती थी.
वहीं यहां मूर्तिकारों को बड़ी मूर्तियां बनाने के ऑर्डर कई महीनों पहले ही मिल जाते थे, लेकिन इस बार मूर्तिकारों को कोरोना के संक्रमण के कारण और प्रशासन द्वारा झांकियों पर लगाए गए प्रतिबंध के कारण कोई भी ऑर्डर नहीं मिला है जिससे उनको काफी नुकसान हुआ है.
नहीं मिले ऑर्डर
जिले के मूर्तिकार रामबाबू प्रजापति बताते हैं कि बड़ी मूर्तियों से उनको काफी लाभ होता था. हर साल उनके कस्टमर उनको कई महीने पहले ही ऑर्डर दे दिया करते थे, लेकिन इस बार प्रशासन की पाबंदियों के चलते उनको कोई ऑर्डर नहीं मिला है, जिससे वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. वहीं कई मूर्तिकार तो इस बार किसी भी प्रकार की मूर्तियों का निर्माण नहीं कर रहे हैं.
महंगा मिल रहा है माल
मूर्तिकारों ने बताया कि मूर्ति बनाने के लिए उपयोग होने वाला माल हर साल बाहर से आता है. बाहर से आने वाला माल इस बार नहीं आ पा रहा है और मूर्तियों को बनाने के लिए जहां उनको काफी कुछ सामान बाहर से मंगाना पड़ता था और वह सामान उपलब्ध नहीं होने के कारण कई मूर्तियों को बनाने में उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा मूर्तियों को बनाने के लिए जो सामान मिल भी रहा है तो वो काफी महंगा मिल रहा है. वहीं जो कलाकार उनके साथ काम करते थे, वह भी इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए नहीं आए हैं.
मूर्तिकारों के साथ कई लोग हुए बेरोजगार
मूर्तियों के निर्माण में सिर्फ मूर्तिकार ही नहीं बल्कि कई मजदूर उनके साथ काम करते हैं. कोरोना संक्रमण के कारण जहां इस बार सिर्फ छोटी मूर्तियों का निर्माण हुआ है जो आसानी से मूर्तिकारों ने ही अपने घर में बनाई हैं, वहीं इस बार बड़ी मूर्तियों के निर्माण नहीं होने से मिट्टी की गुथाई करने वालों से लेकर मूर्तियों पर पेंट करने वाले कलाकार बेरोजगार हो गए हैं.
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नवरात्रि का भी सता रहा है डर
गणेश उत्सव और नवरात्रि दो ऐसे बड़े पर्व हैं. जिसका इंतजार पूरे भारत देश के निवासी करते हैं. जहां पूरे भारत में यह उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, वहीं इसी दौरान देशभर में कई हजारों मूर्तियों का निर्माण किया जाता है.
इन दोनों उत्सव के दौरान करोड़ों का व्यवसाय मूर्तिकारों द्वारा किया जाता है. राजगढ़ जिले के मूर्तिकार भी इस साल इन दोनों उत्सवों की प्रतीक्षा कर रहे थे. लेकिन जब गणेश उत्सव में ही उन्हें निराशा हाथ लगी तो नवरात्रि में भी उन्हें घाटा होने का डर सता रहा है.