राजगढ़। जिले में बाल विवाह जैसे रूढ़िवादी प्रथा को रोकने को लेकर शासन-प्रशासन लगातार प्रयासरत हैं. इसके बावजूद भी वर्तमान समय में प्रशासन के कई प्रयासों के बावजूद जिले में बाल विवाह की घटनाएं नहीं रुक पाई हैं. हाल ही में जिला मुख्यालय के पास ग्राम नाईहेड़ा में बच्ची का बाल विवाह किया जाने का मामला सामने आया, जिसे प्रशासन ने जानकारी लगने के बाद रुकवाया. बता दें, इसकी जानकारी जैसे ही प्रशासन को लगी प्रशासनिक टीम ने ग्राम नाईहेड़ा पहुंचकर बाल-विवाह करने वाले परिवार को समझाइश देकर बाल विवाह नहीं करने की सलाह दी.
प्रशासनिक टीम ने परिवार को बाल-विवाह के दुष्परिणाम भी बताए, अधिकारियों की समझाइश के बाद बच्ची माता पिता ने विवाह रोके जाने पर सहमति जताई. वहीं माता पिता ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति खराब होने की वहज से वो अपनी बड़ी बेटी के साथ ही छोटी बेटी की भी शादी कर रहे थे. वहीं समझाइश के बाद परिवार ने भी 18 की उम्र के बाद ही बच्चे की शादी करने का प्रशासन को भरोसा दिलाया.
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इस दौरान टीम ने पंचनामा तैयार कर, उस पर माता-पिता सहित गांव के पंचों से हस्ताक्षर करवाए. महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी नूपुर सांखला ने बताया नाईहेडा के रहने वाले की 13 वर्ष 6 माह की बच्ची का विवाह खुजनेर के पास मुंडला तय हुआ था, विवाह 27 दिसम्बर को होने वाला था, लेकिन इसकी जानकारी लगते ही उन्होंने इसे रुकवाया.