राजगढ़। मध्य प्रदेश में गायों की स्थिति अब दयनीय होने लगी है. यहां राजगढ़ जिले में यह हालत काफी बुरी है. गाय जगह-जगह पर दिखाई देती है,सड़क पर घूमती हुई गाय लगातार बेसहारा और असहाय महसूस करती है. बरसात के मौसम में बीमारी और वाहनों की चपेट में आने से गाय की जान चली जा रही है. जिले में गोशालाओं का निर्माण किया गया. परंतु इन गोशालाओं में अनियमितताएं देखी गईं. कुछ गोशालाओं का निर्माण पूरा नहीं हो पाया, जिसे लेकर कई तरह के आरोप प्रशासन पर लगे थे. वहीं आज जिला कलेक्टर ने सख्ती दिखाते हुए बड़ी कार्रवाई की है.
कलेक्टर ने तैयारियों को दिया अंतिम रूप
उल्लेखनीय है कि गोशालाओं के निर्माण में रूचि नहीं लेने व काम में लापरवाही बरतने पर सात सरपंचों को प्रधान के पद से हटाने, छह सचिवों को निलंबित करने एवं तीन सब-इंजीनियर का वेतन काटने की कार्रवाई की गई है. साथ ही पुरानी गोशालाओं को रिजेक्ट करते हुए 15 नई गोशालाएं हाइवे किनारे बनाने को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया.
डीएम ने गोशालाओं को लेकर लीं बैठकें
गोशालाएं बनकर पूरी हो चुकी हैं, लेकिन उनका संचालन नहीं किया जा रहा है. जो गोशालाएं अधूरी हैं, उनके निर्माण में सरपंच-सचिव व उपयंत्री आदि के द्वारा कोई रूचि नहीं ली जा रही थी. उसको लेकर सोमवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में दो शिफ्ट में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह व जिला पंचायत सीईओ केदारसिंह द्वारा बैठक आयोजित की गई. पहले सत्र में राजगढ़, खिलचीपुर व जीरापुर जनपदों की बैठकें लीं.
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इसके बाद दूसरी शिफ्ट में ब्यावरा, नरसिंहगढ़ व सारंगपुर जनपद पंचायतों की बैठकें लीं. गोशालाओं के निर्माण में रूची नहीं लेने व समय-सीमा में गोशाला निर्माण पूर्ण नहीं कराने तथा संचालन नहीं करने पर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने सरपंच, सचिव व उपयंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की.