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रेलवे की लापरवाही से अधर में लटकी सिंचाई परियोजना, दो साल पहले पीएम ने किया था उद्घाटन

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Published : Aug 13, 2020, 3:00 PM IST

रेलवे के एक पुल के अधूरे निर्माण के कारण राजगढ़ जिले में 3800 करोड़ रुपए की लागत से बनी मोहनपुरा सिंचाई परियोजना अपने उद्देशों को पूरा नहीं कर पा रही है.

Mohanpura Irrigation Project
मोहनपुरा सिंचाई परियोजना

राजगढ़। सरकारें विकास के नाम पर पैसा पानी की तरह भले ही बहाती हैं, पर विभागों के बीच सही तालमेल नहीं होने के कारण जनता को इसका फायदा नहीं मिल पाता. ऐसा ही हाल है राजगढ़ जिले में 3800 करोड़ रुपए की लागत से बनायी गई मोहनपुरा सिंचाई परियोजना का, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जून 2018 को किया था. जल संसाधन विभाग ने डैम तो बना लिया, पर रेलवे ने अपने हिस्से का काम नहीं किया, जिस कारण यहां की जनता को इतना खर्च होने के बाद भी फायदा नहीं हो रहा है.

अधर में अटकी मोहनपुरा सिंचाई परियोजना

रेलवे का करना था ये काम
रेलवे का दूधी नदी पर बनने वाला पुल और ब्यावरा-पचोर के बीच लगभग 8 किमी लम्बी रेल लाइन का डायवर्जन परियोजना का ही हिस्सा था, जिसके लिए जल संसाधन विभाग ने रेलवे को 4 साल पहले ही 192 करोड़ रुपए दिए थे, लेकिन 6 साल पहले शुरू हई परियोजना में डैम का काम पूरा होने के बाद भी रेलवे के हिस्से का काम अधूरा है.

railway bridge
रेलवे पुल

रेलवे की लापरवाही से जनता को नहीं मिल रहा फायदा
राजगढ़ जिले का ये सबसे महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट है, जहां इसकी वजह से पूरे राजगढ़ जिले को सिंचाई से लेकर पेयजल की व्यवस्था की जाएगी. लेकिन रेलवे का दूधी पर बनने वाले पुल का निर्माण अधूरा और 9 किलोमीटर लंबी लाइन का डायवर्जन नहीं होने के कारण पिछले 2 सालों से मोहनपुरा डैम खाली है. इस बार भी मोहनपुरा डैम को नहीं भरा जा सकेगा क्योंकि रेलवे पुल के डूब क्षेत्र में आने से बचाने के लिए डैम का वाटरलेवल 393 रखना होगा.

Mohanpura Irrigation Project
मोहनपुरा सिंचाई परियोजना

पिछले साल कई बार खुले थे डैम के गेट
पिछले साल मानसून में सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए बदरा ने 1700 मिलीमीटर से अधिक बारिश की थी. जिस कारण कई नदी-नाले उफान पर थे, बाबाजूद इसके जिले को जीवन देने के उद्देश्य से बनाया गया मोहनपुरा डैम खाली रह गया था क्योंकि रेलवे पुल को डूब क्षेत्र में आने से बचाने के लिए कई बार डैम के गेट खोले गए थे और जल स्तर 393 मीटर पर रखा गया था. वहीं अब इस साल बारिश की बेरुखी के कारण डैम का जलस्तर 393 से भी कम रहने की आशंका है, जिसका खामियाजा राजगढ़ की जनता को ही भुगतना पड़ेगा.

Mohanpura Irrigation Project
मोहनपुरा सिंचाई परियोजना का जल स्तर

यहां भी बरपा कोरोना का कहर
रेलवे ने जून 2020 तक पुल निर्माण पूरा करा कर उसके अगले साल तक रेलवे ट्रैक और आवागमन शुरू करने का दावा किया था, लेकिन दुनिया भर में छाए कोरोना महामारी के कारण पुल का निर्माण प्रभावित हुआ और अब तक ये काम पूरा नहीं हो सका. अब इसका असर अगले साल शिफ्ट होने वाली रेलवे लाइन पर भी हो सकता है, जिससे जिले को पानी की समस्या से निजात पाने के लिए और कुछ सालों का इंतजार करना पड़ सकता है.

राजगढ़। सरकारें विकास के नाम पर पैसा पानी की तरह भले ही बहाती हैं, पर विभागों के बीच सही तालमेल नहीं होने के कारण जनता को इसका फायदा नहीं मिल पाता. ऐसा ही हाल है राजगढ़ जिले में 3800 करोड़ रुपए की लागत से बनायी गई मोहनपुरा सिंचाई परियोजना का, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जून 2018 को किया था. जल संसाधन विभाग ने डैम तो बना लिया, पर रेलवे ने अपने हिस्से का काम नहीं किया, जिस कारण यहां की जनता को इतना खर्च होने के बाद भी फायदा नहीं हो रहा है.

अधर में अटकी मोहनपुरा सिंचाई परियोजना

रेलवे का करना था ये काम
रेलवे का दूधी नदी पर बनने वाला पुल और ब्यावरा-पचोर के बीच लगभग 8 किमी लम्बी रेल लाइन का डायवर्जन परियोजना का ही हिस्सा था, जिसके लिए जल संसाधन विभाग ने रेलवे को 4 साल पहले ही 192 करोड़ रुपए दिए थे, लेकिन 6 साल पहले शुरू हई परियोजना में डैम का काम पूरा होने के बाद भी रेलवे के हिस्से का काम अधूरा है.

railway bridge
रेलवे पुल

रेलवे की लापरवाही से जनता को नहीं मिल रहा फायदा
राजगढ़ जिले का ये सबसे महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट है, जहां इसकी वजह से पूरे राजगढ़ जिले को सिंचाई से लेकर पेयजल की व्यवस्था की जाएगी. लेकिन रेलवे का दूधी पर बनने वाले पुल का निर्माण अधूरा और 9 किलोमीटर लंबी लाइन का डायवर्जन नहीं होने के कारण पिछले 2 सालों से मोहनपुरा डैम खाली है. इस बार भी मोहनपुरा डैम को नहीं भरा जा सकेगा क्योंकि रेलवे पुल के डूब क्षेत्र में आने से बचाने के लिए डैम का वाटरलेवल 393 रखना होगा.

Mohanpura Irrigation Project
मोहनपुरा सिंचाई परियोजना

पिछले साल कई बार खुले थे डैम के गेट
पिछले साल मानसून में सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए बदरा ने 1700 मिलीमीटर से अधिक बारिश की थी. जिस कारण कई नदी-नाले उफान पर थे, बाबाजूद इसके जिले को जीवन देने के उद्देश्य से बनाया गया मोहनपुरा डैम खाली रह गया था क्योंकि रेलवे पुल को डूब क्षेत्र में आने से बचाने के लिए कई बार डैम के गेट खोले गए थे और जल स्तर 393 मीटर पर रखा गया था. वहीं अब इस साल बारिश की बेरुखी के कारण डैम का जलस्तर 393 से भी कम रहने की आशंका है, जिसका खामियाजा राजगढ़ की जनता को ही भुगतना पड़ेगा.

Mohanpura Irrigation Project
मोहनपुरा सिंचाई परियोजना का जल स्तर

यहां भी बरपा कोरोना का कहर
रेलवे ने जून 2020 तक पुल निर्माण पूरा करा कर उसके अगले साल तक रेलवे ट्रैक और आवागमन शुरू करने का दावा किया था, लेकिन दुनिया भर में छाए कोरोना महामारी के कारण पुल का निर्माण प्रभावित हुआ और अब तक ये काम पूरा नहीं हो सका. अब इसका असर अगले साल शिफ्ट होने वाली रेलवे लाइन पर भी हो सकता है, जिससे जिले को पानी की समस्या से निजात पाने के लिए और कुछ सालों का इंतजार करना पड़ सकता है.

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