राजगढ़। नरसिंहगढ़ में एक राशन डीलर की दुकान का लाइसेंस निरस्त करने की धमकरी देखर रिश्वत लेने का मामला सामने आया है. यहां एक कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ने बतौर रिश्वत एक लाख रुपए की मांग रखी थी. वहीं, जब इस मामले की शिकायत लोकायुक्त की टीम को लगी, तो उन्होंने प्लानिंग के साथ कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुनील वर्मा को 40 हजार रुपए की रिश्वत के साथ मौके पर गिरफ्तार कर लिया.
अधिकारी ने मांगी 1 लाख रुपए की रिश्वत
दरअसल, सोनू गुप्ता ने 19 जुलाई को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त को पूरे मामले की जानकारी देते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमे कहा था कि वह नरसिंहगढ़ में सरकारी राशन की दुकान चलाता है. सोनू ने आगे बताया कि उससे कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुनील वर्मा और कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा उसकी दुकान का लाइसेंस निरस्त या सस्पेंड करने की धमकी देकर 1 लाख रुपए रिश्वत की मांग की जा रही है. आवेदक के द्वारा पीओएस मशीन से राशन का वितरण न करके वितरण पंजी से किया गया है. मामले की जांच की गई तो, आवेदक की शिकायत सही पाई गई.
75 हजार रुपए में हुआ समझौता
आवेदक ने कुछ पैसे कम करने की बात कही, तो कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुनील वर्मा ने 75000 रुपए की रिश्वत देने के लिए कहा, जिसमे से 20,000 रुपए सुनील वर्मा ने 20 जुलाई को ही अपने पर्सनल कॉम्प्यूटर ओपेरटर के जरिए पीड़ित से ले लिए. अपनी कही बात के अनुसार, आवेदक सोनू गुप्ता 23 जुलाई को रिश्वत के 40,000 रुपए लेकर आरोपी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कराने के उद्देश्य से लोकायुक्त कार्यालय पहुंच गया.
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अधिकारी रंगे हाथों गिरफ्तार
दरअसल, बाकी राशि देने के लिए उसने अधिकारियों के कहे मुताबिक, कनिष्ठ आपूर्ति कार्यालय में सुनील वर्मा के पर्सनल कंप्यूटर ऑपरेटर अजय यादव को 40,000 रुपए दे दिए. जैसे रिश्वत की राशि दी, उसी समय लोकायुक्त टीम ने ऑपरेटर अजय यादव को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद लोकायुक्त टीम ने आगे की प्लानिंग करते हुए ऑपरेटर अजय यादव के जरिए ही रिश्वत के पैसे की डिलीवरी नरसिंहगढ़ रेस्ट हाउस में उपस्थित कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुनील वर्मा को कराई. जैसे ही कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुनील वर्मा ने राशि ली उसी समय लोकायुक्त टीम ने वर्मा को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.