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राजगढ़ में है रोजगार का संकट, मजदूरों की लगती है बोली - Harvesting of crops

नरसिंहगढ़ जब सोयाबीन, गेहूं और चने की फसल की कटाई का समय आता है. तब मजदूरों का यहां मेला लगता है. इस दौरान ग्रामीण क्षेत्र एवं दूरदराज क्षेत्र के ठेकेदार आकर मजदूरों की बोली लगाते हैं.

राजगढ़ में है रोजगार का संकट
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Published : Oct 13, 2019, 2:57 PM IST

राजगढ़। सरकारों के तमाम दावे के बाद भी बेरोजगारी का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. गांव में नहीं बल्कि शहरों में भी नजर आती है बेरोजगारी. हर चुनाव के समय जो भी प्रत्याशी आता है वो वादा करता है कि हर हाथ को काम दूंगा. लेकिन आज भी नरसिंहगढ़ के लोगों का हाथ रोजगार से खाली है.

राजगढ़ में है रोजगार का संकट

बेरोजगारी के आलम का उदाहरण नरसिंहगढ़ में भी देखने को मिलता है. जब सोयाबीन, गेहूं और चने की फसल की कटाई का समय आता है. तब मजदूरों का यहां मेला लगता है. इस दौरान ग्रामीण क्षेत्र एवं दूरदराज क्षेत्र के ठेकेदार आकर मजदूरों की बोली लगाते हैं.

महिलाओं और बच्चों की लगती है बोली
फसलों की कटाई के समय बाहर के ठेकेदार मजदूरों की बोली लगाकर ले जाते हैं. इसमें सिर्फ पुरूषों की ही बोली नहीं लगती है बल्कि, महिला और बच्चे भी मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं. जिसके चलते क्षेत्र के लोग काम धंधे के लिए गुजरात और राजस्थान की ओर पलायन करते हैं.

सरकार से रोजगार की है आस
लोगों का कहना है कि सरकार और प्रशासन को नरसिंहगढ़ के लोगों के लिए फैक्ट्री या उद्योग खुलवाने का प्रयास करें, जिससे बेरोजगारी दूर हो और यहां से लोग पलायन ना करें.

राजगढ़। सरकारों के तमाम दावे के बाद भी बेरोजगारी का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. गांव में नहीं बल्कि शहरों में भी नजर आती है बेरोजगारी. हर चुनाव के समय जो भी प्रत्याशी आता है वो वादा करता है कि हर हाथ को काम दूंगा. लेकिन आज भी नरसिंहगढ़ के लोगों का हाथ रोजगार से खाली है.

राजगढ़ में है रोजगार का संकट

बेरोजगारी के आलम का उदाहरण नरसिंहगढ़ में भी देखने को मिलता है. जब सोयाबीन, गेहूं और चने की फसल की कटाई का समय आता है. तब मजदूरों का यहां मेला लगता है. इस दौरान ग्रामीण क्षेत्र एवं दूरदराज क्षेत्र के ठेकेदार आकर मजदूरों की बोली लगाते हैं.

महिलाओं और बच्चों की लगती है बोली
फसलों की कटाई के समय बाहर के ठेकेदार मजदूरों की बोली लगाकर ले जाते हैं. इसमें सिर्फ पुरूषों की ही बोली नहीं लगती है बल्कि, महिला और बच्चे भी मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं. जिसके चलते क्षेत्र के लोग काम धंधे के लिए गुजरात और राजस्थान की ओर पलायन करते हैं.

सरकार से रोजगार की है आस
लोगों का कहना है कि सरकार और प्रशासन को नरसिंहगढ़ के लोगों के लिए फैक्ट्री या उद्योग खुलवाने का प्रयास करें, जिससे बेरोजगारी दूर हो और यहां से लोग पलायन ना करें.

Intro:यह मजदूरों की लगती है बोली,सोयाबीन की कटाई के लिए लग रही बोली


नरसिंहगढ़
नगर गांव में नहीं शहरों में भी नजर आती है बेरोजगारी, हर समय चुनाव के समय जो भी प्रत्याशी आता है वो वादा करता है कि हर हाथ को काम दूंगा,

लेकिन चुनाव का समय निकलने के बाद 5 साल तक कोई ध्यान नहीं देता है ,आज तक नरसिंहगढ़ में ऐसा ही होता चला आ रहा है, नरसिंहगढ़ का दुर्भाग्य है कि आज तक किसी प्रतिनिधि व प्रशासन ने नरसिंहगढ़ क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास नहीं किया है,

यही कारण है कि नरसिंहगढ़ के आसपास के लोग काम धंधे के लिए बाहर पलायन करते हैं, कोई गुजरात कोई राजस्थान कोई बेंगलुरु आदि स्थानों पर जाकर काम करते है।

ऐसा ही नजारा सोयाबीन व गेहूं चने की फसल कटाई के समय नजर आता है ,यहां आसपास के ग्रामीण क्षेत्र व दूरदराज के ठेकेदार आकर मजदूरों की बोली लगाकर ले जाते हैं ,महिला बच्चे व पुरुष सभी बाहर जाकर काम करने के लिए मजबूर है ,

वही यह के लोगो का कहना है की सरकार व प्रशासन को नगर नरसिंहगढ़ के लोगों के लिए काम या फैक्ट्री या उद्योग खुलवाने का प्रयास करें ,जिससे बेरोजगारी दूर हो , जिससे लोग यहां से पलायन ना करें ।

Body:वही इस बोली के दौरान हर दिन सुबह मजदूर अलग अलग स्थानों पर जाकर खड़े हो जाते हैं और फिर उनकी बोली लगाने के लिए ठेकेदार वहां पहुंचते हैं, जो जैसा मान जाए उसे भाव मे उन्हें नरसिंहगढ़ के आसपास के गांवों में फसल काटने के लिए ले जाते हैं, पिछले एक हफ्ता से बारिश रुकी और फसलों की कटाई शुरू हुई है ,बस स्टैंड आदि जगहों पर मजदूरों की कतारें लगना शुरू हो गई, माहौल कुछ इस तरह हो जाता है कि मानो कोई बाजार लग रहा हो।

Conclusion:बाईट - मजदूरों की
बाईट - किसान
बाईट - बंटी खान
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