राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ में बाढ़ आ जाने से गौशाला में 50 से अधिक गायों की मौत की खबर है. गौशाला कर्मचारियों ने गायों की मौत की जानकारी बिना किसी को दिये उनके शव नदी में फेंक दिये. गौरक्षक और विश्व हिंदू परिषद ने गौशाला प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत की. जिसके बाद गौशाला के प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई.
गौशाला में ताला डालकर चले गए कर्मचारी: घटना तालेन तहसील के निद्र खेड़ी गांव की है. बताया जा रहा है कि भारी वर्षा देखकर गौशाला के कर्मचारी गौशाला में ताला लगाकर चले गए थे. इसके बाद नदी में आई बाढ़ का पानी गौशाला में भर गया. गौशाला में ताला लगा होने की वजह से गायें बाहर नहीं निकल पाईं और बाढ़ के पानी में बह गईं. 50 से ज्यादा मवेशियों के मौत हो गई.
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खुद को गौभक्त बताने वालों की सरकार में गौमाताओ की यह दर्दनाक तस्वीरें..?
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) August 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
एमपी के राजगढ़ ज़िले में तलेन के गाँव निंद्रा खेड़ी की सरकारी अनुदान प्राप्त प्रीतम गोशाला में बाढ़ से क़रीब 55 गौमाताओं की दर्दनाक मौत…
गौशाला संचालक ताला बंद कर चला गया , जिससे यह घटना हुई। pic.twitter.com/ubrfjcGTSg
">खुद को गौभक्त बताने वालों की सरकार में गौमाताओ की यह दर्दनाक तस्वीरें..?
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) August 26, 2022
एमपी के राजगढ़ ज़िले में तलेन के गाँव निंद्रा खेड़ी की सरकारी अनुदान प्राप्त प्रीतम गोशाला में बाढ़ से क़रीब 55 गौमाताओं की दर्दनाक मौत…
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गायों के शवों को नदी में फेंक दिया: प्रीतम महाराज द्वारा गौशाला का संचालन किया जाता है. एक अधिकारी ने कहा कि कर्मचारियों ने बाद में शवों को नदी में फेंक दिया. तालन थाना प्रभारी उमाशंकर मुकाती ने कहा कि इस घटना से नाराज गौरक्षक और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया. और थाने में शिकायत दर्ज कराई. कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि गौशाला को सरकार से बूढ़ी गायों को रखने के लिए अनुदान मिल रहा था. इस बीच, राज्य कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर गौशाला की स्थिति के लिए मध्य प्रदेश सरकार की आलोचना की है.
Flood in Rajgarh, 50 cows died in Rajgarh, Cow Due To Flood Drowned