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प्री-मानसून ने प्रदेश में दी दस्तक, नहीं हो रही उपज खरीदी, किसान नाराज

किसानों के सामने अब प्री-मॉनसून की समस्या खड़ी है. प्रदेश में बारिश होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है. लिहाजा फसल बेचने को लेकर परेशान किसानों ने चक्काजाम कर दिया, जहां प्रशासन ने समझाइश देकर जल्द से जल्द निराकरण करने का आश्वासन दिया है.

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Published : Jun 3, 2020, 11:46 AM IST

Farmers protest on road for crops
गुस्साए किसानों ने किया चक्काजाम

राजगढ़। लॉकडाउन के बीच किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. पहले जहां गेहूं की फसल बेचने में किसानों को दिक्कत हो रही है. वहीं अब बारिश ने उनकी दिक्कतों को और बढ़ा दिया है. बारिश से किसानों को गेहूं खराब होने का डर सता रहा है.

वहीं दूसरी ओर प्री-मानसून ने भी प्रदेश में दस्तक दे दी है. जिले में कई जगह बारिश हुई है, जिससे किसानों की चिंताएं और बढ़ गई हैं. यहीं वजह है कि गुस्साए किसानों ने लखनवास और खिलचीपुर में अपनी फसल को लेकर मंडी के सामने चक्काजाम किया, जहां प्रशासन ने दोनों जगह किसानों को समझाइश दी. साथ ही आश्वासन दिया कि सभी की फसलों का जल्द से जल्द निराकरण किया जाएगा, तब जाकर दोनों जगह चक्काजाम खोला गया.

अब जहां किसान मंडियों में अपनी फसल को बेचने के लिए परेशान हो रहे थे. अब बदलते मौसम का भार भी उठाना पड़ेगा. मध्य प्रदेश सरकार ने अवधि बढ़ाकर खरादी की आखिरी तारीख 31 मई कर दी थी, लेकिन किसान फिर भी लगातार परेशान हो रहा है.जहां फसलों की अच्छी पैदावार होने पर किसानों के चेहरे खिल उठते थे, तो अब वहीं बंपर पैदावार होने के बावजूद भी फसल बेचने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

राजगढ़। लॉकडाउन के बीच किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. पहले जहां गेहूं की फसल बेचने में किसानों को दिक्कत हो रही है. वहीं अब बारिश ने उनकी दिक्कतों को और बढ़ा दिया है. बारिश से किसानों को गेहूं खराब होने का डर सता रहा है.

वहीं दूसरी ओर प्री-मानसून ने भी प्रदेश में दस्तक दे दी है. जिले में कई जगह बारिश हुई है, जिससे किसानों की चिंताएं और बढ़ गई हैं. यहीं वजह है कि गुस्साए किसानों ने लखनवास और खिलचीपुर में अपनी फसल को लेकर मंडी के सामने चक्काजाम किया, जहां प्रशासन ने दोनों जगह किसानों को समझाइश दी. साथ ही आश्वासन दिया कि सभी की फसलों का जल्द से जल्द निराकरण किया जाएगा, तब जाकर दोनों जगह चक्काजाम खोला गया.

अब जहां किसान मंडियों में अपनी फसल को बेचने के लिए परेशान हो रहे थे. अब बदलते मौसम का भार भी उठाना पड़ेगा. मध्य प्रदेश सरकार ने अवधि बढ़ाकर खरादी की आखिरी तारीख 31 मई कर दी थी, लेकिन किसान फिर भी लगातार परेशान हो रहा है.जहां फसलों की अच्छी पैदावार होने पर किसानों के चेहरे खिल उठते थे, तो अब वहीं बंपर पैदावार होने के बावजूद भी फसल बेचने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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