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बीमार है राजगढ़ जिला अस्पताल, मरीजों की जान पर भारी पड़ रही हैं अव्यवस्थाएं

राजगढ़ जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल हो चुका है, मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पा है, इतना ही नहीं स्टाफ की कमी से जूझ रहे अस्पताल में मरीजों को इलाज के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

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Published : Nov 11, 2019, 11:39 PM IST

Updated : Nov 11, 2019, 11:57 PM IST

जिला अस्पतालों में अव्यवस्थाओं का डेरा

राजगढ़। जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं, मरीजों को उचित इलाज सही वक्त पर नहीं मिल पा रहा है. इतना ही नहीं ये हॉस्पिटल स्टाफ की भारी कमी से भी जूझ रहा है. मरीजों को इलाज पाने के लिए अव्यवस्थाओं से संघर्ष करना पड़ रहा है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी है कि उन्हें कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा है. अव्यवस्थाएं मरीजों की जान पर भारी पड़ रही हैं.

बीमार है राजगढ़ जिला अस्पताल

गंभीर रूप से बीमार एक नवजात ब्यावरा से राजगढ़ जिला अस्पताल लाया जा रहा था, रास्ते में एंबुलेंस में रखे सिलेंडर से आक्सीजन खत्म हो गई, जिसकी वजह से नवजात की मौत हो गई.

जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर केके सक्सेना का कहना है कि पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है. लापरवाही जैसी घटनाएं सामने आती हैं तो तत्काल प्रभार से कार्रवाई की जाएगी

राजगढ़। जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं, मरीजों को उचित इलाज सही वक्त पर नहीं मिल पा रहा है. इतना ही नहीं ये हॉस्पिटल स्टाफ की भारी कमी से भी जूझ रहा है. मरीजों को इलाज पाने के लिए अव्यवस्थाओं से संघर्ष करना पड़ रहा है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी है कि उन्हें कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा है. अव्यवस्थाएं मरीजों की जान पर भारी पड़ रही हैं.

बीमार है राजगढ़ जिला अस्पताल

गंभीर रूप से बीमार एक नवजात ब्यावरा से राजगढ़ जिला अस्पताल लाया जा रहा था, रास्ते में एंबुलेंस में रखे सिलेंडर से आक्सीजन खत्म हो गई, जिसकी वजह से नवजात की मौत हो गई.

जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर केके सक्सेना का कहना है कि पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है. लापरवाही जैसी घटनाएं सामने आती हैं तो तत्काल प्रभार से कार्रवाई की जाएगी

Intro:मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में लगातार जिले के अस्पतालों मैं लापरवाही देखने को मिल रही है ,जहां जिले के अस्पताल लगातार स्टाफ की कमी से जूझ रहे और इस स्टाफ की कमी के कारण मरीज जहां परेशान होते हुए नजर आते हैं और लगातार जिले में स्टाफ की कमी के कारण पूरा जिला संघर्ष करता हुआ नजर आता है ,वही आए दिन कुछ लोगों की लापरवाही भी मरीजों के लिए परेशानी बनी हुई है, जहां स्टाफ की कमी से तो जिला पहले ही जूझ रहा है और वही लगाता जिले में पदस्थ स्टाफ के कुछ लोग लगातार लापरवाही कर रहे हैं जिसके कारण अनेक परेशानियों से ना सिर्फ मरीजों को दो-चार होना पड़ रहा है।


Body:बल्कि प्रशासन भी लगातार इस लापरवाही के कारण परेशान है ऐसी ही कुछ घटनाएं पिछले कुछ महीने से लगातार देखने में आ रही है ,परंतु जिले के अस्पताल के प्रशासन पर लापरवाही से सबक लेते हुए नजर नहीं आ रहा है और लगातार जिले के अस्पतालों से लापरवाही की घटनाएं सामने आ रही है, जहां कुछ महीनों से लगातार लापरवाही की वजह से ना सिर्फ मरीजों को परेशान होना पड़ता है ,बल्कि जिले के अन्य विभाग के प्रशासन को भी इन से दो-चार होना पड़ता है ऐसी ही कुछ घटनाएं जहां जिले में लगातार हो रही है।

जैसे कि कुछ माह पूर्व एमएलसी करवाने आई रेप पीड़िता महिला को लगातार छह घंटे तक महिला डॉक्टर को अपनी जांच करवाने के लिए इंतजार करना पड़ा वहीं लगातार प्रशासन के दबाव के बावजूद महिला डॉक्टर मौके पर उपस्थित नहीं हुई ,वहीं जब उस वक्त की राजगढ़ एसडीम श्रुति अग्रवाल ने मौके पर पहुंचकर सिविल सर्जन को कार्रवाई करने के आदेश दिए ,तब जाकर महिला डाक्टर अस्पताल आई और उस महिला की जांच हो पाई।

2. वहीं अभी कुछ दिन पहले ब्यावरा से राजगढ़ एक नवजात बच्चे को राजगढ़ जिला अस्पताल लाया जा रहा था, परंतु एंबुलेंस में रखी ऑक्सीजन का सिलेंडर बीच रास्ते में ही खत्म हो गया और बच्चे की मौत हो गई, वहीं जब इसमें परिजनों और मीडिया के द्वारा या बाद जिला चिकित्सालय प्रशासन के सामने लाई गई तो उसके बाद उसमें एक नर्स को सस्पेंड कर दिया गया।

3. वही 3 दिन पूर्व एक रेप पीड़िता को पुलिस जिला चिकित्सालय जांच करवाने के लिए लाई थी, परंतु महिला डॉक्टर की लापरवाही के कारण में पीड़िता को लगातार 24 घंटे तक संघर्ष करना पड़ा और वही जब पुलिस प्रशासन ने सिविल सर्जन से आग्रह किया तो उन्होंने महिला को ब्यावरा रेफर कर दिया और ब्यावरा चिकित्सालय में जाकर रेप पीड़िता की जांच हो पाई।


Conclusion:वहीं जिले में अनेक ऐसे ही प्रकरण जिनमें जिला चिकित्सालय प्रशासन को जल्द से जल्द ऐसे मामलों पर ध्यान देने की सख्त से सख्त जरूरत है क्योंकि जिले के अस्पताल पहले ही स्टाफ की कमी से अनेक परेशानियां जूझ रही है, वहीं कुछ लोगों की लापरवाही की वजह से जिले में मरीजों से लेकर प्रशासन तक को संघर्ष करना पड़ रहा है।

वही इस बारे में जब जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर केके सक्सेना से बात की गई तो उन्होंने बताया कि भैया आपने जो घटना बताई है, उसमें हमारे द्वारा कमेटी गठित कर दी गई है वहीं जब जब कोई ऐसी घटनाएं सामने आई है ,तो इसमें कार्रवाई की गई है वही आपने जो ब्यावरा से ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने की बात सामने आई थी, उसमें नर्स को तत्काल से सस्पेंड कर दिया गया था, और वही बीएमओ से लेकर सिविल सर्जन सभी को निर्देश जारी कर दिया गया है ,कि अगर लापरवाही जैसी घटनाएं सामने आती है तो उन पर तत्काल कार्रवाई की जाए और ऐसे ही कोई सी लापरवाही ना होने दी जानी चाहिए।

विसुअल

हॉस्पिटल के फ़ाइल वीडिओज़
मरीजों के फ़ाइल वीडिओज़
वॉक थ्रू

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जिला चिकित्सालय अधिकारी डॉक्टर के के श्रीवास्तव
Last Updated : Nov 11, 2019, 11:57 PM IST
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