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कोरोना काल ने बदल दिया शिक्षा का पैटर्न, बच्चों की पढ़ाई से लेकर शिक्षकों की ट्रेनिंग भी ऑनलाइन

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Published : May 31, 2020, 8:05 PM IST

कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई से लेकर शिक्षकों की ट्रेनिंग तक का तरीका बदल गया है. एक तरफ बच्चों को सोशल मीडिया और ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है. वहीं बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए शिक्षकों को ट्रेनिंग भी ऑनलाइन दी जा रही हैं.

Corona era changed pattern of education
कोरोना काल ने बदल दिया शिक्षा का पैटर्न

राजगढ़। कोरोना वायरस से पूरा देश प्रभावित है, इस माहामारी से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने जहां इसे फैलने से कुछ हद तक तो रोका है, वहीं सरकार और समाज को अपने सभी कामों के लिए अन्य आयामों के लिए सोचने पर मजबूर किया है, जिससे जिंदगी को वापस पटरी पर लाया जा सके. एक तरफ जहां इससे प्रकृति खिल गई है. वहीं दूसरी और शिक्षा जगत में कई क्रांतिकारी बदलाव आ रहे हैं. कोरोना काल में सेमिनार की जगह वेबनार होने लगे हैं, जिससे सोध को नई दिशा मिल रही है, वहीं स्कूलों के बंद होने से ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों को काफी मदद मिल रही है. कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई से लेकर शिक्षकों की ट्रेनिंग तक का तरीका बदल दिया है. एक तरफ बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है वहीं बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए शिक्षकों को ट्रेंनिंग भी ऑनलाइन दी जा रही है.

कोरोना काल ने बदल दिया शिक्षा का पैटर्न

व्हाट्सएप ग्रुप से पढ़ रहे 2874 विद्यार्थी

आम दिनों में जून के बाद बच्चों की पढ़ाई स्कूलों में करवाई जाती थी. बच्चे अप्रैल महीने से ही अपने आने वाले बोर्ड एग्जाम की तैयारी में जुट जाते थे, लेकिन इस बार ना सिर्फ स्कूल बल्कि कोचिंग संस्थानों के बंद होने से काफी बदलाब हो गए हैं. बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए टीचर व्हाट्सएप ग्रुप और अन्य तरीकों से बच्चों को पढ़ा रहे हैं. कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसलिए राजगढ़ प्रशासन ने ऑनलाइन शिक्षा के लिए 1186 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं, जिनमें 2874 विद्यार्थियों को लगातार शिक्षा की सामग्री दी जा रही है और कई तरह के टास्क भी बच्चों को दिए जा रहे हैं.

राजगढ़ के शिक्षा ग्रुप

  • मिडिल क्लास के लिए बनाए गए हैं 592 ग्रुप जिनमें 2657 स्कूलों को जोड़ा गया है.
  • हाईस्कूल के लिए 217 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं जिनमें 137 हाईस्कूल की हो रही पढ़ाई.
  • हाई सेकेंडरी स्कूल के लिए बनाए गए हैं 4 ग्रुप, जिनमें 320 व्हाट्सएप ग्रुप का किया गया है निर्माण.

ग्रुप में अधिकारी भी हैं शामिल
कोरोना के दौर में स्कूली विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है. साथ ही उनका शिक्षा सत्र भी इस लॉकडाउन में बर्बाद ना हो सके. इसके लिए शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को डीजी लैब के तहत ऑनलाइन शिक्षा की शुरुआत की है, इसके तहत जिले में कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं. जिनमें ना सिर्फ विद्यार्थी और टीचर बल्कि जन शिक्षक और अन्य अधिकारियों को भी जोड़ा गया है.

ऑनलाइन हो रही है शिक्षकों की ट्रेनिंग
मई और जून के मध्य में जहां ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान शिक्षकों को शिक्षा से संबंधित ट्रेनिंग दी जाती है और आगामी वर्ष के लिए तैयार किया जाता है, जिसमें उनको ट्रेनिंग के माध्यम से बच्चों को आगामी वर्ष में किस तरह पढ़ाना है और क्या नया बच्चों को सिखाना है यह सब बताया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से यह ट्रेनिंग नहीं हो पा रही है. तो इसके लिए सरकार ने टीचर्स को भी ऑनलाइन ट्रेनिंग देना शुरू किया है.

मोबाइल पर मिलती है पाठ्य सामग्री

कक्षा एक से आठवीं तक एक-एक तो उधर हाई स्कूल में दो-दो और हायर सेकेंडरी में चार-चार ग्रुप बनाएं गए हैं. ग्रुप में एंड्रॉयड मोबाइल धारी विद्यार्थियों के अभिभावकों को अधिक से अधिक संख्या में जोड़ा गया है, एक ग्रुप जिला स्तर का भी निर्मित किया गया है. जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी के साथ-साथ समस्त बीआरसी ,डीपीसी और अन्य लोगों को जोड़ा गया है. इस ग्रुप के माध्यम से माध्यमिक शिक्षा मंडल की दी गई पढ़ाई की सामग्री ट्रांसफर की जाती है.

दूरदर्शन और रेडियो पर प्रसारित की जा रही हैं शिक्षण सामग्री
कई ऐसे भी छात्र हैं जिनके पास एंड्राइड मोबाइल उपलब्ध नहीं है और ऐसे छात्र पढ़ाई से वंचित ना रह जाएं. इसके लिए सरकार ने दूरदर्शन और रेडियो पर शिक्षण से संबंधित सामग्री का प्रसारण शुरू किया है. 11 मई से लगातार दूरदर्शन और रेडियो पर शिक्षण संबंधित कार्यक्रम का प्रसारण किया जा रहा है, इसमें देशभर से कई बच्चे शामिल हो रहे हैं.

राजगढ़। कोरोना वायरस से पूरा देश प्रभावित है, इस माहामारी से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने जहां इसे फैलने से कुछ हद तक तो रोका है, वहीं सरकार और समाज को अपने सभी कामों के लिए अन्य आयामों के लिए सोचने पर मजबूर किया है, जिससे जिंदगी को वापस पटरी पर लाया जा सके. एक तरफ जहां इससे प्रकृति खिल गई है. वहीं दूसरी और शिक्षा जगत में कई क्रांतिकारी बदलाव आ रहे हैं. कोरोना काल में सेमिनार की जगह वेबनार होने लगे हैं, जिससे सोध को नई दिशा मिल रही है, वहीं स्कूलों के बंद होने से ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों को काफी मदद मिल रही है. कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई से लेकर शिक्षकों की ट्रेनिंग तक का तरीका बदल दिया है. एक तरफ बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है वहीं बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए शिक्षकों को ट्रेंनिंग भी ऑनलाइन दी जा रही है.

कोरोना काल ने बदल दिया शिक्षा का पैटर्न

व्हाट्सएप ग्रुप से पढ़ रहे 2874 विद्यार्थी

आम दिनों में जून के बाद बच्चों की पढ़ाई स्कूलों में करवाई जाती थी. बच्चे अप्रैल महीने से ही अपने आने वाले बोर्ड एग्जाम की तैयारी में जुट जाते थे, लेकिन इस बार ना सिर्फ स्कूल बल्कि कोचिंग संस्थानों के बंद होने से काफी बदलाब हो गए हैं. बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए टीचर व्हाट्सएप ग्रुप और अन्य तरीकों से बच्चों को पढ़ा रहे हैं. कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसलिए राजगढ़ प्रशासन ने ऑनलाइन शिक्षा के लिए 1186 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं, जिनमें 2874 विद्यार्थियों को लगातार शिक्षा की सामग्री दी जा रही है और कई तरह के टास्क भी बच्चों को दिए जा रहे हैं.

राजगढ़ के शिक्षा ग्रुप

  • मिडिल क्लास के लिए बनाए गए हैं 592 ग्रुप जिनमें 2657 स्कूलों को जोड़ा गया है.
  • हाईस्कूल के लिए 217 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं जिनमें 137 हाईस्कूल की हो रही पढ़ाई.
  • हाई सेकेंडरी स्कूल के लिए बनाए गए हैं 4 ग्रुप, जिनमें 320 व्हाट्सएप ग्रुप का किया गया है निर्माण.

ग्रुप में अधिकारी भी हैं शामिल
कोरोना के दौर में स्कूली विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है. साथ ही उनका शिक्षा सत्र भी इस लॉकडाउन में बर्बाद ना हो सके. इसके लिए शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को डीजी लैब के तहत ऑनलाइन शिक्षा की शुरुआत की है, इसके तहत जिले में कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं. जिनमें ना सिर्फ विद्यार्थी और टीचर बल्कि जन शिक्षक और अन्य अधिकारियों को भी जोड़ा गया है.

ऑनलाइन हो रही है शिक्षकों की ट्रेनिंग
मई और जून के मध्य में जहां ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान शिक्षकों को शिक्षा से संबंधित ट्रेनिंग दी जाती है और आगामी वर्ष के लिए तैयार किया जाता है, जिसमें उनको ट्रेनिंग के माध्यम से बच्चों को आगामी वर्ष में किस तरह पढ़ाना है और क्या नया बच्चों को सिखाना है यह सब बताया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से यह ट्रेनिंग नहीं हो पा रही है. तो इसके लिए सरकार ने टीचर्स को भी ऑनलाइन ट्रेनिंग देना शुरू किया है.

मोबाइल पर मिलती है पाठ्य सामग्री

कक्षा एक से आठवीं तक एक-एक तो उधर हाई स्कूल में दो-दो और हायर सेकेंडरी में चार-चार ग्रुप बनाएं गए हैं. ग्रुप में एंड्रॉयड मोबाइल धारी विद्यार्थियों के अभिभावकों को अधिक से अधिक संख्या में जोड़ा गया है, एक ग्रुप जिला स्तर का भी निर्मित किया गया है. जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी के साथ-साथ समस्त बीआरसी ,डीपीसी और अन्य लोगों को जोड़ा गया है. इस ग्रुप के माध्यम से माध्यमिक शिक्षा मंडल की दी गई पढ़ाई की सामग्री ट्रांसफर की जाती है.

दूरदर्शन और रेडियो पर प्रसारित की जा रही हैं शिक्षण सामग्री
कई ऐसे भी छात्र हैं जिनके पास एंड्राइड मोबाइल उपलब्ध नहीं है और ऐसे छात्र पढ़ाई से वंचित ना रह जाएं. इसके लिए सरकार ने दूरदर्शन और रेडियो पर शिक्षण से संबंधित सामग्री का प्रसारण शुरू किया है. 11 मई से लगातार दूरदर्शन और रेडियो पर शिक्षण संबंधित कार्यक्रम का प्रसारण किया जा रहा है, इसमें देशभर से कई बच्चे शामिल हो रहे हैं.

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