राजगढ़। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जहां 2019 में खरीफ की फसल की बीमा राशि जारी की गई है, और जहां पूरे प्रदेश में इसको लेकर काफी हलचल मची है और जहां कुछ जगहों पर तो बीमा की राशि इतना कम आई है कि किसान काफी परेशान है, वहीं राजगढ़ जिले में कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहां पर बीमा राशि किसानों के खाते में नहीं आई है, इसको लेकर राजगढ़ के सुठालिया क्षेत्र में किसानों ने चक्का जाम किया था और वहीं आज भी उन्होंने ब्यावरा और सुठालिया रोड पर चक्का जाम किया.
जानकारी के अनुसार आज सुठालिया और खुजनेर क्षेत्र में बीमा की राशि नहीं मिलने के कारण कांग्रेस किसानों के साथ कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची और उन्होंने वहां पर धरना प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट के समक्ष नारेबाजी की और सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार ना करें और उन किसानों की बीमा राशि जल्द से जल्द उनके खातों में पहुंचाई जाए. 2019 में किसानों को खरीफ की फसल में काफी नुकसान भुगतना पड़ा था और पिछली कांग्रेस सरकार ने जहां 2019 में खरीफ फसल को शत प्रतिशत नुकसान मानते हुए मुआवजे के साथ अन्य कार्रवाई की थी.
पूर्व विधायक हेमराज कल्पोनी ने कहा कि मेरा सीधा सीधा सरकार पर आरोप है कि बीमा कंपनी और सरकार मिली हुई है और 2019 में जहां मध्यप्रदेश में किसानों की खरीफ की फसल खराब हुई थी और कांग्रेस के सरकार ने 100 फीसदी नुकसान माना था, भारतीय केंद्रीय दल भी जिले में आया था और उसने भी अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी थी और कहा था कि राजगढ़ जिले में सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान हुआ है, इसको लेकर कमलनाथ सरकार ने किसानों को 25 फीसदी राशि जो उनके खाते में आ चुकी है.
जिले में जहां खुजनेर तहसील और राजगढ़ के कई सैकड़ों गांवों में बीमा की राशि नहीं पहुंचाई गई है, इससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि सरकार और बीमा कंपनी मिली हुई है. सरकार सीधे बीमा कंपनी को लाभ पहुंचाना चाहती है, वहीं अगर आने वाले दिनों में सरकार द्वारा किसानों की बीमा राशि नहीं पहुंचाई गई, तो हम गांधीवादी तरीके से पहले आंदोलन करेंगे, वहीं अगर फिर भी नहीं मानी जाती है तो हम जिले के समस्त मार्गों को बंद कर देंगे.