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भोपाल के मजदूरों ने राजगढ़ के नाम से कराया पंजीयन, झारखंड से पहुंचे अपने घर

भोपाल रेड जोन में है, इसलिए बेरसिया के मजदूरों ने झारखंड में राजगढ़ के नाम से पंजीयन कराया और बस के माध्यम से वह राजगढ़ पहुंचे. रात में करीब 3:00 बजे ब्यावरा के समीप बस उनको छोड़कर वापस चली गई. जहां से ये सभी अपनी ग्रह तहसील बैरसिया पहुंच गए.

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Published : May 14, 2020, 10:57 PM IST

Bhopal workers register their name to come Rajgarh from Jharkhand
भोपाल के मजदूरों ने राजगढ़ के नाम से कराया पंजीयन

राजगढ़। भोपाल की बैरसिया तहसील के कुछ मजदूर झारखंड के रांची में फंसे हुए थे. भोपाल रेड जोन में होने के चलते उन्हें भोपाल जिले के नाम से यहां आने की परमिशन नहीं मिल रही थी, ऐसे में भोपाल के नजदीकी आने वाले राजगढ़ जिला जहां ग्रीन जोन में शामिल है, उसका पंजीयन उन्होंने करवाया.

Letter for Collector of Rajgarh from Ranchi
रांची से राजगढ़ कलेक्टर के लिए लेटर

रांची ने जब उन्हें राजगढ़ भेजने की तैयारी की जा रही थी, तब रांची के ट्रांसपोर्ट ऑफिसर द्वारा राजगढ़ कलेक्टर को 11 मई को एक पत्र लिखा गया था और उन्होंने मजदूरों की सूचना देते हुए कहा था कि उनको रांची से 12 मई को रवाना किया जाएगा.

इन्हें राजगढ़ में प्रवेश की अनुमति दी जाए. साथ में एक मजदूर लालू लोहपीटा का नाम और नंबर दिए गए थे. मजदूरों के आने को लेकर बुधवार दोपहर बाद से ही प्रशासन चौकन्ना हो गया था. नया तहसीलदार सचिन भार्गव की ड्यूटी लगाई गई, आरटीओ एचके सिंह भी अपने स्तर पर संपर्क कर रहे थे.

कुरावर नायब तहसीलदार को भी सजग रहने के लिए कहा गया, लेकिन मजदूर लालू लोहपीटा का नंबर लगातार बंद आ रहा था. पूरी रात नायब तहसीलदार भार्गव उससे संपर्क करते रहे, लेकिन फोन नहीं लगा.

सुबह 8:00 बजे जब बात हुई तो पता लगा कि वह मजदूर भोपाल जिले के बैरसिया तहसील के रहने वाले थे और रुनाह पहुंच चुके थे, बस मजदूरों को ब्यावरा के कुछ पहले ही एक गांव के समीप रात में करीब 3:00 बजे छोड़कर वापस चली गई. फिर उन लोगों ने अपने गांव के सरपंच को फोन लगाकर गाड़ी बुलवाई और वह उसमें बैठकर अपने गांव पहुंचे और वहां पर स्क्रीनिंग करवाई.

राजगढ़। भोपाल की बैरसिया तहसील के कुछ मजदूर झारखंड के रांची में फंसे हुए थे. भोपाल रेड जोन में होने के चलते उन्हें भोपाल जिले के नाम से यहां आने की परमिशन नहीं मिल रही थी, ऐसे में भोपाल के नजदीकी आने वाले राजगढ़ जिला जहां ग्रीन जोन में शामिल है, उसका पंजीयन उन्होंने करवाया.

Letter for Collector of Rajgarh from Ranchi
रांची से राजगढ़ कलेक्टर के लिए लेटर

रांची ने जब उन्हें राजगढ़ भेजने की तैयारी की जा रही थी, तब रांची के ट्रांसपोर्ट ऑफिसर द्वारा राजगढ़ कलेक्टर को 11 मई को एक पत्र लिखा गया था और उन्होंने मजदूरों की सूचना देते हुए कहा था कि उनको रांची से 12 मई को रवाना किया जाएगा.

इन्हें राजगढ़ में प्रवेश की अनुमति दी जाए. साथ में एक मजदूर लालू लोहपीटा का नाम और नंबर दिए गए थे. मजदूरों के आने को लेकर बुधवार दोपहर बाद से ही प्रशासन चौकन्ना हो गया था. नया तहसीलदार सचिन भार्गव की ड्यूटी लगाई गई, आरटीओ एचके सिंह भी अपने स्तर पर संपर्क कर रहे थे.

कुरावर नायब तहसीलदार को भी सजग रहने के लिए कहा गया, लेकिन मजदूर लालू लोहपीटा का नंबर लगातार बंद आ रहा था. पूरी रात नायब तहसीलदार भार्गव उससे संपर्क करते रहे, लेकिन फोन नहीं लगा.

सुबह 8:00 बजे जब बात हुई तो पता लगा कि वह मजदूर भोपाल जिले के बैरसिया तहसील के रहने वाले थे और रुनाह पहुंच चुके थे, बस मजदूरों को ब्यावरा के कुछ पहले ही एक गांव के समीप रात में करीब 3:00 बजे छोड़कर वापस चली गई. फिर उन लोगों ने अपने गांव के सरपंच को फोन लगाकर गाड़ी बुलवाई और वह उसमें बैठकर अपने गांव पहुंचे और वहां पर स्क्रीनिंग करवाई.

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