राजगढ़। सौ बिस्तरों वाले सिविल अस्पताल में आए मरीजों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. इस अस्पताल में न तो मरीजों के देखभाल की कोई सुविधा है और न ही स्टाफ या नर्स . आलम ये है कि यहां एक ही बेड पर दो-दो मरीजों का इलाज किया जाता है.
आगरा-मुंबई और जयपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के संगम स्थल पर बसा राजगढ़ जिले के ब्यावरा शहर का सौ बिस्तरों वाला सिविल अस्पताल अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. यहां आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं के शिकार मरीज हो या शारीरिक पीड़ा के रोगियों की सुध लेने वाला कोई नहीं.
अस्पताल के ड्यूटी कक्ष के दोनों गेट में ताले लगे हुए हैं और ओपीडी कक्ष में भी कोई जिम्मेदार डॉक्टर नजर नहीं आया. सिविल अस्पताल में महिला वार्ड में भी जेंट्स को भर्ती कर रखा है और एक ही बेट पर 2 से 3 मरीजों को बोतल लगा रखी है.
वहीं सफाई के मामले में तो और भी बुरा हाल है. डिलेवरी कक्ष के सामने ही रास्ते में डस्टबिन में लगाई जाने वाली पॉलीथिन स्वच्छता की पोल खोल रही है. मरीजों के परिजन को स्वयं बोतल पकड़कर ले जाना पड़ रहा है.