राजगढ़। राजस्थान के कोटा में जहं एक महीने में 100 नैनिहालों की मौत की खबर ने गोरखपुर की घटना याद दिला दी, वहीं राजस्थान सीमा से लगे राजगढ़ जिला मुख्यालय के स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में बीमार बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं की अनदेखी के चलते, खुद यहां के प्रभारी चिकित्सक अब रिमाइंडर दे देकर परेशान हो चुके हैं. साथ ही वो पिछले बजट से भी नाराजगी जता रहे हैं और पहले भी SNCU के लिए प्रशासन से लड़ाई लड़ चुके है. यहां पर ना सिर्फ बच्चों के स्पेशलिस्ट की कमी है बल्कि डॉक्टर्स भी अपर्याप्त है.
कई बार उठाया जा चुका है मामला
जिला चिकित्सालय के स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में वॉर्मर की कमी के चलते एक-एक वॉर्मर में 2-3 बच्चे रखे जाते हैं. कई बार ये बात मीडिया ने उठाई गई हैं लेकिन हालात सुधरने के नाम ही नहीं ले रहे. वहीं जहां पहले SNCU के लिए मामला उठाया गया था, तब पता चला कि यहां बजट की राशि ऑक्सीजन सप्लायर को देकर खत्म की जा चुकी थी. ऐसे में मेंटेनेंस का काम कराया ही नहीं गया. वहीं आनन-फानन में 20 लाख का अतिरिक्त बजट स्वीकृत भी किया गया है. लेकिन 10 वॉर्मर के अलावा भी यहां की जरूरतों को नजर अंदाज कर सालाना बजट को खर्च कर दिया जाता था.
प्रभारी ने फंगस लगी दीवारों को गीले कपड़े से साफ कराया
वहीं जहां इस बार ज्यादा बारिश की वजह से न सिर्फ जिला अस्पताल की डायलीसिस की मशीनें खराब हुई थी, बल्कि जिला अस्पताल की भी कई बिल्डिंग खराब हो चुकी हैं. वहीं जिला अस्पताल में SNCU की बिल्डिंग में एक साल से पुताई न होने से बारिश के बाद दीवारों पर सीलन होने लगी है. जिला अस्पताल की कई बिल्डिंग की तरह वे काली पड़ कर फंगस युक्त हो गई है. जिसका बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए बार-बार रिमाइंडर भेजने पर भी जब सिविल सर्जन कार्यालय से ठोस उपाय नहीं हुआ, तो प्रभारी ने इन फंगस लगी दीवारों को गीले कपड़े से साफ करा कर कुछ हद तक इस फैलते संक्रमण को रोकने की कोशिश तो की है.