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जिला अस्पताल में खतरे में नवजात, कहीं ना बन जाएं कोटा जैसे हालात

राजगढ़ जिला अस्पताल में भी बन रहे है कोटा अस्पताल जैसे हालात. एक तो जिले में डॉक्टर की कमी ऊपर से स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट (SNCU) वार्ड में नही हैं पर्याप्त सुविधाएं.

Bad condition and shortage of doctors in SNCU
जिला अस्पताल के SNCU में खराब हालात
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Published : Jan 4, 2020, 11:47 PM IST

राजगढ़। राजस्थान के कोटा में जहं एक महीने में 100 नैनिहालों की मौत की खबर ने गोरखपुर की घटना याद दिला दी, वहीं राजस्थान सीमा से लगे राजगढ़ जिला मुख्यालय के स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में बीमार बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं की अनदेखी के चलते, खुद यहां के प्रभारी चिकित्सक अब रिमाइंडर दे देकर परेशान हो चुके हैं. साथ ही वो पिछले बजट से भी नाराजगी जता रहे हैं और पहले भी SNCU के लिए प्रशासन से लड़ाई लड़ चुके है. यहां पर ना सिर्फ बच्चों के स्पेशलिस्ट की कमी है बल्कि डॉक्टर्स भी अपर्याप्त है.

जिला अस्पताल के SNCU में खराब हालात

कई बार उठाया जा चुका है मामला
जिला चिकित्सालय के स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में वॉर्मर की कमी के चलते एक-एक वॉर्मर में 2-3 बच्चे रखे जाते हैं. कई बार ये बात मीडिया ने उठाई गई हैं लेकिन हालात सुधरने के नाम ही नहीं ले रहे. वहीं जहां पहले SNCU के लिए मामला उठाया गया था, तब पता चला कि यहां बजट की राशि ऑक्सीजन सप्लायर को देकर खत्म की जा चुकी थी. ऐसे में मेंटेनेंस का काम कराया ही नहीं गया. वहीं आनन-फानन में 20 लाख का अतिरिक्त बजट स्वीकृत भी किया गया है. लेकिन 10 वॉर्मर के अलावा भी यहां की जरूरतों को नजर अंदाज कर सालाना बजट को खर्च कर दिया जाता था.

प्रभारी ने फंगस लगी दीवारों को गीले कपड़े से साफ कराया


वहीं जहां इस बार ज्यादा बारिश की वजह से न सिर्फ जिला अस्पताल की डायलीसिस की मशीनें खराब हुई थी, बल्कि जिला अस्पताल की भी कई बिल्डिंग खराब हो चुकी हैं. वहीं जिला अस्पताल में SNCU की बिल्डिंग में एक साल से पुताई न होने से बारिश के बाद दीवारों पर सीलन होने लगी है. जिला अस्पताल की कई बिल्डिंग की तरह वे काली पड़ कर फंगस युक्त हो गई है. जिसका बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए बार-बार रिमाइंडर भेजने पर भी जब सिविल सर्जन कार्यालय से ठोस उपाय नहीं हुआ, तो प्रभारी ने इन फंगस लगी दीवारों को गीले कपड़े से साफ करा कर कुछ हद तक इस फैलते संक्रमण को रोकने की कोशिश तो की है.

राजगढ़। राजस्थान के कोटा में जहं एक महीने में 100 नैनिहालों की मौत की खबर ने गोरखपुर की घटना याद दिला दी, वहीं राजस्थान सीमा से लगे राजगढ़ जिला मुख्यालय के स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में बीमार बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं की अनदेखी के चलते, खुद यहां के प्रभारी चिकित्सक अब रिमाइंडर दे देकर परेशान हो चुके हैं. साथ ही वो पिछले बजट से भी नाराजगी जता रहे हैं और पहले भी SNCU के लिए प्रशासन से लड़ाई लड़ चुके है. यहां पर ना सिर्फ बच्चों के स्पेशलिस्ट की कमी है बल्कि डॉक्टर्स भी अपर्याप्त है.

जिला अस्पताल के SNCU में खराब हालात

कई बार उठाया जा चुका है मामला
जिला चिकित्सालय के स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में वॉर्मर की कमी के चलते एक-एक वॉर्मर में 2-3 बच्चे रखे जाते हैं. कई बार ये बात मीडिया ने उठाई गई हैं लेकिन हालात सुधरने के नाम ही नहीं ले रहे. वहीं जहां पहले SNCU के लिए मामला उठाया गया था, तब पता चला कि यहां बजट की राशि ऑक्सीजन सप्लायर को देकर खत्म की जा चुकी थी. ऐसे में मेंटेनेंस का काम कराया ही नहीं गया. वहीं आनन-फानन में 20 लाख का अतिरिक्त बजट स्वीकृत भी किया गया है. लेकिन 10 वॉर्मर के अलावा भी यहां की जरूरतों को नजर अंदाज कर सालाना बजट को खर्च कर दिया जाता था.

प्रभारी ने फंगस लगी दीवारों को गीले कपड़े से साफ कराया


वहीं जहां इस बार ज्यादा बारिश की वजह से न सिर्फ जिला अस्पताल की डायलीसिस की मशीनें खराब हुई थी, बल्कि जिला अस्पताल की भी कई बिल्डिंग खराब हो चुकी हैं. वहीं जिला अस्पताल में SNCU की बिल्डिंग में एक साल से पुताई न होने से बारिश के बाद दीवारों पर सीलन होने लगी है. जिला अस्पताल की कई बिल्डिंग की तरह वे काली पड़ कर फंगस युक्त हो गई है. जिसका बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए बार-बार रिमाइंडर भेजने पर भी जब सिविल सर्जन कार्यालय से ठोस उपाय नहीं हुआ, तो प्रभारी ने इन फंगस लगी दीवारों को गीले कपड़े से साफ करा कर कुछ हद तक इस फैलते संक्रमण को रोकने की कोशिश तो की है.

Intro:जिला अस्पताल के sncu के खराब हालात और डॉ की कमी,कही न बन जाये राजस्थान के कोटा जैसे हालत

मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिला अस्पताल में भी बन रहे है कोटा जैसे हालात, जिले में डॉ की कमी ऊपर से sncu वार्ड में नही है पर्याप्त सुविधाएं


जहां राजस्थान के कोटा में एक माह में सो नोनिहालो की मौत की ख़बर ने जहां गोरखपुर की घटना याद दिला दी, वही राजस्थान सीमा से लगे राजगढ़ ज़िला मुख्यालय के sncu में बीमार बच्चों को मिलने वाली सुविधाओ की अनदेखी के चलते ख़ुद यहां के प्रभारी चिकित्सक अब रिमाइंडर दे देकर परेशान आ चुके है और वही वे पिछले बजट से भी नाराजगी जता चुके है और पहले भी sncu के लिए प्रशासन से लड़ाई लड़ चुके है ।

Body:ज़िला चिकित्सालय के sncu में वार्मर की कमी के चलते एक एक वार्मर में दो से तीन बच्चे रखे जाते है ,और कई बार यह बात मीडिया के द्वारा उठाई जा चुकी है परंतु हालात सुधरने के नाम नही ले रहे ,वही जहां पहले जब sncu के लिए मामला उठाया गया था, तब पता चला कि यहां बजट की राशि ऑक्सीजन सप्लायर को देकर खत्म की जा चुकी थी, ऐसे में मेंटेनेंस कार्य कराया ही नही गया था,वही आनन फानन में 20 लाख का अतिरिक्त बजट स्वीकृत भी किया, लेकिन 10 वार्मर के अलावा फिर यहां की ज़रूरतों को नज़र अंदाज़ कर इस अतिरिक्त के साथ सालाना बजट को खर्च कर दिया जाता था, दरअसल यहा का खर्च sncu इंचार्ज की जानकारी बगैर ही अब तक होता आया है और यही वजह है कि वे केवल अपने मांग पत्र को भेजकर फाइलों का पेट भरते थक चुके है

वही जहां इस बार कही अधिक बारिश के वजह से न सिर्फ जिला अस्पताल की डायलीसिस की मशीनें खराब हुई थी, बल्कि जिला अस्पताल की भी कई बिल्डिंग खराब हो चुकी है वही जिला अस्पताल में sncu की बिल्डिंग एक वर्ष से पुताई न होने से बारिश के बाद दीवारों पर सीलन होने लगी जिला अस्पताल की कई बिल्डिंग की तरह वे काली पड़ कर फंगस युक्त हो गई, इसका बच्चो के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है इसलिए बार बार रिमाइंडर भेजने पर भी जब सिविल सर्जन कार्यालय से ठोस उपाय नही हुआ, तो प्रभारी ने इन फंगस लगी दीवारों को गीले कपड़े से साफ करा कर कुछ हद तक इस फैलते संक्रमण को रोकने की कोशिश तो की ही ।

वहीं जहां जिला अस्पताल में अभी भी डॉक्टरों की कमी लगातार बनी हुई है और यहां पर ना सिर्फ बच्चों के स्पेशलिस्ट की कमी है बल्कि डॉक्टर्स भी अपर्याप्त है ।

Conclusion:हल्की 10 वार्मर आने से जहां अब इनकी संख्या 26 के करीब हो गई।वही संचनालय लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के द्वारा sncu के लिए 13 लाख 45 रुपए का आदेश जारी तो किया गया है, परन्तु पिछले कुछ बार की तरह यह राशि दूसरी जगह ख़र्च न करते हुए अगर sncu के ऊपर ही खर्च होगी ,तब ही इनका लाभ जिले को मिल पाएगा।

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Sncu के

बाइट

डॉ आर एस माथुर , प्रभारी sncu राजगढ़
डॉ के के श्रीवास्तव, सीएमएचओ राजगढ़
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