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तीन फीट तक कीचड़ से सनी सड़क, प्रसूता को खाट पर अस्पताल ले जाने को मजबूर ग्रामीण

सिलवानी नगर परिषद के आमापानी टोला के रहवासी नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं, यहां से करीब एक किलोमीटर का रास्ता है जो की पूर्णता कच्चा है और इस रास्ते पर तीन फीट तक कीचड़ है.

तीन फीट तक कीचड़ से सनी सड़क
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Published : Sep 22, 2019, 9:32 AM IST

Updated : Sep 23, 2019, 10:47 AM IST

रायसेन। पूर्व PWD मंत्री और वर्तमान विधायक रामपाल सिंह के क्षेत्र की सिलवानी नगर परिषद में आमापानी टोला के बीमार लोगों को या प्रसूता महिलाओं को करीब एक किलोमीटर तक खाट पर लिटाकर उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या निजी हॉस्पिटल ले जाना पड़ता है. क्योंकि अस्पताल तक जाने वाली सड़क पर तीन फीट तक गड्ढे हो जाते हैं जिनमें बारिश के दौरान कीचड़ हो जाता है. जिससे रहवासियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार मांग करने के बावजूद भी प्रशासन के द्वारा यहां सड़क का निर्माण नहीं कराया गया.

सिलवानी नगर परिषद के आमापानी टोला के रहवासी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं, नगर के वार्ड क्रमांक एक से आमापानी टोला तक पहुंचने के लिए पुराने जेल भवन के पीछे से रास्ता जाता है, यहां से करीब एक किलोमीटर का रास्ता है जो की पूर्णता कच्चा है और इस एक किलोमीटर के रास्ते में एक नदी भी पड़ती है. आमापानी टोला रहवासियों को तहसील मुख्यालय तक आने के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ती है.

तीन फीट तक कीचड़ से सनी सड़क

सड़क पर बन चुके दलदल के कारण हालात ये है कि ट्रैक्टर तक आसानी से आमापानी टोला तक नहीं पहुंच पाता है, वहीं कोई रहवासी बीमार हो जाए तो वहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं मोहिया नहीं हो पाती हैं ना तो डॉक्टर और न ही अस्पताल की एंबुलेंस पहुंच पाती है और ना ही परेशानी के बीच परिजन मरीज को अस्पताल तक ला पाते हैं.

यहां रहने वाले लोग गंभीर रूप से बीमार मरीज को खाट पर इलाज के लिए ले जाते हैं. यहां तक कि प्रसूता महिलाओं को भी खाट पर ही अस्पताल ले जाना पड़ता है. वहीं ग्रामीणों ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से सड़क निर्माण की मांग कई बार करने के बाद आश्वासन तो खूब मिले लेकिन सड़क निर्माण की सौगात नहीं मिल सकी. पक्की सड़क ना होने और कच्ची सड़क पर दलदल होने से बच्चे भी तहसील मुख्यालय के स्कूल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.

रायसेन। पूर्व PWD मंत्री और वर्तमान विधायक रामपाल सिंह के क्षेत्र की सिलवानी नगर परिषद में आमापानी टोला के बीमार लोगों को या प्रसूता महिलाओं को करीब एक किलोमीटर तक खाट पर लिटाकर उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या निजी हॉस्पिटल ले जाना पड़ता है. क्योंकि अस्पताल तक जाने वाली सड़क पर तीन फीट तक गड्ढे हो जाते हैं जिनमें बारिश के दौरान कीचड़ हो जाता है. जिससे रहवासियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार मांग करने के बावजूद भी प्रशासन के द्वारा यहां सड़क का निर्माण नहीं कराया गया.

सिलवानी नगर परिषद के आमापानी टोला के रहवासी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं, नगर के वार्ड क्रमांक एक से आमापानी टोला तक पहुंचने के लिए पुराने जेल भवन के पीछे से रास्ता जाता है, यहां से करीब एक किलोमीटर का रास्ता है जो की पूर्णता कच्चा है और इस एक किलोमीटर के रास्ते में एक नदी भी पड़ती है. आमापानी टोला रहवासियों को तहसील मुख्यालय तक आने के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ती है.

तीन फीट तक कीचड़ से सनी सड़क

सड़क पर बन चुके दलदल के कारण हालात ये है कि ट्रैक्टर तक आसानी से आमापानी टोला तक नहीं पहुंच पाता है, वहीं कोई रहवासी बीमार हो जाए तो वहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं मोहिया नहीं हो पाती हैं ना तो डॉक्टर और न ही अस्पताल की एंबुलेंस पहुंच पाती है और ना ही परेशानी के बीच परिजन मरीज को अस्पताल तक ला पाते हैं.

यहां रहने वाले लोग गंभीर रूप से बीमार मरीज को खाट पर इलाज के लिए ले जाते हैं. यहां तक कि प्रसूता महिलाओं को भी खाट पर ही अस्पताल ले जाना पड़ता है. वहीं ग्रामीणों ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से सड़क निर्माण की मांग कई बार करने के बाद आश्वासन तो खूब मिले लेकिन सड़क निर्माण की सौगात नहीं मिल सकी. पक्की सड़क ना होने और कच्ची सड़क पर दलदल होने से बच्चे भी तहसील मुख्यालय के स्कूल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.

Intro:रायसेन-जिले में तरक्की की इस तस्वीर को गौर से देखिए 7 दशक बाद भी अपेक्षाओं और बदहाली का मंजर है विकास का इंतजार यहां की पीढ़ियों के लिए सियासत का वो इतिहास है जिस पर वादों और इरादों की झूठी परतें चढ़ चुकी है जी हां मामला है पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री एवं वर्तमान विधायक रामपाल सिंह के क्षेत्र का,जहा सिलवानी नगर परिषद के आमा पानी टोला के रोगियों को या प्रसूता महिलाओं को करीब 1 किलोमीटर तक खाट पर लिटा कर उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या निजी चिकित्सक के यहां ले जाते हैं तो वही इस सड़क पर एक से 3 फिट तक कीचड़ हो जाती है जिससे रहवासी खासी परेशानी उठा रहे हैं वहीं कई बार मांग करने के बावजूद भी प्रशासन के द्वारा सड़क का निर्माण नहीं कराया गया।


Body:रायसेन जिले की सिलवानी नगर परिषद के आमापानी टोला के रहवासी नारकीय जीवन जीने को मजबूर है जबकि यहां की आबादी करीब दो सौ की पुणे बताई जा रही है नगर के वार्ड नंबर 1 आमा पानी टोला तक पहुंचने के लिए पुराने जेल भवन के पीछे से रास्ता जाता है यहां से हम अपनी टोला तक पहुंचने के लिए करीब 1 किलोमीटर का रास्ता है जो की पूर्णता कच्चा है तथा 1 किलोमीटर के रास्ते में एक नदी भी पड़ती है आमा पानी टोला रहवासियों को तहसील मुख्यालय तक आने के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ती है इस सड़क पर एक से 3 फ़िट तक कीचड़ हो जाती है तो वहीं कीचड़ में से निकल कर रहवासियों को परेशानी के बीच आवागमन करना पड़ रहा है सड़क पर बन चुके दलदल के कारण हालात यह हैं कि ट्रैक्टर तक आसानी से आमा पानी टोला तक नहीं पहुंच पाता है तो वही आमा पानी टोला में कोई रहवासी बीमार हो जावे तो वहां तक स्वास्थ्य सुविधाएं मोहिया नहीं हो पाती है ना तो चिकित्सक और ना ही अस्पताल की एंबुलेंस पहुंच पाती है और ना ही परेशानी के बीच परिजन रोगी को अस्पताल तक ला पाते हैं यहां रहने वाले लोग गंभीर रूप से बीमार मरीज को खाट पर लेटा कर उपचार के लिए लाते हैं यहां तक कि प्रसूता महिलाओं को भी खाट पर ही लेटा कर लाना पड़ रहा है वहीं ग्रामीणों ने कहा कि जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से सड़क निर्माण की मांग कई बार करने के बाद आश्वासन तो खूब मिले लेकिन सड़क निर्माण की सौगात नहीं मिल सकी पक्की सड़क ना होने व कच्ची सड़क पर दलदल होने से बच्चे भी तहसील मुख्यालय के स्कूल तक शिक्षा अध्ययन करने नहीं पहुंच पा रहे हैं।

Byte-रामकली बाई स्थानीय ग्रामीण।

Byte-गायत्री बाई स्थानीय।

Byte-बाबूलाल स्थानीय निवासी।

Byte-संजय उपाध्याय एसड़ीएम।


Conclusion:
Last Updated : Sep 23, 2019, 10:47 AM IST
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