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पीपल के पेड़ की हिफाज़त के लिए 24 घंटे तैनात रहते हैं सुरक्षा गार्ड, जानिए क्या है वजह

रायसेन के सांची में एक ऐसा पीपल का पेड़ है, जिसकी सुरक्षा में दिन-रात सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. चाहे भीषण गर्मी हो या फिर कड़ाके की ठंड, इस पेड़ की सुरक्षा चौबीसों घंटे जवान करते हैं.

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Published : May 20, 2019, 1:24 PM IST

रायसेन। आपने जवानों को देश की सीमा पर तैनात होते तो कई बार देखा होगा, जहां वे दिन-रात, धूप-बारिश और ठंड में देश की रक्षा करते हैं. इसके अलावा वे प्राकृतिक आपदाओं से लड़कर भी अपनी ड्यूटी निभाते हैं, लेकिन आपने सुरक्षाकर्मियों को किसी पेड़ की सुरक्षा करते नहीं देखा होगा. रायसेन के विश्व प्रसिद्ध स्थान सांची में एक ऐसा पेड़ है, जिसकी सुरक्षा में चौबीसों घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं.


रायसेन जिले के विश्व प्रसिद्ध स्थान सांची में पीपल के एक पेड़ की पिछले 7 सालों से सुरक्षा की जा रही है. चिलचिलाती धूप हो या फिर कड़ाके की ठंड सुरक्षा गार्ड इसकी हर वक्त सुरक्षा करते हैं. इस भीषण गर्मी में तो दूर से पानी लाकर पीपल के पेड़ में पानी डाला जा रहा है. पीपल के इस पेड़ की सुरक्षा के लिए 1-4 सुरक्षा गार्ड तैनात हैं.

पीपल के पेड़ की सुरक्षा में तैनात गार्ड


निर्माणाधीन सांची बौद्ध यूनिवर्सिटी में पीपल के इस पेड़ को श्रीलंका के राष्ट्रपति ने लगाया था. इसके लिए सरकार को यह पेड़ सुरक्षाकर्मियों के हवाले करना पड़ा. रायसेन जिले में इन दिनों भीषण गर्मी के कहर से लोगों का बुरा हाल है. वहीं गर्मी के असर से कहीं ये वृक्ष मुरझाने न लगे, इसके लिए यहां सुरक्षाकर्मी दिन में दो बार पेड़ को पानी दे रहे हैं.

दरअसल सांची के पास प्रदेश सरकार के सहयोग से सांची यूनिवर्सिटी बनना है. इसके लिए यहां पर 12 सितंबर 2012 को श्रीलंका से लाया गया बोधि वृक्ष वहां के राष्ट्रपति ने लगाया था. यह वही पीपल के पेड़ का अंश है जिसके नीचे बैठकर भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था. इस लिहाज से ये बेहद खास है. इस पेड़ की सुरक्षा के लिए 24 घंटे यहां सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं. सुरक्षा में तैनात मिथिलेश शर्मा का कहना है कि वो आए थे जन सेवा के लिए, लेकिन उन्हें पिछले काफी समय से यहां तपती पहाड़ी पर तैनात किया गया है.

रायसेन। आपने जवानों को देश की सीमा पर तैनात होते तो कई बार देखा होगा, जहां वे दिन-रात, धूप-बारिश और ठंड में देश की रक्षा करते हैं. इसके अलावा वे प्राकृतिक आपदाओं से लड़कर भी अपनी ड्यूटी निभाते हैं, लेकिन आपने सुरक्षाकर्मियों को किसी पेड़ की सुरक्षा करते नहीं देखा होगा. रायसेन के विश्व प्रसिद्ध स्थान सांची में एक ऐसा पेड़ है, जिसकी सुरक्षा में चौबीसों घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं.


रायसेन जिले के विश्व प्रसिद्ध स्थान सांची में पीपल के एक पेड़ की पिछले 7 सालों से सुरक्षा की जा रही है. चिलचिलाती धूप हो या फिर कड़ाके की ठंड सुरक्षा गार्ड इसकी हर वक्त सुरक्षा करते हैं. इस भीषण गर्मी में तो दूर से पानी लाकर पीपल के पेड़ में पानी डाला जा रहा है. पीपल के इस पेड़ की सुरक्षा के लिए 1-4 सुरक्षा गार्ड तैनात हैं.

पीपल के पेड़ की सुरक्षा में तैनात गार्ड


निर्माणाधीन सांची बौद्ध यूनिवर्सिटी में पीपल के इस पेड़ को श्रीलंका के राष्ट्रपति ने लगाया था. इसके लिए सरकार को यह पेड़ सुरक्षाकर्मियों के हवाले करना पड़ा. रायसेन जिले में इन दिनों भीषण गर्मी के कहर से लोगों का बुरा हाल है. वहीं गर्मी के असर से कहीं ये वृक्ष मुरझाने न लगे, इसके लिए यहां सुरक्षाकर्मी दिन में दो बार पेड़ को पानी दे रहे हैं.

दरअसल सांची के पास प्रदेश सरकार के सहयोग से सांची यूनिवर्सिटी बनना है. इसके लिए यहां पर 12 सितंबर 2012 को श्रीलंका से लाया गया बोधि वृक्ष वहां के राष्ट्रपति ने लगाया था. यह वही पीपल के पेड़ का अंश है जिसके नीचे बैठकर भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था. इस लिहाज से ये बेहद खास है. इस पेड़ की सुरक्षा के लिए 24 घंटे यहां सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं. सुरक्षा में तैनात मिथिलेश शर्मा का कहना है कि वो आए थे जन सेवा के लिए, लेकिन उन्हें पिछले काफी समय से यहां तपती पहाड़ी पर तैनात किया गया है.

Intro:एंकर - गर्मी के इस चिलचिलाते मौसम में देश के जवानों को भारत की सीमाओं पर तैनात होने पर हम उन पर गर्व महसूस करते हैं। लेकिन देश के भीतर हमारे जवान किस किस तरह के कामो लगे हैं आपको जानकर हैरानी होगी। जी हां हम बात कर रहै है रायसेन जिले के विश्व प्रसिद्ध स्थान सांची की जहाँ एक पेड़ को सुरक्षा में पिछले 7 साल से तैनात है। और इस भीषण गर्मी में दूर से पानी लाकर इसे संरक्षित करने के काम मे लगे हुए हैं। अब क्या आप यकीन मानेगें की मप्र में एक ऐसा भी पेड है जिसे बचाने के लिए सरकार नेे सुरक्षा और पानी देने के लिए पिछले 7 सालों से 1-4 की सुरक्षा गार्ड को तैनात किया हुआ है। जी हां हम बात कर रहे है मप्र के रायसेन जिले की जहां बनने वाली सांची बौद्ध युनिर्वसटी में श्रींलका के राष्ट्रपति द्धारा लगाया गया एक पीपल का पेड सुरक्षित रहे इसके लिए सरकार को यह पेड सुरक्षा कर्मियों के हवाले करना पडा है। रायसेन जिले में इन दिनों भीषण गर्मी के कहर से लोगो का बुरा हाल है। वही गर्मी के असर से कही बौद्धी वृक्ष मुरझाने न लगे इसके लिए यहां सुरक्षा कर्मी दिन में दो बार पेड को पानी दे रहे है। दरअसल सांची के पास प्रदेष सरकार के सहयोग से यहां सांची युनिर्वसटी बनना है जिसके लिए यहां पर 12 सितंबर 2012 को श्रीलंका से लाया गया बौद्धी वृक्ष श्रींलका के राष्ट्रपति द्धारा लगाया गया था। यह वही पीपल के पेड का अंष है जिसके नीचे बैठकर भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। इस लिहाज से बेहद खास इस पेड की सुरक्षा के लिए 24 घंटे यहां सुरक्षा गार्ड तैनात रहते है। सुरक्षा कर्मियो के लिए यहां एक पुलिस चैकी तक स्थापित करना पडी है।Body:बीओ 1 - विष्व धरोहर सांची के पास भारत की पहली सांची बौद्ध युनिर्वसटी बनना प्रस्तावित है। इसके लिए श्रीलंका सरकार ने फंड आदि भी जारी किए है। यहां श्रीलंका के तात्कालिक राष्ट्रपति महेन्द्र राजपक्षे द्वारा श्रीलंका से ही लाकर यह पीपल का पौधा लगाया गया था। यह वही पीपल के पेड की षाखा है जिसके नीचे बैठकर स्वयं भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। इस पेड की सुरक्षा के लिए यहां 24 घंटे 1-4 की सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाते है। लेकिन यहां पानी की उचित व्यवस्था नही होने कारण इसकी देखरेख करने वाले सुरक्षा गार्डो को चिंता सता रही है। वही पेड को धूप से बचाने के कोई इंतजाम न होने कि दषा में इस पेड की सुरक्षा पर भी सवाल खडे हो रहे है। वही देष भक्ति जन सेवा का भाव लेकर पुलिस और होमगार्ड में भर्ती हुए इन जवानों को यहां एक पेड की सुरक्षा में लगा देने से इनके हौसले अब ठंडे होते जा रहे है। इनका कहना है इस नौकरी में आए तो थे जन सेवा के लिए लेकिन उन्हे पिछले काफी समय से यहां तपती पहाडी पर तैनात कर दिया गया है।


Byte1 - मिथलेश शर्मा,सुरक्षा गार्ड , रायसेन।
Byte2 अर्चना पर्यटकConclusion:
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