रायसेन। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो द्वारा बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति एवं बालकों के लैंगिक शोषण विषय पर वर्चुअल मीटिंग आयोजित की गई. आयोग द्वारा अवगत कराया गया कि जिले के सांची स्तूप को देश में चिन्हित 50 स्थानों में सम्मिलित किया गया है, जहं माननीय आयोग द्वारा निर्धारित एसओपी अनुसार गतिविधियां आयोजित कर चाइल्ड फ्रेंडली बनाया जाएगा.
वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से कलेक्टर भार्गव द्वारा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष कानूनगो को जिले में बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने किए जा रहे कार्यो से अवगत कराया गया. उन्होंने आयोग के अध्यक्ष कानूनगो को आश्वस्त किया कि विश्व पर्यटन केन्द्र सांची में जल्द ही एक सुविधायुक्त बाल आश्रय गृह तैयार कर लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने आयोग से प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्र भोजपुर में भी बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए बाल आश्रय गृह बनाने की अनुरोध किया.
कलेक्टर भार्गव ने धवसट नगर के बच्चों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अन्य पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र बनाकर उनके माता-पिता को पात्रतानुसार अनेक योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है, जिससे कि बच्चे भिक्षावृत्ति के बजाए स्कूल जाकर पढ़ाई कर सके. इसी प्रकार गैरतगंज में लोहापीटा समाज के 12 बच्चों को बाल आश्रय गृह में रखा गया है. बरेली तहसील के छींद में भिक्षा मांग रहे 15 बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाया गया है. साथ ही खाद्यान्न पात्रता पर्ची भी बनाई गई है.
इसी प्रकार गैरतगंज में लोहापीटा समाज के 12 बच्चों को बाल आश्रय गृह में रखा गया है. बरेली तहसील के छींद में भिक्षा मांग रहे 15 बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाया गया है. साथ ही खाद्यान्न पात्रता पर्ची भी बनाई गई है.