रायसेन। इरादे अगर बुलंद हो और कुछ कर दिखाने की चाहत हो तो हर मुकाम हासिल किया जा सकता है, ऐसा ही एक नाम है नीरज सक्सेना. जिन्होंने अपने कठिन परिश्रम छात्रों के प्रति शिक्षा के स्तर को सुधारने का जिम्मा अपने कंधों पर लिया साले गढ़ प्राथमिक शाला विकास खंड बाड़ी पदस्थ सक्सेना ने शिक्षा के परिवेश को परिवर्तित करते हुए छात्रों को सहज सरल और खेल खेल में शिक्षा को आसान बनाने के लिए कई सफल प्रयास किए. जिस शाला में कभी तीन से चार छात्र ही आया जाया करते थे, वह अब सैकड़ों की संख्या में आदिवासी छात्र खेल खेल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. नीरज सक्सेना के अमूल्य योगदान को देखते हुए शिक्षक दिवस के मौके पर 5 सितंबर को राष्ट्रपति शिक्षक सम्मान से नीरज सक्सेना को सम्मानित किया जाएगा. Teachers Day 2022
नए-नए तरीकों से की बच्चों को शिक्षा प्रदान: देश भर में हर साल 5 सितंबर को टीचर्स के सम्मान में शिक्षक दिवस बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है, देश के पहले उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष में टीचर्स डे मनाया जाता है. यह शिक्षकों छात्रों के लिए बहुत ही खास होता है, वहीं प्रदेश मे शिक्षक दिवस को और खास बनाने के लिए राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह भी आयोजित होता आया है. इस बीच अपने अनूप के तरीकों से शिक्षा को आसान और छात्रों के लिए सुलभ बनाने को लेकर बेहतर और श्रेष्ठ कार्य करने वाले मध्य प्रदेश के 2 शिक्षकों का चयन राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए किया गया है. रायसेन जिले के नीरज सक्सेना सास की प्राथमिक शाला सालेगाड़ विकासखंड बाड़ी, जिन्होंने कठिन संघर्ष करते हुए अपनी प्राथमिक शाला को सुंदर और छात्रों के लिए सरल प्रक्रिया के तहत शिक्षा उपलब्ध कराने के अनोखे और नए-नए तरीकों को अपनाकर छात्रों को शिक्षा प्रदान की. जिससे बड़ी संख्या में छात्रों को अपने शैक्षणिक कार्यों को पूरा करने में आसानी और खेलते खेलते शिक्षा के गुणों को सीखने में आसानी हुई. Raisen Neeraj Saxena honored with President Honor
नीरज ने शाला के लिए ये काम: नीरज बताते हैं कि ऐसी शाला जहां पर कोई जाना पसंद नहीं करता था, उसे हमने आदर्श शाला बना दिया है. जिसे अब एक मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया जाता है, जब उन्होंने प्राथमिक शाला को ज्वाइन किया था तब यहां पर शाला तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं हुआ करती थी. वह बैलगाड़ी से अपनी किताबें और छात्रों को लेकर कच्ची पगडंडियों से होते हुए शाला तक पहुंचा करते थे, अपने वेतन का एक बहुत बड़ा भाग और जन सहयोग से उन्होंने प्राथमिक शाला का कायाकल्प किया. आधुनिक और नए तरीकों से छात्रों को आसान शिक्षा खेल खेल में सिखाने का प्रयास किया.
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पहले भी उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित हो चुकें हैं नीरज: नीरज बताते हैं कि यह शाला आदिवासी बहुल क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां पर शिक्षा का स्तर पहले बहुत कम हुआ करता था. छात्र और उनके परिजन कम ही शाला में अपने बच्चों को भेजा करते थे, पर जैसे-जैसे शाला में विकास कार्य और शिक्षा का महत्व लोगों को बताया गया. अब बड़ी संख्या में छात्र विद्यालय में उपस्थित होने लगे हैं, और खेल-खेल के साथ बड़ी रुचि के साथ पढ़ाई भी करने लगे हैं. बता दें कि नीरज सक्सेना को अपने किए गए उत्कृष्ट कार्य के चलते पहले भी कई सम्मान से नवाजा गया है, नीरज सक्सेना को इस्पात मंत्रालय द्वारा अपना ब्रांड एंबेसडर भी बनाया गया था. वहीं निरंतर अपने शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योगदान छात्रों के हित में निरंतर प्रयास नीरज सक्सेना को 5 सितंबर शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति सम्मान से नवाजा जाएगा, जिसके लिए नीरज सक्सेना देश की राजधानी दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं. Raisen Teacher Neeraj Saxena