रायसेन। कलेक्ट्रेट परिसर में उस समय हंगामा मच गया जब एक किसान ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में नीम के पेड़ पर चढ़कर सुसाइड करने की कोशिश की. पुलिस ने उससे जहर की शीशी को जब्त कर लिया. मौके पर कलेक्टर अरविंद दुबे पहुंचे गये और उन्होंने किसान प्रदीप लोधी की समस्या हल करने का वादा किया और संबंधित विभाग को फटकार लगाई.
किसानों को बेचे गए अनाज के पैसे नहीं मिले: दरअसल, रायसेन मुख्यालय से लगे ग्राम माखनी का मामला है. किसान प्रदीप लोधी ने गेंहू की उपज सावित्री वेयर हाउस सेवा सहकारी संस्था रायसेन के माध्यम से तकरीबन 300 क्विटल गेंहू समर्थन मूल्य पर तौला था. इसमें से किसान के खाते में लगभग 150 क्विटल गेंहू के पैसे आ चुके हैं, लेकिन अभी भी 150 क्विटल गेंहू का पैसा आना है, जिसके लिए किसान परेशान हो रहा है. समर्थन मूल्य की खरीदी का भुगतान लगभग हो चुका है. कुछ किसान बचे हैं जिसमें किसान प्रदीप लोधी भी है. प्रदीप लोधी कई बार कलेक्टर से मिलने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन मिलने नहीं दिया गया. मंगलवार को किसान कुछ और सोचकर कलेक्ट्रेट आया, साथ में रस्सी और जहर ले लाया. हालांकि, कलेक्टर ने उसके पास जाकर उसकी समस्या सुनी.
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विवादों में रहा वेयरहाउस: किसान प्रदीप लोधी ने जिस बेयर हाउस में अपना गेंहू तौला है वो वेयरहाउस विवादो में रहा है. सावित्री वेयर हाउस के खरीदी केंद्र में बेमौसम बारिश से लगभग 15 सौ क्विटल गेंहू भीगा था. जिसकी जिम्मेदारी सम्बंधित समर्थन मूल्य खरीद केंद्र की थी. अब ऐसे किसानों का भुगतान रोककर सेवा सहकारी संस्था के प्रबंधक प्रतिपूर्ति करना चाहते हैं. हालांकि, कलेक्टर ने तत्काल खरीदी केंद्र और नान के अधिकारियों को निदेश दिए हैं कि जल्द भुगतान किया जाए. वहीं, किसना प्रदीप लोधी का कहना है कि "मेरे गेंहू तौले हुए 3 महीने हो गए. हमारे पैसे नहीं आये. कलेक्टर से मिलने की कोशिश की, लेकिन मिलने नहीं देते. मेरे कर्जदार परेशान कर रहे हैं. धान की खेती करनी है. पैसे कहां से लायें." रायसेन के कलकेटर अरविंद दुबे ने कहा कि "माखनी के किसान परेशान हैं. हम उसकी जांच करवा रहे हैं. जल्द निराकरण कराएंगे."