रायसेन। जिले की सिलवानी तहसील के जंगली क्षेत्र में लगने वाली पुआर की झाड़ को वहां के लोग काटकार बेच रहे हैं, जो कि उनकी आमदनी का अच्छा जरिया बन गया है. पहले सड़क के साइडों में उगने वाली पुआर को साफ सफाई के चलते सरकार ही काटवा देती थी. जब से पुआर का इस्तेमाल दवा बनाने में होने लगा है, तब से लोग इसे काटकर बाजार में बेच देते हैं. पुआर को काटकर और बेचकर लोगों को काफी हद तक रोजगार मिल रहा है.
वहीं पुआर को काटने वाले युवकों ने बताया कि वो सुबह से शाम तक लगभग 20 से 25 किलो पुआर काट लेते हैं. जिसके बाद इसे सड़क पर बिछा देते हैं और वाहनों के आवागमन से इसका दावन हो जाता है, जिससे पुआर मिल जाती है. जिसके बाद पुआर को साफ कर बाजार में बेच देते हैं. बाजार में पुआर 10 से 15 किलों तक बिकती है, जिसे बेच कर 250 से 300 रुपए तक की कमाई हो जाती है.