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गांव के पास पैंगोलिन देख हैरान रह गए लोग, वन विभाग की टीम ने संरक्षण में लिया

सिलवानी के जमुनिया में स्टेट हाईवे-44 पर उचहरा गांव के पास फिर से एक पैंगोलिन देखने को मिला, जिसे देख गांव के लोग अचम्भित रह गए. बाद में वन विभाग की टीम ने उसे पकड़कर अपने संरक्षण में ले लिया है.

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Published : Nov 2, 2019, 2:51 PM IST

Updated : Nov 2, 2019, 3:21 PM IST

जंगल में मिला पैंगोलिन

रायसेन। सिलवानी-जमुनिया मेन स्टेट हाईवे 44 पर स्थित ग्राम उचहरा जमुनिया में एक बार फिर से पैंगोलिन देखा गया. उसे देख लोग हैरान रह गए. बाद में ग्रामीणों ने इसे पकड़कर वन विभाग की टीम को सौंप दिया. जानकार बताते हैं कि यह जानवर बहुत ही दुर्लभ होता है और संरक्षित वन्यजीवों में आता है.

जंगल में मिला पैंगोलिन
लोगों ने पैंगोलिन का जमकर वीडियो भी बनाया. सिलवानी के घने जंगलों में कई तरह के जानवर हैं, जो आमतौर पर कम ही देखने को मिलते हैं. वहीं वन विभाग के लोगों ने इस पैंगोलिन को पकड़कर उसे अपने संरक्षण में ले लिया है. पैंगोलिन दुर्लभ प्रजाति का स्तनधारी वन्य जीव है, जो अफ्रीका और एशिया में बहुत पाया जाता है. इसका शरीर खजूर के पेड़ के छिलकों जैसा कठोर और मजबूत शल्क से ढंका रहता है. भारत में इसे वज्रशल्क और चींटीखोर के नाम से भी जाना जाता है.

रायसेन। सिलवानी-जमुनिया मेन स्टेट हाईवे 44 पर स्थित ग्राम उचहरा जमुनिया में एक बार फिर से पैंगोलिन देखा गया. उसे देख लोग हैरान रह गए. बाद में ग्रामीणों ने इसे पकड़कर वन विभाग की टीम को सौंप दिया. जानकार बताते हैं कि यह जानवर बहुत ही दुर्लभ होता है और संरक्षित वन्यजीवों में आता है.

जंगल में मिला पैंगोलिन
लोगों ने पैंगोलिन का जमकर वीडियो भी बनाया. सिलवानी के घने जंगलों में कई तरह के जानवर हैं, जो आमतौर पर कम ही देखने को मिलते हैं. वहीं वन विभाग के लोगों ने इस पैंगोलिन को पकड़कर उसे अपने संरक्षण में ले लिया है. पैंगोलिन दुर्लभ प्रजाति का स्तनधारी वन्य जीव है, जो अफ्रीका और एशिया में बहुत पाया जाता है. इसका शरीर खजूर के पेड़ के छिलकों जैसा कठोर और मजबूत शल्क से ढंका रहता है. भारत में इसे वज्रशल्क और चींटीखोर के नाम से भी जाना जाता है.
Intro:स्लग-सिलवानी के जंगल के फिर से मिला दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन

एंकर इन्ट्रो-पेंगोलिन प्राणी अफ्रीका और एशिया में बहुतायत पाया जाता हैं लेकिन मप्र में यह जीव दुर्लभ और बिलुप्त प्रजाति में माना जाता हैं। सिलवानी के जंगल मे एक बार फिर से मिला पेंगोलिन।

VO-रायसेन जिले के सिलवानी जमुनिया मेन स्टेट हाइवे 44 पर स्थित ग्राम उचैरा जमुनिया में एक बार फिर से (पेंगोलिन सलुआ के नाम से जाना जाता है जिसे ग्राम जमुनिया की सड़कों पर देखा गया जिसे ग्रामीण ने पकड़ कर वन विभाग की टीम को सोपा,दिया । वही जानकारी के अनुसार ऐसा जानवर बहुत ही कम दिखाई देता है ऐसा कि सिलवानी के घने जंगलों में कई प्रकार के जानवर है जिसमें आज रहवासी इलाके में ऐसे जानवर के आने से गांव के लोग अचंभित हो गए। वहीं वन विभाग के लोगों ने इस पैंगोलिन को पकड़कर उसे अपने संरक्षण में ले लिया है ।Body:स्लग-सिलवानी के जंगल के फिर से मिला दुर्लभ प्रजाति का पेंगोलिन


एंकर इन्ट्रो-पेंगोलिन प्राणी अफ्रीका और एशिया में बहुतायत पाया जाता हैं लेकिन मप्र में यह जीव दुर्लभ और बिलुप्त प्रजाति में माना जाता हैं। सिलवानी के जंगल मे एक बार फिर से मिला पेंगोलिन।

VO-रायसेन जिले के सिलवानी जमुनिया मेन स्टेट हाइवे 44 पर स्थित ग्राम उचैरा जमुनिया में एक बार फिर से (पेंगोलिन सलुआ के नाम से जाना जाता है जिसे ग्राम जमुनिया की सड़कों पर देखा गया जिसे ग्रामीण ने पकड़ कर वन विभाग की टीम को सोपा,दिया । वही जानकारी के अनुसार ऐसा जानवर बहुत ही कम दिखाई देता है ऐसा कि सिलवानी के घने जंगलों में कई प्रकार के जानवर है जिसमें आज रहवासी इलाके में ऐसे जानवर के आने से गांव के लोग अचंभित हो गए। वहीं वन विभाग के लोगों ने इस पैंगोलिन को पकड़कर उसे अपने संरक्षण में ले लिया है ।Conclusion:
Last Updated : Nov 2, 2019, 3:21 PM IST
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