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डिलीवरी के लिए सरकारी डॉक्टरों ने की पैसों की मांग, नहीं देने पर गलत इंजेक्शन लगाया

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Published : Oct 18, 2019, 10:58 PM IST

Updated : Oct 18, 2019, 11:51 PM IST

रायसेन के सुल्तानगंज शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बगैर रिश्वत दिए डिलीवरी नहीं हो रही है.

पैसें नहीं देने पर गलत इंजेक्शन से नवजात की मौत

रायसेन। मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था इस हद तक गिर जाएगी इसका अंजादा न तो प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी नहीं होगा और न ही स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट को. लेकिन ऐसा हो रहा है. मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित सुल्तानगंज में शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी कराने आई एक महिला के बच्चे की मौत हो गई. जब आप जानेंगे कि बच्चे कि मौत क्यों और कैसे हुई तो पाएंगे कि अस्पताल की डॉक्टर द्वारा मरीज से पैसों की मांग की जा रही थी.

गलत इंजेक्शन से नवजात की मौत

सुल्तानगंज में शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बिना पैसे दिए गृभवती महिलाओं की डिलीवरी नहीं की जा रही है. हालांकि सरकार ने डिलेवरी पर किसी भी प्रकार के शुल्क का एलान तो नहीं किया है लेकिन यहां बिना रुपयों के डिलेवरी नहीं हो रही है.

ऐसे ही अपनी पत्नि की डिलेवरी करने आए एक दलित व्यक्ति ने बताया कि उसके पास डिलीवरी कराने के लिए पैसे नहीं है इसलिए वह अपनी पत्नि को यहां सरकारी अस्पताल लेकर आया है. उस व्यक्ति के पैरों से जमीन तो तब खिसक जाती है जब उससे डिलीवरी के लिए अस्पताल की ओर पैसों की मांग की जाती है. पीड़ित युवक का आरोप है यहां डिलेवरी के लिए पैसों की मांग की जा रही है.

रायसेन। मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था इस हद तक गिर जाएगी इसका अंजादा न तो प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी नहीं होगा और न ही स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट को. लेकिन ऐसा हो रहा है. मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित सुल्तानगंज में शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी कराने आई एक महिला के बच्चे की मौत हो गई. जब आप जानेंगे कि बच्चे कि मौत क्यों और कैसे हुई तो पाएंगे कि अस्पताल की डॉक्टर द्वारा मरीज से पैसों की मांग की जा रही थी.

गलत इंजेक्शन से नवजात की मौत

सुल्तानगंज में शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बिना पैसे दिए गृभवती महिलाओं की डिलीवरी नहीं की जा रही है. हालांकि सरकार ने डिलेवरी पर किसी भी प्रकार के शुल्क का एलान तो नहीं किया है लेकिन यहां बिना रुपयों के डिलेवरी नहीं हो रही है.

ऐसे ही अपनी पत्नि की डिलेवरी करने आए एक दलित व्यक्ति ने बताया कि उसके पास डिलीवरी कराने के लिए पैसे नहीं है इसलिए वह अपनी पत्नि को यहां सरकारी अस्पताल लेकर आया है. उस व्यक्ति के पैरों से जमीन तो तब खिसक जाती है जब उससे डिलीवरी के लिए अस्पताल की ओर पैसों की मांग की जाती है. पीड़ित युवक का आरोप है यहां डिलेवरी के लिए पैसों की मांग की जा रही है.

Intro:रायसेन-जिले के सुल्तानगंज शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बगैर रिश्वत दिए नहीं होती डिलीवरी जो गरीब लोग रिश्वत नहीं दे पाते हैं उन्हें कर दिया जाता है रेफर।कुछ ऐसा ही मामला एक दलित परिवार का जो काफी सुर्खियों में है जहां एक पीड़ित चौक चौराहे एवं गलियों में लोगों से रो-रोकर बोलता है की 5 लड़कियों के बाद मेरा एक बेटा हुआ था जो नर्स की अड़ीबाजी में बलि चढ़ गया।और वही पीड़ित ने नर्स पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।


Body:रायसेन जिले के सुल्तानगंज शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बगैर रिश्वत दिए नहीं होती डिलीवरी जो गरीब लोग रिश्वत नहीं दे पाते हैं उन्हें कर दिया जाता है रेफर और जिन महिलाओं की अस्पताल पहुंचते ही डिलीवरी हो जाती है उन्हें तब तक अस्पताल से नहीं जाने दिया जाता तब तक परिजन नर्स को रिश्वत के पैसे नहीं देते और जो व्यक्ति रुपया देने का विरोध करता है उन लोगों के साथ नर्स बदतमीजी करती हैं और कुछ लोगों ने अगर शिकवा शिकायत की तब उन लोगों पर झूठे शासकीय कार्य में बाधा डालने के मुकदमे थाने में दर्ज करवा देती हैं वही शासकीय स्वस्थ केंद्र में 1 महीने में करीब 60 डिलीवरी होती हैं और इस अस्पताल से लगभग 65 गांव जुड़े हैं यहां नर्स की अड़ी बाजी के चलते कुछ गरीब परिवार के लोग अब मजबूरी बस घर में ही असुरक्षित महिलाओं की प्रस्तुति करवाने लगे हैं। वही पीड़ित कमलेश अहिरवार ने नर्स कंचन तिवारी पर आरोप लगाया है कि मेरी पत्नी अर्चना को प्रस्तुति का दर्द हो रहा था तब हम लोग उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे और रचना को भर्ती करा दिया इसके बाद नर्स ने 5000 की मांग की और कहा कि जब डिलीवरी होगी नहीं तो रेफर कर देते हैं इस बात पर कमलेश ने रुपए कम करने का आग्रह किया लेकिन नर्स ने उसकी एक बात नहीं मानी और 5000 लेने की अड़ी करती रही कमलेश अहिरवार ने रुपए जुटाने के लिए 1 दिन का समय मांगा इस बात पर नर्स राजी हो गई।वही डिलेवरी होने बाद बच्चे की हालत बिगड़ने लगी तो नर्स अलका ने बच्चे का सागर इलाज के लिए रेफर पर्चा बना दिया।लेकिन कंचन तिवारी कहा कि अस्पताल से बच्चे को तव ले जाने देंगे तब हमारे पैसे दोंगे।वही नर्स ने कहा कि पैसे ले आओ बच्चे को भी यही ठीक कर देंगे।पीड़ित कमलेश ने यहां वहां से पैसे जुटा कर नर्स को पैसे दे दिए। वही बच्चे को नर्स ने के इंजेक्शन भी लगाया जिससे हमारा बच्चा कुछ ही देर में और बीमार हो गया और उसकी हालत बिगड़ने लगी फिर हम लोगों ने फिर से कर्जा लेकर बच्चे को सागर इलाज के लिए निकले तो बच्चे ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया वही मैंने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर निष्पक्ष जांच की मांग की है जिससे मुझे न्याय मिल सके जिसका शिकायत क्रमांक 9469082 है।

Byte-कमलेश अहिरवार पीड़ित।

Byte-डॉ दिलीप वाडवूदे।


Conclusion:
Last Updated : Oct 18, 2019, 11:51 PM IST
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