रायसेन। रायसेन के गांव चांदना में ग्रामीण जलसंकट से जूझ रहे हैं. वहीं नलजल योजना के रखरखाव के लिए मिली राशि हड़पने का आरोप जिम्मेदारों पर लग रहा है. इस मामले में जिला पंचायत और पीएचई विभाग एक-दूसरे पर की जिम्मेदारी बताते हुए पल्ला झाड़ रहे हैं.
दरअसल, गांव चांदना में कुछ साल पहले पीएचई विभाग ने नल-जल योजना शुरू की थी, जिसका संचालन गांव की ही महिलाओं की एक समिति करती है. साल 2018 के मई माह में जिला पंचायत ने इस समिति को नलजल योजना के रखरखाव और मरम्मत के लिए 2 लाख 41 हजार रुपए की राशि दी थी. समिति की अध्यक्ष ने राशि मिलने के एक माह बाद ही समिति की उपाध्यक्ष के जाली हस्ताक्षर कर एक चेक अपने पति दुलीचंद के नाम जारी कर 1 लाख 10 हजार की राशि निकाल ली.
इस मामले में नलजल योजना समिति की सदस्यों से बातचीत की, तो सभी ने एक ही बात कही कि शासन ने 2 लाख 41 हजार रुपए की राशि एक साल पहले दी है, इस बात की उन्हें कोई जानकारी नहीं है और न ही अध्यक्ष ने ऐसा कुछ बताया है. वहीं इस साल जलसंकट की समस्या बढ़ने पर इसकी शिकायत पीएचई विभाग से की गई. कलेक्टर की जनसुनवाई में भी मामला रखा गया. इस मामले में समिति अध्यक्ष के पति ने बताया कि राशि से मोटर, स्टार्टर, और पाइप लाइन खरीदा गया है, लेकिन वह इसका कोई बिल नहीं दे सके.
जिला पंचायत के सीईओ ने मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने कहा कि इस तरह राशि का दुरुपयोग होना गलत है. समिति के सदस्यों को जानकारी में लेकर खरीदी करना चाहिये और बिल भी लेना चाहिए. वैसे इसकी मॉनिटरिंग पीएचई विभाग को करनी थी. वहीं पीएचई के कार्यपालन अधिकारी का कहना है कि जिला पंचायत द्वारा दी गई राशि का कहां और किस काम में उपयोग किया गया है, इसकी जानकारी ली जाएगी. समिति द्वारा किये काम का मूल्यांकन भी कराया जाएगा.