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नलजल योजना की राशि का गबन, समिति अध्यक्ष ने जाली हस्ताक्षर कर निकाले पैसे

रायसेन के गांव चांदना में नलजल योजना के रखरखाव के लिए जारी राशि के गबन का मामला सामने आया है. जिला पंचायत के सीईओ ने मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही है.

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Published : May 3, 2019, 3:31 PM IST

नलजल योजना की राशि का गबन

रायसेन। रायसेन के गांव चांदना में ग्रामीण जलसंकट से जूझ रहे हैं. वहीं नलजल योजना के रखरखाव के लिए मिली राशि हड़पने का आरोप जिम्मेदारों पर लग रहा है. इस मामले में जिला पंचायत और पीएचई विभाग एक-दूसरे पर की जिम्मेदारी बताते हुए पल्ला झाड़ रहे हैं.

दरअसल, गांव चांदना में कुछ साल पहले पीएचई विभाग ने नल-जल योजना शुरू की थी, जिसका संचालन गांव की ही महिलाओं की एक समिति करती है. साल 2018 के मई माह में जिला पंचायत ने इस समिति को नलजल योजना के रखरखाव और मरम्मत के लिए 2 लाख 41 हजार रुपए की राशि दी थी. समिति की अध्यक्ष ने राशि मिलने के एक माह बाद ही समिति की उपाध्यक्ष के जाली हस्ताक्षर कर एक चेक अपने पति दुलीचंद के नाम जारी कर 1 लाख 10 हजार की राशि निकाल ली.

नलजल योजना की राशि का गबन

इस मामले में नलजल योजना समिति की सदस्यों से बातचीत की, तो सभी ने एक ही बात कही कि शासन ने 2 लाख 41 हजार रुपए की राशि एक साल पहले दी है, इस बात की उन्हें कोई जानकारी नहीं है और न ही अध्यक्ष ने ऐसा कुछ बताया है. वहीं इस साल जलसंकट की समस्या बढ़ने पर इसकी शिकायत पीएचई विभाग से की गई. कलेक्टर की जनसुनवाई में भी मामला रखा गया. इस मामले में समिति अध्यक्ष के पति ने बताया कि राशि से मोटर, स्टार्टर, और पाइप लाइन खरीदा गया है, लेकिन वह इसका कोई बिल नहीं दे सके.

जिला पंचायत के सीईओ ने मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने कहा कि इस तरह राशि का दुरुपयोग होना गलत है. समिति के सदस्यों को जानकारी में लेकर खरीदी करना चाहिये और बिल भी लेना चाहिए. वैसे इसकी मॉनिटरिंग पीएचई विभाग को करनी थी. वहीं पीएचई के कार्यपालन अधिकारी का कहना है कि जिला पंचायत द्वारा दी गई राशि का कहां और किस काम में उपयोग किया गया है, इसकी जानकारी ली जाएगी. समिति द्वारा किये काम का मूल्यांकन भी कराया जाएगा.

रायसेन। रायसेन के गांव चांदना में ग्रामीण जलसंकट से जूझ रहे हैं. वहीं नलजल योजना के रखरखाव के लिए मिली राशि हड़पने का आरोप जिम्मेदारों पर लग रहा है. इस मामले में जिला पंचायत और पीएचई विभाग एक-दूसरे पर की जिम्मेदारी बताते हुए पल्ला झाड़ रहे हैं.

दरअसल, गांव चांदना में कुछ साल पहले पीएचई विभाग ने नल-जल योजना शुरू की थी, जिसका संचालन गांव की ही महिलाओं की एक समिति करती है. साल 2018 के मई माह में जिला पंचायत ने इस समिति को नलजल योजना के रखरखाव और मरम्मत के लिए 2 लाख 41 हजार रुपए की राशि दी थी. समिति की अध्यक्ष ने राशि मिलने के एक माह बाद ही समिति की उपाध्यक्ष के जाली हस्ताक्षर कर एक चेक अपने पति दुलीचंद के नाम जारी कर 1 लाख 10 हजार की राशि निकाल ली.

नलजल योजना की राशि का गबन

इस मामले में नलजल योजना समिति की सदस्यों से बातचीत की, तो सभी ने एक ही बात कही कि शासन ने 2 लाख 41 हजार रुपए की राशि एक साल पहले दी है, इस बात की उन्हें कोई जानकारी नहीं है और न ही अध्यक्ष ने ऐसा कुछ बताया है. वहीं इस साल जलसंकट की समस्या बढ़ने पर इसकी शिकायत पीएचई विभाग से की गई. कलेक्टर की जनसुनवाई में भी मामला रखा गया. इस मामले में समिति अध्यक्ष के पति ने बताया कि राशि से मोटर, स्टार्टर, और पाइप लाइन खरीदा गया है, लेकिन वह इसका कोई बिल नहीं दे सके.

जिला पंचायत के सीईओ ने मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने कहा कि इस तरह राशि का दुरुपयोग होना गलत है. समिति के सदस्यों को जानकारी में लेकर खरीदी करना चाहिये और बिल भी लेना चाहिए. वैसे इसकी मॉनिटरिंग पीएचई विभाग को करनी थी. वहीं पीएचई के कार्यपालन अधिकारी का कहना है कि जिला पंचायत द्वारा दी गई राशि का कहां और किस काम में उपयोग किया गया है, इसकी जानकारी ली जाएगी. समिति द्वारा किये काम का मूल्यांकन भी कराया जाएगा.

Intro:एकर-अभी तक सरकार की योजनाओ में प्रशासनिक अमले द्वारा आवंटित राशि का दुरुपयोग तो चर्चा में आते रहते है लेकिन अब सरकारी योजनाओं में रुपयों का दुरुपयोग जनप्रतिनिधि भी करने से बाज नही आ रहे है ।सरकार की योजनाओं में प्राप्त राशि अपने निजी उपयोग में लेना,राशि की जानकारी न देना तथा कोई लेखाजोखा न रखना आम बात हो गई है।ऐसा ही एक मामला जिला मुख्यालय रायसेन के समीप ग्राम चांदना में सामने आया है। जहां नलजल योजना के रखरखाब के लिए एक साल पूर्व मिली 2 लाख 41 हजार की राशि ही हड़पकर ली गई।दिलचस्प तो यह है कि जिला पंचायत और PHED विभाग जांच की कार्यवाही एक दूसरे पर डालकर अपना पल्ला झाड़ रहे है।हालात यह है कि ग्राम चांदना में आज ग्रामीण जलसंकट
दे जूझ रहे है।Body:
साँची विकास खंड के अंतर्गत आने बाले ग्राम चांदना में कुछ साल पहले PHED विभाग ने नल-जल योजना प्रारम्भ की थी। जिसका संचालन ग्राम की ही महिलाओं की एक समिति चलाती है। वर्ष 2018 के मई माह में जिला पंचायत द्वारा इस समिति को नलजल योजना के रखरखाब और मरम्मत के लिए 2 लाख 41 हजार रुपए की राशि दी गई।समिति की अध्यक्ष ने राशि मिलने के एक माह बाद ही समिति की उपाध्यक्ष के जाली हस्ताक्षर कर एक चेक अपने पति दुलीचंद के नाम जारी कर 1 लाख 10 हजार की राशि निकाल ली।जिसे न तो समिति सदस्यों को बताया न इस राशि की जानकारी दी।
बाइट- सुंदर बाई समिति की उपाध्यक्ष

बीओ02-इस मामले में जब हमने नलजल योजना समिति की सदस्यों से बातचीत की तो सभी ने एक ही बात कही कि शासन ने 2 लाख 41 हजार रुपए की राशि एक साल पहले दी है उसकी उन्हें कोई जानकारी नही है न अध्यक्ष ने बताई।जब इस साल जलसंकट बढ़ा तो इसकी शिकायत phed और कलेक्टर की जनसुनवाई में कई तो अधिकारी गांव आये और इस राशि की जानकारी दी।

बाइट-समिति की सदस्य महिलाएं

बीओ-03-इस मामले में जब समिति की अध्यक्ष से बात करने की कोशिश की तो वह कैमरे के सामने ही नही आई। उनके पति ने बताया कि राशि से हमने मोटर,स्टार्टर,और पाइप लाइन खरीदी है। लेकिन वह कोई बिल आदि नही बता पाए।

बाइट-दुलीचंद अध्यक्ष पति

बीओ04- इस मामले ने जब जिला पंचायत के ACEO से बात की तो उन्होंने कहा कि आपके द्वारा ही जानकारी मिली है। वह दिखबाते है।उन्होंने कहा कि इस तरह राशि का दुरुपयोग गलत है।समिति के सदस्यों को जानकारी में लेकर खरीदी करना चाहिये और बिल भी लेना चाहिए।वैसे इसकी मॉनिटरिंग PHED को करना थी।

बाइट- पंकज जैन ACEO जिला पंचायत

बीओ5-इस मामले में PHED के कार्यपालन अधिकारी का कहना है कि जिला पंचायत द्वारा जो राशि दी गई है समिति द्वारा किये काम का हम मूल्यांकन कराएंगे।वैसे PHED ने जलसंकट को देखते हुए अलग से वहां काम कराए है।

बाइट-रामकुमार सिंह राजपूत EE PHEDConclusion:
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