रायसेन। भले ही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कितनी भी दलित और महिला उत्थान की बात कर लें लेकिन मध्यप्रदेश में दलित और महिलाओं पर अत्याचार नहीं थम रहा, मामा की भांजिया प्रदेश में ही असुरक्षित हैं. रायसेन जिले के देवरी थाना अंतर्गत ग्राम उतका में कक्षा 7वीं की नाबालिग छात्रा ने अपने ही गांव के युवक की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने जांच और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आधार पर आरोपी पर मामला दर्ज किया है.
ये है पूरा मामला
उदयपुरा तहसील के थाना देवरी अंतर्गत उतका गांव में एक 14 साल की दलित छात्रा को गांव के ही एक युवक के द्वारा शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था. 20 जून को लड़की की मां, भाई और बहन नजदीकी कानीवाड़ा गांव में मूंग काटने गए हुए थे और पिता उदयपुरा बाजार में अगरबत्ती बेचने गया था. इस दौरान लड़की ने प्रताड़ना से तंग आकर घर के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
घटना के बाद देवरी पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर 21 जून को तीन डॉक्टरों के पैनल ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुरा में शव का पोस्टमार्टम किया. बुधवार को SDOP और एडिशनल एसपी द्वारा 4 घंटे परिजनों से पूछताछ की गई. मृतका की बड़ी बहन ने बताया कि आरोपी लगातार पिछले डेढ़ दो महीने से उसकी छोटी बहन के साथ गलत काम करता था और घरवालों या किसी भी व्यक्ति को बताने पर जान से मारने की धमकी देता था, इसी प्रताड़ना से तंग आकर बहन ने यह कदम उठाया. वो डर के कारण यह बात माता-पिता को नही बता पा रही थी.
पुलिस की पूछताछ के बाद मामला खुलकर सामने आया कि शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना के कारण छात्रा ने तंग आकर आत्महत्या की है. पुलिस ने शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की विभिन्न आईपीसी, एससी एसटी एक्ट, पॉक्सो और अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है. एसएफएल की रिपोर्ट और अन्य रिपोर्ट आना अभी बाकी हैं. प्री मेडिकल पोस्टमार्टम की रिपोर्ट और गवाहों के आधार पर मामला पंजीबद्ध किया है.