रायसेन। कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान कारोबार बंद होने से हजारों की संख्या में मजदूर बेरोजगार हुए हैं. जिसका सबसे ज्यादा असर दूसरे राज्यों और जिलों में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है. जो अपने गांव वापस आने के बाद बेरोजगारी के चलते अपना जीवन यापन करने में भी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. इसी के तहत इन प्रवासी मजदूरों और ग्राम वासियों को रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा योजना के तहत सरकार ने जन संरक्षण में खेत, तालाब, जल निकासी ,सीसी रोड निर्माण कार्य सहित कई काम प्रारंभ किए हैं. जिससे संकट की इस घड़ी में मजदूरों को रोजगार मिल सके.
![Workers got work under MNREGA scheme in Raisen district](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7502823_1049_7502823_1591440863606.png)
दरअसल, रायसेन जिले की सांची जनपद पंचायत के शाहपुरा में मनरेगा के माध्यम से जन संरक्षण, सोख्ता गड्ढा, तालाब और सीसी रोड निर्माण सहित कई निर्माण कार्य कराया जा रहा है. जिसके चलते गांव के करीब 70 प्रतिशत प्रवासी मजदूरों और ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है.
छतरपुर जिले के प्रवासी मजदूर हनीफ का कहना है कि लॉकडाउन में काम बंद होने के कारण वह बेरोजगार हो गए थे. जिसके कारण वह अपने गांव वापस आ गए हैं. लेकिन गांव लौटने के बाद डॉक्टरों के परीक्षण उपरांत 14 दिन क्वॉरेंटाइन रखा गया था.
लेकिन होम क्वॉरेंटाइन की अवधि पूर्ण होने के बाद मनरेगा के तहत उन्हें गांव में ही जल संरक्षण में सोख्ता गड्ढा निर्माण का कार्य करने के लिए रोजगार उपलब्ध कराया गया है.