रायसेन। देश का हर आम नागरिक अपना बहुमूल्य वोट जनप्रतिनिधियों को इसलिए देता है. ताकि वह जीतकर क्षेत्र में बुनियादी जरुरतों को पूरा कर सके. लेकिन रायसेन जिले का दुनाए गांव बदहाली के आंसू रोने को मजबूर है. यहां पीने की पानी की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. यहां के पारंपारिक जलस्त्रोत भीषण गर्मी के चलते सूख गए हैं. बावजूद इसके यहां कोई भी जनप्रतिनिधि क्षेत्रीय लोगों की समस्या सुनने के लिए तैयार नहीं है.
राजधानी भोपाल से करीब 45 किलोमीटर दूर रायसेन के दुनाए गांव में सरकार की योजनाएं दूर की कौड़ी साबित होती दिख रही हैं. गांव में ना तो पानी की व्यवस्था है और ना ही बच्चों के लिए स्कूल. बिजली भी कभी कभार ही आती है. इन सब के बीच आज तक दुनाए गांव सभी मूलभूत सुविधाओं से कोसो दूर है.
दुनाए गांव के ग्रामीणों का कहना है कि गर्मी आते ही गांव में पानी की समस्या खड़ी हो जाती है. गांव के सभी पारंपारिक जल स्त्रोत सूख जाते हैं. शहर के ओर जाने वाली सड़क के लिए कई बार आवेदन देने के बावजूद भी उस पर आज तक सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया है. ग्रामीण ने कहा कि गांव में बिजली की लाइन ही नहीं डल पाई है. जिसके कारण गांव में अंधेरा पसरा रहता है.
कहने के लिए तो पूर्व मंत्री और विधायक सुरेंद्र पटवा इसी क्षेत्र से विधायक है. इसके बाद भी उनके विधानसभा क्षेत्र के दुनाए गांव की दशा दयनीय है. अब देखना होगा कि लोकसभा चुनाव के बाद जीनने वाला प्रत्याशी गांव की अव्यवस्थाओं को ठीक कर पायेंगे या नहीं.