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Sawan Somwar 2022: पहले सोमवार को भोजपुर शिव मंदिर पर दिखा भक्तों का सैलाब, गूंजे हर-हर महादेव के जयकारे

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Published : Jul 18, 2022, 8:37 PM IST

सावन के पहले सोमवार के अवसर पर भोजपुर के ऐतिहासिक शिव मंदिर में सुबह से ही भोलेनाथ के दर्शनों के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटी. राजधानी भोपाल से महज 32 किमी दूर इस मंदिर में सावन में मेला लगता है, जहां देश और प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों से भगवान भोलेनाथ के दर्शनों के लिये श्रद्धालु आते हैं. (Sawan Somwar 2022) (har har mahadev cheers resonated in Bhojpur)

har har mahadev cheers resonated in Bhojpur Shiv Temple
सावन सोमवार को भोजपुर शिव मंदिर पर दिखा भक्तों का सैलाब

रायसेन। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सावन के पवित्र माह में भगवान शिव के भक्त शिव मंदिरों में कतार लगाते हुए देखे गए, सावन के पहले सोमवार में भक्त ने बड़ी संख्या में शिवलिंग पर पवित्र जल का अर्पण किया. प्रदेश की राजधानी से महज 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रायसेन के प्राचीन भोजेश्वर धाम शिव मंदिर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु ने बाबा भोलेनाथ के दर्शन किए.(Sawan Somwar 2022) (har har mahadev cheers resonated in Bhojpur)

भोजपुर शिव मंदिर पर गूंजे हर-हर महादेव के जयकारे

सुबह से नजर आईं लंबी कतारें: भोजपुर के इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर में स्थित शिवलिंग को दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग भी कहा जाता है, सावन के पहले सोमवार के दिन सुबह से ही भगवान भोलेनाथ के दर्शनों के लिए लंबी लंबी कतारें लगी नजर आईं. भक्तगढ़ भगवान को जल चढ़ाने के लिए पहुंचे, वहीं प्रशासन ने चाक- चौबंद व्यवस्था की हुई थी.

भोजपुर का इतिहास: भोजपुर की पहाड़ियों पर स्थित इस मंदिर को भोजेश्वर के नाम से जाना जाता है. कहा जाता कि मंदिर में स्थित शिवलिंग विश्व का सबसे प्राचीन शिवलिंग माना जाता है. साथ ही मंदिर में शिव-पार्वती के साथ-साथ ब्रहाा-सरस्वती, राम-सीता और विष्णुजी और लक्ष्मीजी की मूर्तियां भी स्थापित हैं.

Baba Mahakal Sawari Ujjain : मनमहेश रूप में नगर भ्रमण पर प्रजा का हाल जानने निकले बाबा महाकाल

साल भर रहती है भीड़: इस मंदिर का निर्माण परमार वंश के प्रसिद्ध राजा भोज ने करवाया था. साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक ही रात में किया गया था. जिसके चलते यह अधूरा भी है क्योंकि इसको बनाते-बनाते सुबह हो गयी थी. जिसके चलते इस निर्माण अधूरा ही छोड़ दिया गया था. अपनी इन्हीं सब प्रसिद्धियों के कारण से मंदिर में साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है.

रायसेन। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सावन के पवित्र माह में भगवान शिव के भक्त शिव मंदिरों में कतार लगाते हुए देखे गए, सावन के पहले सोमवार में भक्त ने बड़ी संख्या में शिवलिंग पर पवित्र जल का अर्पण किया. प्रदेश की राजधानी से महज 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रायसेन के प्राचीन भोजेश्वर धाम शिव मंदिर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु ने बाबा भोलेनाथ के दर्शन किए.(Sawan Somwar 2022) (har har mahadev cheers resonated in Bhojpur)

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सुबह से नजर आईं लंबी कतारें: भोजपुर के इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर में स्थित शिवलिंग को दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग भी कहा जाता है, सावन के पहले सोमवार के दिन सुबह से ही भगवान भोलेनाथ के दर्शनों के लिए लंबी लंबी कतारें लगी नजर आईं. भक्तगढ़ भगवान को जल चढ़ाने के लिए पहुंचे, वहीं प्रशासन ने चाक- चौबंद व्यवस्था की हुई थी.

भोजपुर का इतिहास: भोजपुर की पहाड़ियों पर स्थित इस मंदिर को भोजेश्वर के नाम से जाना जाता है. कहा जाता कि मंदिर में स्थित शिवलिंग विश्व का सबसे प्राचीन शिवलिंग माना जाता है. साथ ही मंदिर में शिव-पार्वती के साथ-साथ ब्रहाा-सरस्वती, राम-सीता और विष्णुजी और लक्ष्मीजी की मूर्तियां भी स्थापित हैं.

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साल भर रहती है भीड़: इस मंदिर का निर्माण परमार वंश के प्रसिद्ध राजा भोज ने करवाया था. साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक ही रात में किया गया था. जिसके चलते यह अधूरा भी है क्योंकि इसको बनाते-बनाते सुबह हो गयी थी. जिसके चलते इस निर्माण अधूरा ही छोड़ दिया गया था. अपनी इन्हीं सब प्रसिद्धियों के कारण से मंदिर में साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है.

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